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पदोन्नति में आरक्षण पर रार, अब सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी

पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य कर्मचारियों के दो खेमे आमने-सामने हैं. सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग के कर्मचारी एससी/एसटी वर्ग में पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण को हटाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं, एससी/एसटी वर्ग इस परंपरा को बरकरार रखना चाहता है.

पदोन्नति में आरक्षण पर रार
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Published : May 19, 2019, 8:40 PM IST

देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य कर्मचारी लगातार दो खेमों में बंटते नजर आ रहें हैं. एक खेमा जो सामन्य वर्ग से जुड़ा है और दूसरा वो जो एससी/एसटी से जुड़ा है. पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने कहा कि एसटी/एससी वर्ग में पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ेंगे.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र की कांग्रेस को सलाह, पीएम मोदी के दौरे को लेकर न करे राजनीति

उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के कर्मचारियों में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को हटाने की मांग को लेकर अंदर खाने सुगबुगाहट चल रही थी, जो अब बाहर आने लगी है. सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने इससे पहले राज्य सरकार पर आरक्षण हटाने का दबाव बनाया था, जिसको लेकर सरकार ने 1 अप्रैल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

पदोन्नति में आरक्षण पर रार

अब राज्य कर्मचारियों का एसटी/एससी वर्ग पदोन्नति में आरक्षण लागू रखने के लिए लिए जोर आजमाइश कर रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ सामान्य वर्ग ने ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के साथ इस परंपरा को खत्म करने के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.

सामान्य वर्ग की मांग

सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि एसटी/एससी वर्ग को सरकार की तमाम योजनाओं जैसे शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाता है. जहां वो हर पड़ाव पर सामान्य वर्ग से ज्यादा अवसर पाते हैं, लेकिन जब वो आरक्षण के माध्यम से ही नौकरी में आये है तो फिर पदोन्नति में आरक्षण मिलना सामान्य वर्ग के साथ नाइंसाफी है.

अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव विनोद नौटियाल ने ETV Bharat भारत से कहा कि 1 अप्रैल को उच्च न्यायलय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जो फैसला आया है, उसको लेकर संगठन के लोग विचार विमर्श कर रहैं है और जल्द ही इस संबध में न्याय नहीं मिलने के दशा में आंदोलन की रणनीति भी तैयार कर रहे है.

वहीं, इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक दीपक जोशी ने कहा कि पदोन्नती पर आरक्षण के इस मामले पर संगठन सरकार और न्यायलय में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगा.

देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य कर्मचारी लगातार दो खेमों में बंटते नजर आ रहें हैं. एक खेमा जो सामन्य वर्ग से जुड़ा है और दूसरा वो जो एससी/एसटी से जुड़ा है. पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान समान्य वर्ग के राज्य कर्मचारियों ने कहा कि एसटी/एससी वर्ग में पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ेंगे.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र की कांग्रेस को सलाह, पीएम मोदी के दौरे को लेकर न करे राजनीति

उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के कर्मचारियों में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को हटाने की मांग को लेकर अंदर खाने सुगबुगाहट चल रही थी, जो अब बाहर आने लगी है. सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने इससे पहले राज्य सरकार पर आरक्षण हटाने का दबाव बनाया था, जिसको लेकर सरकार ने 1 अप्रैल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

पदोन्नति में आरक्षण पर रार

अब राज्य कर्मचारियों का एसटी/एससी वर्ग पदोन्नति में आरक्षण लागू रखने के लिए लिए जोर आजमाइश कर रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ सामान्य वर्ग ने ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के साथ इस परंपरा को खत्म करने के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.

सामान्य वर्ग की मांग

सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि एसटी/एससी वर्ग को सरकार की तमाम योजनाओं जैसे शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाता है. जहां वो हर पड़ाव पर सामान्य वर्ग से ज्यादा अवसर पाते हैं, लेकिन जब वो आरक्षण के माध्यम से ही नौकरी में आये है तो फिर पदोन्नति में आरक्षण मिलना सामान्य वर्ग के साथ नाइंसाफी है.

अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव विनोद नौटियाल ने ETV Bharat भारत से कहा कि 1 अप्रैल को उच्च न्यायलय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जो फैसला आया है, उसको लेकर संगठन के लोग विचार विमर्श कर रहैं है और जल्द ही इस संबध में न्याय नहीं मिलने के दशा में आंदोलन की रणनीति भी तैयार कर रहे है.

