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ऊर्जा निगम में निदेशकों की नूरा-कुश्ती से हड़कंप, पद की गरिमा भूल अधिकारियों में ठनी! - कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत

मामला पिटकुल के डायरेक्टर वित्त और डायरेक्टर मानव संसाधन के बीच चल रही सीधी जंग का है. डायरेक्टर वित्त के पद पर सुरेंद्र बब्बर हैं, तो डायरेक्टर मानव संसाधन की जिम्मेदारी पीसी ध्यानी संभाल रहे हैं. दोनों ही निदेशकों के बीच आपसी जंग चल रही है.

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ऊर्जा निगम में निदेशकों की नूरा-कुश्ती से हड़कंप.
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Published : Jul 25, 2021, 9:07 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा निगम यूं तो तमाम विवादों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं, लेकिन इस बार मामला पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड यानी पिटकुल के अधिकारियों की नूरा कुश्ती से जुड़ा है. आधिकारिक चिट्ठियों में निगम के डायरेक्टर्स के बीच वर्चस्व का ऐसा घमासान मचा है कि ऊर्जा निगम में हर कोई ये देखकर हैरान है. देखिये ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम धीरे-धीरे अपने खराब हालातों की तरफ बढ़ रहा है, एक समय फायदे में रहने वाले ये निगम घाटे की तरफ जा रहे है. आए दिन घपले-घोटाले और अनियमितताओं की चर्चाएं ऊर्जा निगम में आम रहती है. इस सबके बीच अधिकारी निगमों के हालात सुधारने के बजाय उसकी दुर्गति करने में जुटे हुए हैं. यह बात हम पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड यानी पिटकुल में डायरेक्टर्स की उस आपसी खींचतान को देख कर कह सकते हैं. जिसमें दो निदेशक आधिकारिक चिट्ठियों में ही एक दूसरे को नीचा दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे.

दरअसल, मामला पिटकुल के डायरेक्टर वित्त और डायरेक्टर मानव संसाधन के बीच चल रही सीधी जंग का है. डायरेक्टर वित्त के पद पर सुरेंद्र बब्बर हैं, तो डायरेक्टर मानव संसाधन की जिम्मेदारी पीसी ध्यानी संभाल रहे हैं. दोनों ही निदेशकों के बीच आपसी जंग की शुरुआत सहायक लेखा अधिकारी दीपक पांडे को छुट्टी देने से शुरू होती है. जिस पर दोनों निदेशकों की इस कदर ठन जाती है कि अपने पदों की गरिमा और कर्मचारी नियमावली जैसी बातों को भी ये इन दोनों द्वारा दरकिनार कर दिया जाता है.

आपको बता दें कि इसमें निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी वह अधिकारी हैं, जो लगातार पिछले लंबे समय से विवादों में रहते हैं. कुछ मामलों को लेकर इन्हें जांच का भी सामना करना पड़ा है. जबकि, इन से जुड़े कुछ विषय तो अब भी लंबित है. बहरहाल, सहायक लेखा अधिकारी की छुट्टी को लेकर शुरू हुई इन निदेशकों के बीच की लड़ाई कर्मचारियों के ACR की रिपोर्ट सबमिट करने तक जारी है.

पढ़ें- ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक पद पर IAS दीपक रावत ने नहीं ली ज्वाइनिंग, ये है वजह

सहायक लेखा अधिकारी दीपक पांडे इस मामले में जहां निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी पिटकुल के ही निदेशक सुरेंद्र बब्बर पर कई आरोप लगाते हुए दिखाई देते हैं. वहीं, कर्मचारियों की एसीआर सबमिट करने में देरी करने पर भी निदेशक पीसी ध्यानी निदेशक सुरेंद्र बब्बर पर जानबूझकर एसीआर देने में देरी करने का आरोप लगा रहे हैं. यही नहीं अपनी सीनियरिटी का हवाला देना, द्वेष भावना से काम करना, कर्मचारी आचरण नियमावली की याद दिलाना और भविष्य के साथ खिलवाड़ करना जैसे शब्दों का प्रयोग भी इस पत्र में हो रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड में गहरा सकता है बिजली संकट, 27 जुलाई से हड़ताल पर अड़े ऊर्जा निगम के कर्मचारी

उधर, निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर इसके जवाब में अपने पत्र में निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी पर आधिकारिक मापदंडों का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं. यही नहीं खुद पर व्यक्तिगत हमला करने की बात कहते हुए निगम के वातावरण को खराब करने की कोशिश करने की बात भी कह रहे हैं. यही नहीं निदेशक वित्त ने तो पीसी ध्यानी पर इस मामले को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित प्रसारित करने का भी आरोप लगाया है.

