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ताबड़तोड़ रैलियों से जनाधार जुटाने की मची होड़, मिशन 2022 के लिए दलों ने लगाया जोर

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Published : Sep 3, 2021, 10:47 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 10:56 PM IST

उत्तराखंड विस. चुनाव को देखते हुए सियासी दलों में जोर अजमाइश का खेल शुरू हो गया है. एक दूसरे के गढ़ में सेंधमारी करने के लिए प्रदेश के राजनीतिक दल रैलियां और यात्राएं कर रहे हैं. आज भाजपा ने श्रीनगर में जन आशीर्वाद रैली निकाली तो वहीं, कांग्रेस ने भी सीएम धामी के गढ़ खटीमा में परिवर्तन रैली की.

rallies-started-before-the-assembly-elections-in-uttarakhand
विस. चुनाव से पहले शुरू हुआ ताबड़तोड़ रैलिया का दौर

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है. जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने रैलियों का आगाज कर दिया है. कांग्रेस ने जहां आज खटीमा से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की तो वहीं, भाजपा ने भी जन आशीर्वाद यात्रा से चुनावी बिगुल फूंक दिया. आप पहले से ही प्रदेश में युवाओं के जोड़ने के लिए युवा संवाद कार्यक्रम कर रही है. आखिर राजनैतिक दलों की इन रैलियों के क्या मायने हैं आइए जानते हैं

अगले साल देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड भी एक सियासी अखाड़ा बनने जा रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अभी से सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना वर्चस्व दिखाना शुरू कर दिया है. वर्चस्व दिखाने के लिए राजनीतिक पार्टियां भीड़ का सहारा लेती है. इसके लिए रैलियां, यात्राएं निकाली जाती है. जिससे पार्टियां जनाधार जुटाने के साथ ही जनता से जुड़ाव दिखाने की कोशिश करती हैं. उत्तराखंड में भी इन दिनों राजनैतिक दल रैलिया और यात्राएं कर रहे हैं.

पढ़ें-BJP की जन आशीर्वाद रैली में खाली दिखीं कुर्सियां, सोशल मीडिया में VIDEO वायरल

शुक्रवार को भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की पुरानी विधानसभा गढ़वाल के केंद्र बिंदु श्रीनगर से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार के मुखिया सीएम धामी की विधानसभा खटीमा में सेंधमारी करते हुए आज अपनी परिवर्तन यात्रा का आगाज किया. इसके अलावा उत्तराखंड में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी की बात करें तो अरविंद केजरीवाल पहले ही 16 अगस्त को देहरादून में अपना दमखम दिखा कर वापस जा चुके हैं.

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श्रीनगर जन आशीर्वाद रैली में पहुंचे सीएम धामी

पढ़ें-'पंज प्यारे' बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, नानकमत्ता साहिब में लगाई झाड़ू, साफ किए जूते

श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा: शुक्रवार को श्रीनगर में हुई भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा मे जनता का उतना ज्यादा आशीर्वाद भाजपा को दिखता हुआ नजर नहीं आया जितना भाजपा ग्राउंड पर अपनी पकड़ बताती है. सत्ता में होने का फायदा यहां भाजपा को जरूर मिलेगा. जिस तरह से आज श्रीनगर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित तीन कैबिनेट मंत्री और आसपास की विधानसभाओं के विधायक मौजूद रहे, उससे जनता में मैसेज देने की कोशिश की गई.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा

चुनावी प्रबंधन में खुद को एक कदम आगे बताने वाली भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत श्रीनगर में आज भाजपा की जन आश्रीवाद यात्रा का आगाज हुआ, लेकिन विश्लेषण अगर आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर किया जाय तो भाजपा की इस रैली में केवल 75 फीसदी भीड़ ही नजर आई. इस रैली में खाली कुर्सियां दूर से नजर आ रही थी.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में खाली कुर्सियां

पढ़ें- 'पंज प्यारे' वाले बयान पर हरीश रावत का विरोध, AAP ने दिखाए कांडे झंडे

वहीं सत्ता में होने का फायदा उठाते हुए भाजपा ने आज अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में श्रीनगर को नगर निगम बनाने की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर को पार्किंग, ऑक्सीजन प्लांट जैसी कई सौगातें भी दी. इसके अलावा आज की रैली में सबसे खास बात पुष्कर सिंह धामी थे, जो रैली तो श्रीनगर में कर रहे थे, मगर उनका पूरा ध्यान खटीमा में रैली कर रहे हरीश रावत पर था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बार बार अपने करीबियों से खटीमा में कांग्रेस की भीड़ का अपडेट भी ले रहे थे.