वहीं, इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक दीपक जोशी ने कहा कि पदोन्नती पर आरक्षण के इस मामले पर संगठन सरकार और न्यायलय में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगा.

Intro:पदोन्नति में आरक्षण मामले में राज्य कर्मचारी सरकार पर हमलावर

Note- विसुअल में मंच से सम्बोधित करते हुए कर्मचारी द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है कृपया उसे मध्यनजर रखें।

एंकर- पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य क्रमचारी लगातार दो खेमो में बटते नजर आ रहें हैं। इन्हे में से एक खेमा जो कि सामन्य वर्ग से जुड़ा है ने आज देहरादून के निजी बेक्विट हाल में अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले सैकड़ो कर्मचारियों केसाथ मिलकर बैठक का आयोजन किया। बैठक में अलग अलग विभागों से तमाम कर्मचारी मोजदू रहें तो वहीं कई वक्ताओं की बातो से मौजूदा बीजेपी सरकार के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिली। राज्य क्रमचारियों का कहना है कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ वो लड़ाई लड़ेगे और इस लड़ाई के लिए वो न्यायलय हो या एक राजनैतिक विक्लप की लड़ाई हो वो किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।


Body:वीओ- उत्तराखंड के राज्यक्रमचारियों में पदोन्नती में आरक्षण को लेकर लबें समय से अदंर खाने खुशबुगाहट चल रही है जो अब खुले तौर से सामने भी आने लगी है।  1 अप्रैल को कोर्ट में सरकार की एसटी / एससी आरक्षण खतम करने को लेकर हाईकोर्ट द्वारा चायिका खारिज करने के बाद अब क्रमचारियों में एक वर्ग एसटी/एससी वर्ग पदोन्नति में आरक्षण लागू रखने के लिए लिए जोर आजमाइश कर रहा है तो दूसरी तरफ सामान्य वर्ग ने ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के खिलाइ इस परंपरा को खत्म करने के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए दम भर रहे हैं। सामान्य वर्ग के क्रमचारियों का कहना है कि एसटी/एससी वर्ग को सरकार की तमाम योजनाओं, शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाता है जहां वो हर पड़ाव पर सामान्य वर्ग से ज्यादा अवसर पाते हैं लेकिन जब वो आरक्षण के माध्यम से ही नौकरी में आये है तो फिर पदोन्नति में आरक्षण मिलना सामान्य वर्ग के साथ नाइंसाफी है। 

  अपनी इसी लड़ाई को मजबूत करते हुए आज राज्य के सामन्य वर्ग के क्रमचारी और ओबीसी वर्ग के सैकड़ों कर्मचारी देहरादून के नीजी बैंक्विट हॉल में अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले एकत्रित हुए और यहां पर एकत्रित होकर पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ अपने संगठन को मजबूत किया। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, सचिवालय, और तमाम विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे तो वहीं मंच से कई वक्ताओं ने पदोन्नति में आरक्षण के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए बीजेपी सरकार के खिलाफ खूब जहर भी उगला और इल लाड़ाई को लेकर एक राजनैतिक विक्लप की ओर देखने की बात भी कही हालांकी संगठन के पदाधिकारियों ने इसे परेशान कर्मचारियों की व्यक्तिगत भावना बताया। 

बैठक में मौजूद अखिल भारतीय समानता मंच के  राष्ट्रीय महासचिव  विनोद नौटियाल ने ETv भारत से कहा कि 1 अप्रैल को उच्च न्यायलय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर न्यायलय से जो फैसला आया है उसको लेकर संघठन के लोग विचार विमर्श कर रहैं है और जल्द ही इस संबध में संगठन न्यायलय से लेकर आंदोलन के रुप में लड़ने की भी रणनीती तैयार कर रहा है। वहीं इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद  उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा  के मुख्य संयोजक दीपक जोशी ने कहा कि पदोन्नती पर आरक्षण के इस मामले पर संगठन सरकार और न्यायलय में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगा। 

बाइट- दीपक जोशी, मुख्य संयोजक उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा
बाइट- विनोद नौटियाल, राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय समानता मंच 




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