देहरादून: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही उत्तराखंड का दौरा कर सकते हैं. राहुल गांधी जोशीमठ में आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर सकते हैं. राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे की जानकारी उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने दी है.
दरअसल, राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं. उनकी यात्रा आखिरी पड़ाव में जम्मू-कश्मीर पहुंच चुकी है. भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में उत्तराखंड से कांग्रेस का एक प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर गया था, जहां उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें जोशीमठ के ताजा हालात के बारे में अपडेट भी दिया.
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करण माहरा ने बताया कि राहुल गांधी ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और समय मिलते ही जोशीमठ आने का आश्वासन भी दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इससे पहले जोशीमठ में आई आपदा की गंभीरता को देखते हुए दो जियोलॉजिस्ट और एक पर्यावरणविद् को वहां के अध्ययन के लिए भेजा था. इसके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत वरिष्ठ नेताओं को जोशीमठ और कर्णप्रयाग भेजा था, जिन्होंने मौके का दौरे कर स्थिति का जायजा लिया था.
इसके बाद बीते रोज जम्मू में उनके वार्तालाप का मुख्य बिंदु इस बात को लेकर था कि इसरो की रिपोर्ट का लाभ इस बात के लिए लिया जाना था कि आपदा को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए और लोगों की मदद की जा सके. लेकिन ऐसा ना होकर रिपोर्ट ही गायब कर दी गई.
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करण माहरा का कहना है कि राहुल गांधी का दूसरा कंसर्न इस बात को लेकर था कि जिस तरह से वहां नियमों को ताक पर रखकर विकास के किए गए काम और अनियंत्रित ब्लास्टिंग पर अपनी चिंता व्यक्त की. इसके अलावा बिना जियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट आने से पहले एनटीपीसी को जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने क्लीनचिट दी है, इन सभी चीजों को लेकर राहुल गांधी ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की.
उन्होंने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर उत्तराखंड कांग्रेस के सभी नेताओं ने राहुल गांधी को जोशीमठ आने के लिए आमंत्रित किया है और उनसे आग्रह किया कि यदि वो जोशीमठ जाकर प्रभावितों से मिलेंगे तो अच्छा रहेगा. कांग्रेस पार्टी के मुताबिक राहुल गांधी ने भी इस पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि जैसे ही उन्हें समय मिलेगा ,वो जोशीमठ और कर्णप्रयाग जाकर प्रभावितों से मुलाकात करेंगे.
बता दें कि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भू-धंसाव के बाद जोशीमठ में 700 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं, जो लगातार चौड़ी होती जा रही हैं. हालांकि दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि जोशीमठ में 70 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित है. वहीं, आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है. इसके अलावा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.