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डोईवाला: बेमौसमी बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी - Doiwala Wheat Crop

बेमौसम हुई बारिश ने क्षेत्र के किसानों की दिक्कत बढ़ा दी है. बारिश के चलते खेतों में खड़ी गेहूं की फसल का दाना काला पड़ने की संभावना बढ़ गई है.

Doiwala Wheat Crop
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Published : Apr 23, 2021, 3:56 PM IST

डोईवाला: बेमौसम बारिश ने जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दी है, तो वहीं इस बारिश में किसानों की परेशानी बढ़ा दी हैं. बीते दो दिनों से हो रही बारिश ने की वजह से डोईवाला क्षेत्र में किसानों की तैयारी खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. बारिश के कारण खेतों में खड़े गेहूं की फसल का दाना काला पड़ने की संभावना बढ़ गई है.

डोईवाला के किसान उम्मेद गोरा ने बताया कि क्षेत्र में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश से खेतों में कटी फसल खराब होने की संभावना है. खेतों में पानी भरने से गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर बारिश एक-दो दिन और पड़ गई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान.

किसान रणजोध सिंह का कहना है कि किसान बड़ी मेहनत और पैसा लगाने के बाद फसलों को तैयार करता है. मौसम की बेरुखी किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर करती है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार किसानों के लिए आपदा में हुए नुकसान का मुआवजा देने का काम करें, क्योंकि अगर दो दिन बारिश और पड़ गई तो किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जायेगा.

पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुए विधायक गोपाल रावत, नम आंखों से दी गई विदाई

दो दिन से हो रही बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है. तो वहीं जंगलों में लगी आग भी बुझने लगी है. क्योंकि इस साल वानाग्नि से सैकड़ों एकड़ जंगल आग में स्वाह हो गए हैं. उत्तराखंड में 5 अप्रैल तक 1300 हेक्टेयर से अधिक जंगल इस सीजन में आग की भेंट चढ़ चुके हैं. उत्तराखंड में 24,303 वर्ग किलोमीटर यानी राज्य के क्षेत्रफल का 45 फीसदी हिस्सा जंगल है. ये जंगल देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में हैं. इन सभी जंगलों में आग लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है.

डोईवाला: बेमौसम बारिश ने जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दी है, तो वहीं इस बारिश में किसानों की परेशानी बढ़ा दी हैं. बीते दो दिनों से हो रही बारिश ने की वजह से डोईवाला क्षेत्र में किसानों की तैयारी खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. बारिश के कारण खेतों में खड़े गेहूं की फसल का दाना काला पड़ने की संभावना बढ़ गई है.

डोईवाला के किसान उम्मेद गोरा ने बताया कि क्षेत्र में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश से खेतों में कटी फसल खराब होने की संभावना है. खेतों में पानी भरने से गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर बारिश एक-दो दिन और पड़ गई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान.

किसान रणजोध सिंह का कहना है कि किसान बड़ी मेहनत और पैसा लगाने के बाद फसलों को तैयार करता है. मौसम की बेरुखी किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर करती है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार किसानों के लिए आपदा में हुए नुकसान का मुआवजा देने का काम करें, क्योंकि अगर दो दिन बारिश और पड़ गई तो किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जायेगा.

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दो दिन से हो रही बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है. तो वहीं जंगलों में लगी आग भी बुझने लगी है. क्योंकि इस साल वानाग्नि से सैकड़ों एकड़ जंगल आग में स्वाह हो गए हैं. उत्तराखंड में 5 अप्रैल तक 1300 हेक्टेयर से अधिक जंगल इस सीजन में आग की भेंट चढ़ चुके हैं. उत्तराखंड में 24,303 वर्ग किलोमीटर यानी राज्य के क्षेत्रफल का 45 फीसदी हिस्सा जंगल है. ये जंगल देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में हैं. इन सभी जंगलों में आग लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है.

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