देहरादून: देवभूमि के साथ ही उत्तराखंड को वीरों की भूमि भी कहा जाता है. लेकिन, मोदी सरकार की ओर से अग्निपथ योजना के ऐलान बाद सेना में भर्ती का सपना संजोए देवभूमि के नौजवान सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र सरकार की तरफ से सेना में 4 साल के लिए भर्ती स्कीम अग्निपथ को लेकर बिहार से शुरू हुए बवाल की चिंगारी देश के 10 राज्यों में फैल गई है. बिहार, यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में युवा सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं.
शनिवार को भी हल्द्वानी में प्रदर्शन: शनिवार को लालकुआं में बड़ी संख्या में युवाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की. युवाओं का आरोप है कि पिछले कई सालों से वो लोग सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने इस स्कीम को लाकर युवाओं के सपने को चकनाचूर करने का काम किया है.
युवाओं का कहना है कि कई ऐसे युवा हैं जिन्होंने 2020 में मेडिकल और फिजिकल की परीक्षाएं पास की हैं. लेकिन उनका केवल रिटर्न रह गया था. लेकिन केंद्र सरकार ने पिछली भर्ती को भी रद्द कर दिया है, जो युवाओं के साथ पूरी तरह से धोखा है.
हल्द्वानी में लाठीचार्ज: पिथौरागढ़ में गुरुवार को सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पेश की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए थे. इसी कड़ी में हल्द्वानी में अग्निपथ योजना को लेकर शुक्रवार को प्रदर्शन करने उतरे. जिसके बाद इन प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठियां चलाई. सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए युवाओं ने तिकोनिया चौराहे पर पर जाम भी लगाया.
चंपावत में युवाओं का विरोध प्रदर्शन: सीएम धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में भी अग्निपथ योजना का जमकर विरोध हो रहा है. चंपावत उपचुनाव में जिन युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बंपर वोटों से जिताया वो ही आज मोदी सरकार के विरोध में उतर आये हैं. सेना भर्ती के लिए घोषित केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ चंपावत में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है. यहां के युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए पीएम मोदी के पोस्टर, बैनरों को फाड़ डाला. इस दौरान इन प्रदर्शनकारी युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
मसूरी में भी हुआ विरोध प्रदर्शन: उत्तराखंड में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को मसूरी एमपीजी कालेज छात्रसंध अध्यक्ष प्रिंस पंवार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में युवाओं मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और केन्द्र सरकार के पुतले को आग के हवाले कर जमकर नारे लगाये. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर मोदी सरकार अग्निपथ योजना को वापस नहीं लेती है तो इसको लेकर उग्र आंदोलन होगा. जिसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार होगी.
खटीमा में शनिवार तक के लिए लगाई गई धारा 144: शहर में अग्निपथ के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन और जाम के बाद प्रशासन किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन पर नजर बनाए हुए है. खटीमा में शनिवार तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है. दो वर्ष पूर्व सेना में भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट पास कर चुके युवा जो लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे.
पिथौरागढ़ में भी प्रदर्शन: सेना भर्ती में अग्निपथ योजना शुरू करने से नाराज युवाओं ने यहां जोरदार रैली निकाली. युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार हमारे भविष्य के साथ मजाक कर रही है. युवाओं ने सेना में पूर्व की तरह भर्ती कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि अग्निपथ को वापस नहीं लिया गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा.
अग्निपथ को लेकर एनएसयूआई में आक्रोश: हल्द्वानी में युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एमबीपीजी कॉलेज गेट के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर पुतला फूंका.
उन्होंने लाठीचार्ज करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं पर अपनी मनमानी नीतियां थोप रही है. क्योंकि सरकार देश को निजीकरण की तरफ ले जाना चाहती है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई लगातार इसका विरोध करती रहेगी.
यह है 'अग्निपथ योजना': राष्ट्र के सामने आने वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को आमूलचूल परिवर्तन करते हुए, थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना का ऐलान किया था. इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की छोटी अवधि के लिए होगी. यह भर्ती कॉन्ट्रैक्चुअल आधार पर होगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए उम्र की सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच रखी गई है.