देहरादून: देश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने देश को तीन मई तक लॉकडाउन किया है. ऐसे में लोग घरों में कैद हैं. लॉकडाउन की शुरुआत में लोगों को घर से काम करने में जो मजा आ रहा था, लेकिन अब यह सजा बनता जा रहा है. घर से काम कर रहे लोगों में तनाव, अनिद्रा, बेचैनी, कमर दर्द जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं. घर में काम कर रहे लोगों की सेहत और बढ़ती परेशानियों को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रतिभा शर्मा से बात की.
सवाल: अचानक से बनने वाली परिस्थिति तनाव लेकर आती हैं?
जवाब: इंसान के सामने अचानक आने वाली कोई भी परिस्थिति अपने साथ तनाव लेकर आती है. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद हुए लॉकडाउन से भी यही हुआ है. सभी पर अलग-अलग तरीके से तनाव पड़ रहा है. ऐसे में हमें अपने शरीर पर और अपने आसपास के माहौल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
सवाल: टीन ऐज वालों के लिए सबसे बड़ी चुनौती?
जवाब: लॉकडाउन से सबसे बड़ा असर टीन एज यानी किशोरावस्था के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है. टीन एज में बच्चों के लिए मां-बाप से बढ़कर उनके फ्रेंड्स होते हैं और इस उम्र में दोस्तों से मिलना, बातें करना, उनके साथ खेलना बच्चों को बेहद पसंद होता है, जो कि लॉकडाउन के चलते पूरी तरह से बंद है. अपने माता-पिता के साथ बंद घरों में मौजूद बच्चे अपनी आदतों के साथ सामंजस्य न बैठने के चलते वो पूरी तरह से मानसिक दबाव में हैं. ऐसे में इन बच्चों के एनर्जी चैनेलाइजेशन की बेहद जरूरत है.
सवाल: 5 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को मिल रही है बेहतर परवरिश?
जवाब: नवजात शिशु से लेकर 5 वर्ष तक के शिशुओं के लिए लॉकडाउन का समय बेहतर है, क्योंकि उनके माता-पिता उनको पूरा समय दे रहे हैं जो कि भौतिक रूप के साथ-साथ इमोशनली भी बच्चे के लिए काफी अच्छा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे के भौतिक विकास के लिए उसे घुमाना फिराना एक्सरसाइज कराना भी जरूरी है.
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सवाल: पति- पत्नी के लिए गिले शिकवे दूर करने का बेहतर मौका ?
जवाब: पति-पत्नी जो अक्सर अपने कामकाज में व्यस्त रहते हैं. उन्हें इस लॉकडाउन में एक-दूसरे को समझने का बेहतर मौका मिला है. यही नहीं डॉ. प्रतिभा शर्मा का यह भी कहना है कि वे लोग जो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चलाते हैं, उनके लिए भी यह लॉकडाउन एक टर्निंग पॉइंट के रूप में साबित हो सकता है, क्योंकि अब ज्यादा समय अपने पति या पत्नी के साथ देने से निश्चित तौर से नजदीकियां बढ़ेंगी और बाहर के लोगों से दूरियां बढ़ेंगी.
सवाल: बुजुर्गों के लिए जीवन का सबसे बेहतर समय ?
जवाब: लॉकडाउन का सबसे अच्छा असर हमारे घरों में मौजूद बुजुर्गों पर पड़ा है, क्योंकि अब तक उन्हें परिवार के लोगों का इतना साथ कभी नहीं मिल पाया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से परिवार के सभी सदस्यों के घर पर होने के चलते सबसे ज्यादा खुशी बड़े बुजुर्गों को मिली है.
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सवाल: तनाव से बचने के लिए क्या करें ?
जवाब: लॉकडाउन के इस दौर में तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए डॉ. प्रतिभा शर्मा का यह सुझाव है कि वह दिन के ज्यादातर समय अपने सकारात्मक कार्यों में गुजारें. अपने आप को व्यस्त रखें. वह काम जिन्हें आप जीवन में कभी नहीं कर पाए थे उन्हें करने का प्रयास करें. भरपूर पानी पिएं, ब्रीथिंग एक्साइज करें, सूर्य नमस्कार करें. वर्चुअल वर्ल्ड के जरिए लोगों से जुड़ें. अपने अंदर के उस हुनर को जिसको आज तक दबाकर रखा था उसको बाहर लाने का प्रयास करें.
सवाल: आजीविका खो चुके लोग तनाव से कैसे बचें ?
जवाब: सबसे ज्यादा तनाव इस वक्त उन लोगों के ऊपर है, जो रोजाना अपनी आजीविका पर निर्भर थे. ऐसे लोगों के लिए सुझाव है की वह अपने मन को शांत रखें. अपने हुनर को किस तरह से घर पर बैठकर आजीविका से जोड़ा जाए इस पर विचार करें. साथ ही जागरुक रहें क्योंकि सरकार ऐसे लोगों की लगातार मदद कर रही है.
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सवाल: शौक करें पूरा, कुकिंग से खुद को करें रिफ्रेश?
जवाब: घरों में मौजूद गृहणियों को भी घर में मौजूद परिवार के अलग-अलग सदस्यों के वैचारिक द्वन्दों से जूझना पड़ रहा है, जिसके चलते वे तनाव में हैं. ऐसे में गृहणियों के लिए बेहतर है कि वह घर में अलग-अलग तरह की डिश बनाकर अपने तनाव को कम कर सकती हैं. साथ ही घर में मौजूद बच्चे जो कि फास्ट फूड के आदी हैं और रोजाना के घर के खाने से चिड़चिड़े हो गए हैं उनके लिए भी यह एक बेहतर विकल्प है कि माताएं घर में अलग अलग तरह कि कुकिंग करके घर में एक सकारात्मक माहौल बनाकर रखें. इसके लिए माताएं इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग तरह की कुकिंग देखकर उसे घर में आजमा सकती हैं.
सवाल: एनर्जी चैनेलाइजेशन है बेहद जरूरी?
जवाब: तनाव का सीधा संबंध हमारे शरीर की ऊर्जा से है. तनाव से बचने का रामबाण इलाज है एनर्जी चैनेलाइजेशन. हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाली एनर्जी जब बाहर नहीं निकल पाती है तो वह तनाव का रूप ले लेती है. लॉकडाउन के दौरान सभी लोग अपने घरों के अंदर कैद हैं और उनकी एनर्जी चैनेलाइज नहीं हो पा रही है. ऐसे में हम सब को जरूरत है कि हम अपनी एनर्जी को चैनेलाइज करें और तनाव मुक्त रहें.