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उत्तराखंड: बीज घोटाले से जुड़े कर्मियों की होगी जांच, गेहूं के बीज के दाम तय - गेहूं के बीज पर सब्सिडी

तराई बीज विकास निगम की समीक्षा बैठक में गेहूं के बीज का दाम 3710 रुपये तय किया गया. साथ ही 30 हजार कुंतल गेहूं का बीज किसानों को सब्सिडी में वितरित किया जाएगा. वहीं, चर्चित गेहूं बीज घोटाले से जुड़े तीन कर्मचारियों की विभागीय जांच भी होगी.

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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल
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Published : Oct 13, 2020, 7:26 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 7:43 PM IST

देहरादूनः खरीफ की फसल कटाई के बाद अब जहां किसान रवि की फसल के तैयारियां में जुट गए हैं तो वहीं, उत्तराखंड सरकार भी किसानों को बीज उपलब्ध कराने की रणनीति बनाने में जुट गई है. इसी कड़ी में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में विधानसभा में टीडीसी (तराई बीज विकास निगम) की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में रबी के फसल के लिए बीज को सही समय पर उपलब्ध कराने के साथ ही बीज के दाम न बढ़ाए जाने पर सहमति बनी. साथ ही बैठक में गेहूं, सरसों, चना, मसूर, मटर समेत रबी के फसलों के लिए सभी बीजों के रेट भी तय कर दिए गए हैं. इसके अलावा टीडीसी के खर्चे को कंट्रोल करने पर भी चर्चा किया गया है.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने ली टीडीसी की समीक्षा बैठक.

3710 रुपये होगा गेहूं की बीज का दाम
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पिछली टीडीसी की बैठक में खरीफ की फसल के लिए बीज के रेट को न बढ़ाने का फैसला लिया था. लिहाजा, रबी की फसल के बीज के दाम भी इस बार नहीं बढ़ाए जाएंगे. इसी क्रम में गेहूं की बीज का दाम 3710 रुपये तय किया गया है और 30 हजार कुंतल गेहूं का बीज, कृषि विभाग को दिया जाएगा, जो सब्सिडी के साथ किसानों को वितरण करने का काम करेगा.

ये भी पढ़ेंः Exclusive: लॉकडाउन के दौरान मात्र 7.8% औद्योगिक इकाइयों ने कर्मचारियों को दिया वेतन

कर्मचारियों को एसीपी एरियर का किया जाएगा अल्पातिक भुगतान
बीते लंबे समय से एसीपी एरियर को लेकर कर्मचारी मांग कर रहे हैं. हालांकि, कुछ कर्मचारी उच्च न्यायालय में भी चले गए थे. लिहाजा, बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि धन की उपलब्धता के अनुसार एसीपी एरियर का अल्पातिक भुगतान किया जाएगा. क्योंकि, अभी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. बीते कुछ सालों में टीडीसी की 50 करोड़ का नुकसान हो चुका है. हालांकि, इन 3 सालों के भीतर राज सरकार की कोशिश के बाद अब जाकर टीडीसी अपने नुकसान की भरपाई कर पाई है.

ये भी पढ़ेंः CM त्रिवेंद्र ने स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों का किया निरीक्षण, जल्द संवरेगा दून

चर्चित गेहूं बीज घोटाले से जुड़े तीन कर्मचारियों की होगी विभागीय जांच
तराई बीज विकास निगम में साल 2015-16 में पंतनगर टीडीसी से गेहूं का बीज बेचने में 16 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद, अपर प्रमुख सचिव की जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी. जिसमें बाद शासन के आदेश पर टीडीसी के 10 कर्मचारियों पर पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद अगस्त 2017 में घोटाले की जांच के लिए एसपी सिटी देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया.

उस दौरान करीब 20 से ज्यादा लोगों से बातचीत भी की गई थी. इतना ही नहीं उस दौरान 3 कर्मचारी ऐसे भी थे, जिससे पूछताछ करने पर रोक लगाई गई थी. लिहाजा, मंगलवार को हुई टीडीसी की समीक्षा बैठक में विभागीय जांच बिठा दी गई है.

देहरादूनः खरीफ की फसल कटाई के बाद अब जहां किसान रवि की फसल के तैयारियां में जुट गए हैं तो वहीं, उत्तराखंड सरकार भी किसानों को बीज उपलब्ध कराने की रणनीति बनाने में जुट गई है. इसी कड़ी में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में विधानसभा में टीडीसी (तराई बीज विकास निगम) की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में रबी के फसल के लिए बीज को सही समय पर उपलब्ध कराने के साथ ही बीज के दाम न बढ़ाए जाने पर सहमति बनी. साथ ही बैठक में गेहूं, सरसों, चना, मसूर, मटर समेत रबी के फसलों के लिए सभी बीजों के रेट भी तय कर दिए गए हैं. इसके अलावा टीडीसी के खर्चे को कंट्रोल करने पर भी चर्चा किया गया है.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने ली टीडीसी की समीक्षा बैठक.

3710 रुपये होगा गेहूं की बीज का दाम
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पिछली टीडीसी की बैठक में खरीफ की फसल के लिए बीज के रेट को न बढ़ाने का फैसला लिया था. लिहाजा, रबी की फसल के बीज के दाम भी इस बार नहीं बढ़ाए जाएंगे. इसी क्रम में गेहूं की बीज का दाम 3710 रुपये तय किया गया है और 30 हजार कुंतल गेहूं का बीज, कृषि विभाग को दिया जाएगा, जो सब्सिडी के साथ किसानों को वितरण करने का काम करेगा.

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कर्मचारियों को एसीपी एरियर का किया जाएगा अल्पातिक भुगतान
बीते लंबे समय से एसीपी एरियर को लेकर कर्मचारी मांग कर रहे हैं. हालांकि, कुछ कर्मचारी उच्च न्यायालय में भी चले गए थे. लिहाजा, बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि धन की उपलब्धता के अनुसार एसीपी एरियर का अल्पातिक भुगतान किया जाएगा. क्योंकि, अभी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. बीते कुछ सालों में टीडीसी की 50 करोड़ का नुकसान हो चुका है. हालांकि, इन 3 सालों के भीतर राज सरकार की कोशिश के बाद अब जाकर टीडीसी अपने नुकसान की भरपाई कर पाई है.

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चर्चित गेहूं बीज घोटाले से जुड़े तीन कर्मचारियों की होगी विभागीय जांच
तराई बीज विकास निगम में साल 2015-16 में पंतनगर टीडीसी से गेहूं का बीज बेचने में 16 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद, अपर प्रमुख सचिव की जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी. जिसमें बाद शासन के आदेश पर टीडीसी के 10 कर्मचारियों पर पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद अगस्त 2017 में घोटाले की जांच के लिए एसपी सिटी देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया.

उस दौरान करीब 20 से ज्यादा लोगों से बातचीत भी की गई थी. इतना ही नहीं उस दौरान 3 कर्मचारी ऐसे भी थे, जिससे पूछताछ करने पर रोक लगाई गई थी. लिहाजा, मंगलवार को हुई टीडीसी की समीक्षा बैठक में विभागीय जांच बिठा दी गई है.

Last Updated : Oct 13, 2020, 7:43 PM IST
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