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सालों से नहीं हुआ डामरीकरण का कार्य, PWD की कार्यशैली पर लोगों ने उठाए सवाल

विकासनगर में लोक निर्माण विभाग साहिया पर लोगों ने लापरवाही का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2004 में हुए सड़क निर्माण के बाद से ही डामरीकरण का काम नहीं हुआ है.

Poor condition of road.
वर्षों से डामरीकरण न होने से खस्ताहाल हुए मार्ग.
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Published : Feb 20, 2020, 11:07 AM IST

Updated : Feb 20, 2020, 11:34 AM IST

विकासनगर: साहिया में स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. साहिया में एक दर्जन से भी अधिक मार्गों का बीते कई वर्षों से डामरीकरण नहीं हुआ है. बरसात के मौसम में राहगीरों और वाहन चालकों के लिए इन मार्गों पर चलना जोखिम भरा साबित होता है.

स्थानीय लोग काफी लंबे समय से सड़कों पर डामरीकरण की मांग कर रहे हैं. वहीं, लोक निर्माण विभाग की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण साल 2004 से पहले हुआ था. जिसके बाद से ही आज तक विभाग ने सड़कों की सुध नहीं ली है.

वर्षों से डामरीकरण न होने से खस्ताहाल हुए मार्ग.

पढ़ें: देवभूमि में पलायन के दर्द से सुबक रहे गांव, लोग कर रहे बेहतर दिन लौटने का इंतजार

लोगों ने आरोप लगाया है कि विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भूगतना पड़ रहा है. बदहाल सड़कों के चलते लोग आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं. ग्रामीण अमित बिष्ट का कहना है कि कई वर्षों से सड़क निर्माण के बाद डामरीकरण नहीं हुआ है, जिसके चलते लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं.

वहीं, लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि तीन मार्गों का प्रस्ताव अधीक्षण अभियंता को भेजा गया है. जिसमें 5 किलोमीटर मार्ग के लिए 4 करोड़ 40 लाख का एस्टीमेट भेजा गया है. वहीं, कोटी-पाटा मंडोली मार्ग के लिए एक करोड़ का एस्टीमेट भेजा गया. बैराटखाई- जैंदोऊ मोटर मार्ग पर 5 किलोमीटर के लिए 5 करोड़ 24 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही सभी मार्गों का डामरीकरण करवाया जाएगा.

विकासनगर: साहिया में स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. साहिया में एक दर्जन से भी अधिक मार्गों का बीते कई वर्षों से डामरीकरण नहीं हुआ है. बरसात के मौसम में राहगीरों और वाहन चालकों के लिए इन मार्गों पर चलना जोखिम भरा साबित होता है.

स्थानीय लोग काफी लंबे समय से सड़कों पर डामरीकरण की मांग कर रहे हैं. वहीं, लोक निर्माण विभाग की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण साल 2004 से पहले हुआ था. जिसके बाद से ही आज तक विभाग ने सड़कों की सुध नहीं ली है.

वर्षों से डामरीकरण न होने से खस्ताहाल हुए मार्ग.

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लोगों ने आरोप लगाया है कि विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भूगतना पड़ रहा है. बदहाल सड़कों के चलते लोग आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं. ग्रामीण अमित बिष्ट का कहना है कि कई वर्षों से सड़क निर्माण के बाद डामरीकरण नहीं हुआ है, जिसके चलते लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं.

वहीं, लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि तीन मार्गों का प्रस्ताव अधीक्षण अभियंता को भेजा गया है. जिसमें 5 किलोमीटर मार्ग के लिए 4 करोड़ 40 लाख का एस्टीमेट भेजा गया है. वहीं, कोटी-पाटा मंडोली मार्ग के लिए एक करोड़ का एस्टीमेट भेजा गया. बैराटखाई- जैंदोऊ मोटर मार्ग पर 5 किलोमीटर के लिए 5 करोड़ 24 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही सभी मार्गों का डामरीकरण करवाया जाएगा.

Last Updated : Feb 20, 2020, 11:34 AM IST
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