पढ़ें- उत्तराखंड के सपनों को कब लगेंगे पंख, आखिर कब आएगी मेट्रो, जानें कहां अटकी है गाड़ी

धामी के गढ़ खटीमा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा: कांग्रेस की बात करें जिस तरह से पिछले 5 सालों में कांग्रेस का ग्राफ गिरा है उस लिहाज से अब कांग्रेस के लिए हालात करो या मरो वाले हैं. यही वजह है कि अब तक आपस में भीड़ रही कांग्रेस आज सत्ता की आस लगाए एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़ी हो रही है. दूसरी तरफ सरकार की एंटी इनकंबेंसी भी कांग्रेस की इस परिवर्तन यात्रा में घी का काम कर रही है.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
कांग्रेस की रैली

कांग्रेस ने आज खटीमा से अपनी परिवर्तन यात्रा का आगाज किया. यह वही खटीमा है जहां से भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं. खटीमा में परिवर्तन यात्रा के दौरान मंच पर सभी कांग्रेसी एक दूसरे के साथ कदमताल करते नजर आए. हालांकि वो बात अलग है कि अब तक सियासी गलियारों में जिन नेताओं को एक दूसरे का धुर विरोधी बताया जा रहा था वह नेता आज सत्ता पाने के लिए एकजुट होकर आवाज लगा रहे हैं.

पढ़ें- BJP की जन आशीर्वाद रैली में खाली दिखीं कुर्सियां, सोशल मीडिया में VIDEO वायरल

खटीमा से शुरू हुई कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में कांग्रेस में एक बार फिर से और लोकायुक्त के जिन्न को बाहर निकालने की कोशिश करती दिखी. कांग्रेस का कहना है अगर उनकी सरकार आती है तो भ्रष्टाचार पर पहला प्रहार लोकायुक्त के गठन से होगा. हालांकि जैसा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रीनगर में रैली में महसूस कर रहे थे, वैसा भाव कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के चेहरे पर देखने को नहीं मिला.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
एक मंच पर दिखे कांग्रेस नेता

पढ़ें- श्रीनगर को जन आशीर्वाद: CM धामी ने दी नगर निगम की सौगात

केजरीवाल देहरादून में कर चुके हैं रैली: उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस लगातार एक के बाद एक सरकार बनाती आई है, लेकिन इस बार चुनाव में थोड़ा ट्विस्ट है. इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में खड़ी है.आम आदमी पार्टी इस चुनावी चौसर में भाजपा और कांग्रेस से एक कदम आगे हैं. इसका ही नतीजा है कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही अपना पूरा दमखम उत्तराखंड में दिखा चुके हैं. बीते 17 अगस्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देहरादून में एक बड़ी रैली की. जिसमें आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. इस रैली में उत्तराखंड की 70 विधानसभाओं से लोग आए थे, लिहाजा आम आदमी पार्टी की यह रैली प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं की थी.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
देहरादून में अरविंद केजरीवाल की रैली

पढ़ें- 'पंज प्यारे' बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, नानकमत्ता साहिब में लगाई झाड़ू, साफ किए जूते

साल चुनावी है लिहाजा उत्तराखंड में अब इस तरह की जनसभाएं और बड़ी रैलियों का दौर चलता रहेगा. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे इन जनसभाओं और रैलियों की संख्या और स्तर बढ़ता जाएगा. साथ ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए जाने वाले लोकलुभावन वादों का दौर भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा. अब ये रैलियां, यात्राएं और जनसभाएं जनता के मूड पर कितना असर डालती हैं ये तो आने वाले चुनावों में ही पता चल पाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है. जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने रैलियों का आगाज कर दिया है. कांग्रेस ने जहां आज खटीमा से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की तो वहीं, भाजपा ने भी जन आशीर्वाद यात्रा से चुनावी बिगुल फूंक दिया. आप पहले से ही प्रदेश में युवाओं के जोड़ने के लिए युवा संवाद कार्यक्रम कर रही है. आखिर राजनैतिक दलों की इन रैलियों के क्या मायने हैं आइए जानते हैं

अगले साल देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड भी एक सियासी अखाड़ा बनने जा रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अभी से सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना वर्चस्व दिखाना शुरू कर दिया है. वर्चस्व दिखाने के लिए राजनीतिक पार्टियां भीड़ का सहारा लेती है. इसके लिए रैलियां, यात्राएं निकाली जाती है. जिससे पार्टियां जनाधार जुटाने के साथ ही जनता से जुड़ाव दिखाने की कोशिश करती हैं. उत्तराखंड में भी इन दिनों राजनैतिक दल रैलिया और यात्राएं कर रहे हैं.

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शुक्रवार को भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की पुरानी विधानसभा गढ़वाल के केंद्र बिंदु श्रीनगर से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार के मुखिया सीएम धामी की विधानसभा खटीमा में सेंधमारी करते हुए आज अपनी परिवर्तन यात्रा का आगाज किया. इसके अलावा उत्तराखंड में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी की बात करें तो अरविंद केजरीवाल पहले ही 16 अगस्त को देहरादून में अपना दमखम दिखा कर वापस जा चुके हैं.

