देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भूस्खलन (Landslide) एक बड़ी समस्या है. लैंडस्लाइड की वजह से पहाड़ों में रोज कोई न कोई हादसा होता रहता है. बारिश में चुनौती और बढ़ जाती है. हालांकि अभी इस परेशानी को खत्म तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस पर काफी हदतक काबू पाया जा सकता है, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने योजना तैयार की है. इसकी जाकनारी खुद लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने दी.
लैंडस्लाइड (Landslide) की वजह से पहाड़ों पर सफर करना किसी जोखिम से कम नहीं होता है. वहीं लैंडस्लाइड के कारण पहाड़ों में हवाई भी कई-कई घंटों तक बंद रहता है. इसकी वजह से कई गांवों का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट जाता है. कई बार तो कई दिनों तो रास्ता नहीं खुलाता है. हालांकि PWD ने इस समस्या का हल निकाल लिया है.
पढ़ें- GROUND REPORT: मसूरी NH-707 का डरवाना दृश्य, लोगों की जुबानी सुनिए
PWD मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि जिन क्षेत्रों में लैंडस्लाइड (landslide zone) अधिक मात्रा में हो रहा है, वहां पर नेट लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है. लैंडस्लाइड और भारी बारिश के कारण कई बार सड़कों को भी नुकसान पहुंचता है. लैंडस्लाइड की वजह से सड़कें भी बैठ जाती है. ऐसे में वहां से सफर करना मुश्किल हो जाता है.
PWD मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जब भी पहाड़ से छोटा या बड़ा पत्थर गिरता है तो उससे सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाता है. इसीलिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं होती हैं, वहां पर नेट लगाए जाएं. ताकि सड़कों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.