वहीं, पिटकुल में डायरेक्टर्स के बीच चल रही इस लड़ाई को लेकर जहां विभाग के अधिकारी हैरान हैं, तो दूसरी तरफ कर्मचारी इस लड़ाई में क्लाइमैक्स का इंतजार कर रहे हैं. बहरहाल देखना होगा कि निदेशक जैसे बड़े पद पर रहने वाले यह अधिकारी अपनी इस व्यक्तिगत लड़ाई को किस स्तर तक ले जाते हैं. साथ ही ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत कब निगमों में चली निदेशकों की इस खींचतान को रोकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा निगम यूं तो तमाम विवादों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं, लेकिन इस बार मामला पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड यानी पिटकुल के अधिकारियों की नूरा कुश्ती से जुड़ा है. आधिकारिक चिट्ठियों में निगम के डायरेक्टर्स के बीच वर्चस्व का ऐसा घमासान मचा है कि ऊर्जा निगम में हर कोई ये देखकर हैरान है. देखिये ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम धीरे-धीरे अपने खराब हालातों की तरफ बढ़ रहा है, एक समय फायदे में रहने वाले ये निगम घाटे की तरफ जा रहे है. आए दिन घपले-घोटाले और अनियमितताओं की चर्चाएं ऊर्जा निगम में आम रहती है. इस सबके बीच अधिकारी निगमों के हालात सुधारने के बजाय उसकी दुर्गति करने में जुटे हुए हैं. यह बात हम पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड यानी पिटकुल में डायरेक्टर्स की उस आपसी खींचतान को देख कर कह सकते हैं. जिसमें दो निदेशक आधिकारिक चिट्ठियों में ही एक दूसरे को नीचा दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे.

दरअसल, मामला पिटकुल के डायरेक्टर वित्त और डायरेक्टर मानव संसाधन के बीच चल रही सीधी जंग का है. डायरेक्टर वित्त के पद पर सुरेंद्र बब्बर हैं, तो डायरेक्टर मानव संसाधन की जिम्मेदारी पीसी ध्यानी संभाल रहे हैं. दोनों ही निदेशकों के बीच आपसी जंग की शुरुआत सहायक लेखा अधिकारी दीपक पांडे को छुट्टी देने से शुरू होती है. जिस पर दोनों निदेशकों की इस कदर ठन जाती है कि अपने पदों की गरिमा और कर्मचारी नियमावली जैसी बातों को भी ये इन दोनों द्वारा दरकिनार कर दिया जाता है.

आपको बता दें कि इसमें निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी वह अधिकारी हैं, जो लगातार पिछले लंबे समय से विवादों में रहते हैं. कुछ मामलों को लेकर इन्हें जांच का भी सामना करना पड़ा है. जबकि, इन से जुड़े कुछ विषय तो अब भी लंबित है. बहरहाल, सहायक लेखा अधिकारी की छुट्टी को लेकर शुरू हुई इन निदेशकों के बीच की लड़ाई कर्मचारियों के ACR की रिपोर्ट सबमिट करने तक जारी है.

पढ़ें- ऊर्जा निगमों में प्रबंध निदेशक पद पर IAS दीपक रावत ने नहीं ली ज्वाइनिंग, ये है वजह

सहायक लेखा अधिकारी दीपक पांडे इस मामले में जहां निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी पिटकुल के ही निदेशक सुरेंद्र बब्बर पर कई आरोप लगाते हुए दिखाई देते हैं. वहीं, कर्मचारियों की एसीआर सबमिट करने में देरी करने पर भी निदेशक पीसी ध्यानी निदेशक सुरेंद्र बब्बर पर जानबूझकर एसीआर देने में देरी करने का आरोप लगा रहे हैं. यही नहीं अपनी सीनियरिटी का हवाला देना, द्वेष भावना से काम करना, कर्मचारी आचरण नियमावली की याद दिलाना और भविष्य के साथ खिलवाड़ करना जैसे शब्दों का प्रयोग भी इस पत्र में हो रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड में गहरा सकता है बिजली संकट, 27 जुलाई से हड़ताल पर अड़े ऊर्जा निगम के कर्मचारी

उधर, निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर इसके जवाब में अपने पत्र में निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी पर आधिकारिक मापदंडों का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं. यही नहीं खुद पर व्यक्तिगत हमला करने की बात कहते हुए निगम के वातावरण को खराब करने की कोशिश करने की बात भी कह रहे हैं. यही नहीं निदेशक वित्त ने तो पीसी ध्यानी पर इस मामले को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित प्रसारित करने का भी आरोप लगाया है.

वहीं, पिटकुल में डायरेक्टर्स के बीच चल रही इस लड़ाई को लेकर जहां विभाग के अधिकारी हैरान हैं, तो दूसरी तरफ कर्मचारी इस लड़ाई में क्लाइमैक्स का इंतजार कर रहे हैं. बहरहाल देखना होगा कि निदेशक जैसे बड़े पद पर रहने वाले यह अधिकारी अपनी इस व्यक्तिगत लड़ाई को किस स्तर तक ले जाते हैं. साथ ही ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत कब निगमों में चली निदेशकों की इस खींचतान को रोकते हैं.

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