देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य कर्मचारी लगातार दो खेमों में बंटते नजर आ रहें हैं. एक खेमा जो सामन्य वर्ग से जुड़ा है और दूसरा वो जो एससी/एसटी से जुड़ा है. पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने कहा कि एसटी/एससी वर्ग में पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ेंगे.
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उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के कर्मचारियों में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को हटाने की मांग को लेकर अंदर खाने सुगबुगाहट चल रही थी, जो अब बाहर आने लगी है. सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने इससे पहले राज्य सरकार पर आरक्षण हटाने का दबाव बनाया था, जिसको लेकर सरकार ने 1 अप्रैल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
अब राज्य कर्मचारियों का एसटी/एससी वर्ग पदोन्नति में आरक्षण लागू रखने के लिए लिए जोर आजमाइश कर रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ सामान्य वर्ग ने ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के साथ इस परंपरा को खत्म करने के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
सामान्य वर्ग की मांग
सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि एसटी/एससी वर्ग को सरकार की तमाम योजनाओं जैसे शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाता है. जहां वो हर पड़ाव पर सामान्य वर्ग से ज्यादा अवसर पाते हैं, लेकिन जब वो आरक्षण के माध्यम से ही नौकरी में आये है तो फिर पदोन्नति में आरक्षण मिलना सामान्य वर्ग के साथ नाइंसाफी है.
अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव विनोद नौटियाल ने ETV Bharat भारत से कहा कि 1 अप्रैल को उच्च न्यायलय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जो फैसला आया है, उसको लेकर संगठन के लोग विचार विमर्श कर रहैं है और जल्द ही इस संबध में न्याय नहीं मिलने के दशा में आंदोलन की रणनीति भी तैयार कर रहे है.
वहीं, इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक दीपक जोशी ने कहा कि पदोन्नती पर आरक्षण के इस मामले पर संगठन सरकार और न्यायलय में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगा.