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दफ्तर छोड़ कब फील्ड में उतरेंगे अफसर? सीएम धामी के जिलेवार दौरों से उठे सवाल

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Published : Oct 9, 2022, 7:28 AM IST

Updated : Oct 9, 2022, 8:20 AM IST

मॉनसून की विदाई के साथ ही उत्तराखंड में सरकार एक बार फिर जनता के द्वार पहुंचने की कोशिशों में जुट गई है. जाहिर है कि मॉनसून (Uttarakhand Monsoon) की विदाई के बाद सरकार जनता से संवाद को लेकर एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है. लेकिन इस बीच सवाल सरकार के मंत्रियों और अफसरों को लेकर उठने लगे हैं.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: मॉनसून की विदाई के साथ ही उत्तराखंड में सरकार एक बार फिर जनता के द्वार पहुंचने की कोशिशों में जुट गई है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के जिलेवार कार्यक्रम को तय कर दिया गया है. लेकिन इस बीच सवाल सरकार के मंत्रियों और अफसरों को लेकर उठने लगे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब विभिन्न जिलों में जनता की समस्याओं को सुनते हुए नजर आएंगे. राज्य में विभिन्न जिलों के दौरों को लेकर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं. जाहिर है कि मॉनसून (Uttarakhand Monsoon) की विदाई के बाद सरकार जनता से संवाद को लेकर एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के साथ मुख्यमंत्री का जिलों में पहुंचकर लोगों से मिलना लाजमी भी है. लेकिन सुगबुगाहट मंत्रियों और अफसरों के रवैये को लेकर तेज हो रही है जिनका प्रदेश में विभिन्न जिलों के दौरे को लेकर फिलहाल कोई खास इंटरेस्ट नहीं दिखता. बता दें कि सरकार के मंत्री अपनी विधानसभाओं को छोड़ दिया जाए तो जिलों में दोनों को लेकर कुछ खास सक्रिय नहीं दिखाई देते.

सीएम धामी के जिलेवार दौरों से उठे सवाल
पढ़ें-'बाबा केदार की सौगंध, भर्ती घोटाले के अंतिम दोषी को जेल पहुंचाकर ही लूंगा दम'

इनसे भी खराब हालत सचिवालय के उन बड़े अफसरों की है जो अपने दफ्तरों को छोड़ने की हिम्मत नहीं दिखा पाते. यह स्थिति तब है जब कई बार मुख्य सचिव से लेकर सरकार तक अधिकारियों को जिलों में धरातल की हकीकत जानने के लिए वहां पहुंचने तक के निर्देश देते रहे हैं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री का क्षेत्र में जाना एक शुभ संकेत है और इससे आम लोगों को फायदा मिलेगा. प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा फिलहाल तैयारियों में जुट गई है और चुनाव के दौरान प्रदर्शन बेहतर हो इसके लिए सरकार भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही है. हालांकि कांग्रेस भी सरकार के ऐसे दौरों पर नजर बनाए हुए है.
पढ़ें-रुद्रप्रयाग को 466 करोड़ की योजनाओं की सौगात, CM बोले- विकास के लिए संकल्पित सरकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता (Senior Congress leader) हरक सिंह रावत कहते हैं कि मुख्यमंत्री का इस तरह जिलों में जाना सामान्य बात है, लेकिन अच्छा होता कि बिना किसी पूर्व जानकारी के मुख्यमंत्री पहुंचते तो उन्हें जिलों में हकीकत पता चल पाती. उन्होंने कहा कि जो पूर्व से तय कार्यक्रम होते हैं उसमें केवल जिलों में पहुंचने वाले वीवीआइपी की आवभगत करने के लिए अधिकारी तैयारी में जुड़ जाते हैं और इससे जनता को कुछ खास फायदा नहीं पहुंचता. उधर ब्यूरोक्रेट्स तो दफ्तरों से बाहर निकलना ही नहीं चाहते जो उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है.

देहरादून: मॉनसून की विदाई के साथ ही उत्तराखंड में सरकार एक बार फिर जनता के द्वार पहुंचने की कोशिशों में जुट गई है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के जिलेवार कार्यक्रम को तय कर दिया गया है. लेकिन इस बीच सवाल सरकार के मंत्रियों और अफसरों को लेकर उठने लगे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब विभिन्न जिलों में जनता की समस्याओं को सुनते हुए नजर आएंगे. राज्य में विभिन्न जिलों के दौरों को लेकर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं. जाहिर है कि मॉनसून (Uttarakhand Monsoon) की विदाई के बाद सरकार जनता से संवाद को लेकर एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के साथ मुख्यमंत्री का जिलों में पहुंचकर लोगों से मिलना लाजमी भी है. लेकिन सुगबुगाहट मंत्रियों और अफसरों के रवैये को लेकर तेज हो रही है जिनका प्रदेश में विभिन्न जिलों के दौरे को लेकर फिलहाल कोई खास इंटरेस्ट नहीं दिखता. बता दें कि सरकार के मंत्री अपनी विधानसभाओं को छोड़ दिया जाए तो जिलों में दोनों को लेकर कुछ खास सक्रिय नहीं दिखाई देते.

सीएम धामी के जिलेवार दौरों से उठे सवाल
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इनसे भी खराब हालत सचिवालय के उन बड़े अफसरों की है जो अपने दफ्तरों को छोड़ने की हिम्मत नहीं दिखा पाते. यह स्थिति तब है जब कई बार मुख्य सचिव से लेकर सरकार तक अधिकारियों को जिलों में धरातल की हकीकत जानने के लिए वहां पहुंचने तक के निर्देश देते रहे हैं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री का क्षेत्र में जाना एक शुभ संकेत है और इससे आम लोगों को फायदा मिलेगा. प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा फिलहाल तैयारियों में जुट गई है और चुनाव के दौरान प्रदर्शन बेहतर हो इसके लिए सरकार भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही है. हालांकि कांग्रेस भी सरकार के ऐसे दौरों पर नजर बनाए हुए है.
पढ़ें-रुद्रप्रयाग को 466 करोड़ की योजनाओं की सौगात, CM बोले- विकास के लिए संकल्पित सरकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता (Senior Congress leader) हरक सिंह रावत कहते हैं कि मुख्यमंत्री का इस तरह जिलों में जाना सामान्य बात है, लेकिन अच्छा होता कि बिना किसी पूर्व जानकारी के मुख्यमंत्री पहुंचते तो उन्हें जिलों में हकीकत पता चल पाती. उन्होंने कहा कि जो पूर्व से तय कार्यक्रम होते हैं उसमें केवल जिलों में पहुंचने वाले वीवीआइपी की आवभगत करने के लिए अधिकारी तैयारी में जुड़ जाते हैं और इससे जनता को कुछ खास फायदा नहीं पहुंचता. उधर ब्यूरोक्रेट्स तो दफ्तरों से बाहर निकलना ही नहीं चाहते जो उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है.

Last Updated : Oct 9, 2022, 8:20 AM IST
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