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मसूरी में मनाई गई चंद्रकुंवर बर्त्वाल की 76वीं पुण्यतिथि, छात्रों ने कुछ इस अंदाज में दी श्रद्धांजलि - Program on Hindi Day in Mussoorie

76th death anniversary of Chandrakunwar Bartwal मसूरी में आज गर्ल्स इंटर कॉलेज में चंद्रकुंवर बर्त्वाल की 76वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम हुए. जिसमें छात्राओं ने कविताओं के जरिए चंद्रकुंवर बर्त्वाल को श्रद्धांजलि दी. वहीं, आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में हिंदी दिवस मनाया गया और हिंदी भाषा पर प्रकाश डाला गया.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 14, 2023, 10:17 PM IST

मसूरी: हिंदी साहित्य को अनमोल कविताओं का समृद्ध खजाना देने वाले कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की 76वीं पुण्यतिथि पर मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान छात्राओं ने उनकी लिखी कविताओं को पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.

Program held on Hindi Day in Mussoorie
हिंदी दिवस पर आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में हुआ कार्यक्रम

मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य अनिता डबराल ने कहा कि चंद्रकुंवर बर्त्वाल ने हिमालय का वर्णन, बांज, बुरांश और देवदार की सुंदरता के अलावा राष्ट्रीय आंदोलन, स्वतंत्रता आंदोलन, उपनिवेशवाद और पूंजीवाद के खिलाफ कविताएं लिखीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी तुलना जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, निराला, रविंद्र नाथ टैगोर और अंग्रेजी में शैली समेत कीटस से की जाती है. द्रकुंवर बर्त्वाल ने मात्र 28 वर्ष की उम्र में सात से आठ सौ कविताएं लिखी हैं. वहीं, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसेला ने कहा कि चंद्र कुवर बर्त्वाल उत्तराखंड के महान कवि रहे हैं, जिन्होंने अल्पायु में साहित्य का इतना बड़ा कार्य किया है.

Program held on Hindi Day in Mussoorie
शिक्षाविद् डॉ. तुमन सिंह रौछेला ने हिंदी भाषा पर दिया जोर

ये भी पढ़ें: खास है हरिद्वार के इस भाषाविद् का अंदाज, आवाज से गूंजता है राष्ट्रपति भवन, पीएम मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री भी हैं फैन

शिक्षाविद् डॉ. तुमन सिंह रौछेला ने हिंदी भाषा पर जोर देते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा, राज्य भाषा और संघ सरकार की राष्ट्रीय भाषा है. अगर हम देश की उन्नति और गौरव को बढ़ाना चाहते हैं, तो हमें अपनी भाषा संस्कृति और वेशभूषा का सम्मान करना होगा. उन्होंने बताया कि हिंदी सिर्फ भारत में ही सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा नहीं है, बल्कि यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा है. भारत के अलावा कई अन्य देश ऐसे हैं, जहां लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इन देशों में नेपाल, मॉरीशस, फिजी, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और बांग्लादेश शामिल है.

76th death anniversary of Chandrakunwar Bartwal
मसूरी में चंद्रकुंवर बर्त्वाल को किया गया याद

ये भी पढ़ें: Hindi Diwas 2023 : उत्तर भारत का अनूठा पुस्तकालय, 450 वर्ष पुरानी 1500 से अधिक पांडुलिपियां सुरक्षित, यहां टैगोर ने लिखी थी 'नीलमणि'

मसूरी: हिंदी साहित्य को अनमोल कविताओं का समृद्ध खजाना देने वाले कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की 76वीं पुण्यतिथि पर मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान छात्राओं ने उनकी लिखी कविताओं को पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.

Program held on Hindi Day in Mussoorie
हिंदी दिवस पर आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में हुआ कार्यक्रम

मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य अनिता डबराल ने कहा कि चंद्रकुंवर बर्त्वाल ने हिमालय का वर्णन, बांज, बुरांश और देवदार की सुंदरता के अलावा राष्ट्रीय आंदोलन, स्वतंत्रता आंदोलन, उपनिवेशवाद और पूंजीवाद के खिलाफ कविताएं लिखीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी तुलना जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, निराला, रविंद्र नाथ टैगोर और अंग्रेजी में शैली समेत कीटस से की जाती है. द्रकुंवर बर्त्वाल ने मात्र 28 वर्ष की उम्र में सात से आठ सौ कविताएं लिखी हैं. वहीं, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसेला ने कहा कि चंद्र कुवर बर्त्वाल उत्तराखंड के महान कवि रहे हैं, जिन्होंने अल्पायु में साहित्य का इतना बड़ा कार्य किया है.

Program held on Hindi Day in Mussoorie
शिक्षाविद् डॉ. तुमन सिंह रौछेला ने हिंदी भाषा पर दिया जोर

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शिक्षाविद् डॉ. तुमन सिंह रौछेला ने हिंदी भाषा पर जोर देते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा, राज्य भाषा और संघ सरकार की राष्ट्रीय भाषा है. अगर हम देश की उन्नति और गौरव को बढ़ाना चाहते हैं, तो हमें अपनी भाषा संस्कृति और वेशभूषा का सम्मान करना होगा. उन्होंने बताया कि हिंदी सिर्फ भारत में ही सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा नहीं है, बल्कि यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा है. भारत के अलावा कई अन्य देश ऐसे हैं, जहां लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इन देशों में नेपाल, मॉरीशस, फिजी, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और बांग्लादेश शामिल है.

76th death anniversary of Chandrakunwar Bartwal
मसूरी में चंद्रकुंवर बर्त्वाल को किया गया याद

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