ETV Bharat / state

Uttarakhand Politics: प्रीतम बोले- भीतरघात के गंभीर आरोप के बावजूद नेताओं की पार्टी में वापसी गलत - Uttarakhand Politics

प्रदेश में विधानसभा चुनाव में माननीय बनने के सपने देखने वाले नेता और उसके समर्थक अक्सर पार्टी से बगावत करते दिखे हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि बगावत करने वाले नेताओं को पार्टी से बाहर करने के बाद कुछ समय बाद फिर वापस ले लिया जाता है. वहीं कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस प्रक्रिया को गलत बताया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Feb 19, 2023, 12:06 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 12:17 PM IST

भीतरघात करने वाले नेताओं की वापसी पर बोलते प्रीतम सिंह.

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे कई नेता रहे हैं, जिन पर भितरघात के गंभीर आरोप भी लगे और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया. लेकिन चुनाव के बात कुछ नेताओं की वापसी भी कर ली गई. पार्टी के भीतर इन्हीं स्थितियों को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह से किए गए सवाल पर उन्होंने बड़ा बयान देते हुए ऐसी प्रक्रिया को गलत करार दे दिया है.

प्रीतम ने घर वापसी पर उठाए सवाल: उत्तराखंड कांग्रेस में अनुशासनहीनता के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. इस दौरान कम मौके ही होते हैं, जब पार्टी भितरघात से जुड़े मामलों पर कार्रवाई कर पाती है. लेकिन परेशानी तब खड़ी हो जाती है जब पहले पार्टी बगावत करने वालों पर कार्रवाई करती है और फिर फौरन उन्हें घर वापसी भी करा लेती है. इन स्थितियों में अक्सर कई नेता अपना विरोध भी दर्ज करा देते हैं. फिलहाल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह इस मामले में पार्टी संगठन स्तर पर होने वाली ऐसी प्रक्रियाओं को गलत ठहरा रहे हैं. वैसे तो विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के कई प्रत्याशियों ने विधानसभाओं में भितरघात होने की शिकायतें की और संगठन से ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की भी मांग की. लेकिन संगठन इस मामले में उदासीन बना रहा. यही नहीं अनुशासन समिति का अध्यक्ष पर भी लंबे समय तक खाली रहा और पार्टी संगठन को इस पद को भरने की जरूरत भी महसूस नहीं हुई. हालांकि इन स्थितियों को पार्टी और पार्टी के नेता भी पचा गए.
पढ़ें-Chardham Yatra 2023: चारधाम यात्रा में तैनात की जाएगी टूरिज्म पुलिस, जानिए तैयारियों पर क्या बोले सतपाल महाराज

कार्यकर्ता होते हैं असहज: लेकिन विवाद की वजह वह नेता बन गए जो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में काम करने के चलते पार्टी से बाहर भी किए गए और चुनाव होते ही फौरन उन्हें पार्टी में वापस भी ले लिया गया. ऐसी स्थितियों पर अक्सर तमाम नेता अपनी नाराजगी भी जाहिर करते रहे हैं. फिलहाल पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधानसभा से विधायक प्रीतम सिंह ने पार्टी में इस तरह की प्रक्रियाओं को गलत ठहराया है.प्रीतम सिंह ने कहा कि जिन नेताओं पर गंभीर आरोप लगते हैं उनको पहले तो पार्टी संगठन पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देता है और उसके बाद फौरन इनकी वापसी भी करा दी जाती है, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि संगठन स्तर पर ऐसे लोगों को पार्टी के भीतर लेने से न केवल पार्टी प्रत्याशी का मनोबल कमजोर होता है. बल्कि तमाम पार्टी के कार्यकर्ता भी ऐसी स्थिति में असहज महसूस करते हैं. प्रीतम सिंह के इस बयान को पिछले दिनों पार्टी में सदस्यता के दौरान बागियों को वापसी कराने से जोड़कर देखा जा रहा है.

भीतरघात करने वाले नेताओं की वापसी पर बोलते प्रीतम सिंह.

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे कई नेता रहे हैं, जिन पर भितरघात के गंभीर आरोप भी लगे और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया. लेकिन चुनाव के बात कुछ नेताओं की वापसी भी कर ली गई. पार्टी के भीतर इन्हीं स्थितियों को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह से किए गए सवाल पर उन्होंने बड़ा बयान देते हुए ऐसी प्रक्रिया को गलत करार दे दिया है.

प्रीतम ने घर वापसी पर उठाए सवाल: उत्तराखंड कांग्रेस में अनुशासनहीनता के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. इस दौरान कम मौके ही होते हैं, जब पार्टी भितरघात से जुड़े मामलों पर कार्रवाई कर पाती है. लेकिन परेशानी तब खड़ी हो जाती है जब पहले पार्टी बगावत करने वालों पर कार्रवाई करती है और फिर फौरन उन्हें घर वापसी भी करा लेती है. इन स्थितियों में अक्सर कई नेता अपना विरोध भी दर्ज करा देते हैं. फिलहाल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह इस मामले में पार्टी संगठन स्तर पर होने वाली ऐसी प्रक्रियाओं को गलत ठहरा रहे हैं. वैसे तो विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के कई प्रत्याशियों ने विधानसभाओं में भितरघात होने की शिकायतें की और संगठन से ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की भी मांग की. लेकिन संगठन इस मामले में उदासीन बना रहा. यही नहीं अनुशासन समिति का अध्यक्ष पर भी लंबे समय तक खाली रहा और पार्टी संगठन को इस पद को भरने की जरूरत भी महसूस नहीं हुई. हालांकि इन स्थितियों को पार्टी और पार्टी के नेता भी पचा गए.
पढ़ें-Chardham Yatra 2023: चारधाम यात्रा में तैनात की जाएगी टूरिज्म पुलिस, जानिए तैयारियों पर क्या बोले सतपाल महाराज

कार्यकर्ता होते हैं असहज: लेकिन विवाद की वजह वह नेता बन गए जो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में काम करने के चलते पार्टी से बाहर भी किए गए और चुनाव होते ही फौरन उन्हें पार्टी में वापस भी ले लिया गया. ऐसी स्थितियों पर अक्सर तमाम नेता अपनी नाराजगी भी जाहिर करते रहे हैं. फिलहाल पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधानसभा से विधायक प्रीतम सिंह ने पार्टी में इस तरह की प्रक्रियाओं को गलत ठहराया है.प्रीतम सिंह ने कहा कि जिन नेताओं पर गंभीर आरोप लगते हैं उनको पहले तो पार्टी संगठन पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देता है और उसके बाद फौरन इनकी वापसी भी करा दी जाती है, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि संगठन स्तर पर ऐसे लोगों को पार्टी के भीतर लेने से न केवल पार्टी प्रत्याशी का मनोबल कमजोर होता है. बल्कि तमाम पार्टी के कार्यकर्ता भी ऐसी स्थिति में असहज महसूस करते हैं. प्रीतम सिंह के इस बयान को पिछले दिनों पार्टी में सदस्यता के दौरान बागियों को वापसी कराने से जोड़कर देखा जा रहा है.

Last Updated : Feb 19, 2023, 12:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.