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श्रीनगर जन आशीर्वाद रैली में पहुंचे सीएम धामी

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श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा: शुक्रवार को श्रीनगर में हुई भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा मे जनता का उतना ज्यादा आशीर्वाद भाजपा को दिखता हुआ नजर नहीं आया जितना भाजपा ग्राउंड पर अपनी पकड़ बताती है. सत्ता में होने का फायदा यहां भाजपा को जरूर मिलेगा. जिस तरह से आज श्रीनगर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित तीन कैबिनेट मंत्री और आसपास की विधानसभाओं के विधायक मौजूद रहे, उससे जनता में मैसेज देने की कोशिश की गई.

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श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा

चुनावी प्रबंधन में खुद को एक कदम आगे बताने वाली भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत श्रीनगर में आज भाजपा की जन आश्रीवाद यात्रा का आगाज हुआ, लेकिन विश्लेषण अगर आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर किया जाय तो भाजपा की इस रैली में केवल 75 फीसदी भीड़ ही नजर आई. इस रैली में खाली कुर्सियां दूर से नजर आ रही थी.

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श्रीनगर में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में खाली कुर्सियां

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वहीं सत्ता में होने का फायदा उठाते हुए भाजपा ने आज अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में श्रीनगर को नगर निगम बनाने की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर को पार्किंग, ऑक्सीजन प्लांट जैसी कई सौगातें भी दी. इसके अलावा आज की रैली में सबसे खास बात पुष्कर सिंह धामी थे, जो रैली तो श्रीनगर में कर रहे थे, मगर उनका पूरा ध्यान खटीमा में रैली कर रहे हरीश रावत पर था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बार बार अपने करीबियों से खटीमा में कांग्रेस की भीड़ का अपडेट भी ले रहे थे.

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धामी के गढ़ खटीमा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा: कांग्रेस की बात करें जिस तरह से पिछले 5 सालों में कांग्रेस का ग्राफ गिरा है उस लिहाज से अब कांग्रेस के लिए हालात करो या मरो वाले हैं. यही वजह है कि अब तक आपस में भीड़ रही कांग्रेस आज सत्ता की आस लगाए एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़ी हो रही है. दूसरी तरफ सरकार की एंटी इनकंबेंसी भी कांग्रेस की इस परिवर्तन यात्रा में घी का काम कर रही है.

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कांग्रेस की रैली

कांग्रेस ने आज खटीमा से अपनी परिवर्तन यात्रा का आगाज किया. यह वही खटीमा है जहां से भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं. खटीमा में परिवर्तन यात्रा के दौरान मंच पर सभी कांग्रेसी एक दूसरे के साथ कदमताल करते नजर आए. हालांकि वो बात अलग है कि अब तक सियासी गलियारों में जिन नेताओं को एक दूसरे का धुर विरोधी बताया जा रहा था वह नेता आज सत्ता पाने के लिए एकजुट होकर आवाज लगा रहे हैं.

पढ़ें- BJP की जन आशीर्वाद रैली में खाली दिखीं कुर्सियां, सोशल मीडिया में VIDEO वायरल

खटीमा से शुरू हुई कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में कांग्रेस में एक बार फिर से और लोकायुक्त के जिन्न को बाहर निकालने की कोशिश करती दिखी. कांग्रेस का कहना है अगर उनकी सरकार आती है तो भ्रष्टाचार पर पहला प्रहार लोकायुक्त के गठन से होगा. हालांकि जैसा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रीनगर में रैली में महसूस कर रहे थे, वैसा भाव कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के चेहरे पर देखने को नहीं मिला.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
एक मंच पर दिखे कांग्रेस नेता

पढ़ें- श्रीनगर को जन आशीर्वाद: CM धामी ने दी नगर निगम की सौगात

केजरीवाल देहरादून में कर चुके हैं रैली: उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस लगातार एक के बाद एक सरकार बनाती आई है, लेकिन इस बार चुनाव में थोड़ा ट्विस्ट है. इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में खड़ी है.आम आदमी पार्टी इस चुनावी चौसर में भाजपा और कांग्रेस से एक कदम आगे हैं. इसका ही नतीजा है कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही अपना पूरा दमखम उत्तराखंड में दिखा चुके हैं. बीते 17 अगस्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देहरादून में एक बड़ी रैली की. जिसमें आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. इस रैली में उत्तराखंड की 70 विधानसभाओं से लोग आए थे, लिहाजा आम आदमी पार्टी की यह रैली प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं की थी.

Rallies started before the assembly elections in Uttarakhand
देहरादून में अरविंद केजरीवाल की रैली

पढ़ें- 'पंज प्यारे' बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, नानकमत्ता साहिब में लगाई झाड़ू, साफ किए जूते

साल चुनावी है लिहाजा उत्तराखंड में अब इस तरह की जनसभाएं और बड़ी रैलियों का दौर चलता रहेगा. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे इन जनसभाओं और रैलियों की संख्या और स्तर बढ़ता जाएगा. साथ ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए जाने वाले लोकलुभावन वादों का दौर भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा. अब ये रैलियां, यात्राएं और जनसभाएं जनता के मूड पर कितना असर डालती हैं ये तो आने वाले चुनावों में ही पता चल पाएगा.

Last Updated : Sep 3, 2021, 10:56 PM IST
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