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कुछ वोटों ने पलट दी थी सत्ता की बिसात, देखिए किसे कब मिली शह, कब मिली मात?

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Published : Apr 20, 2019, 6:53 PM IST

राज्य गठन के बाद सूबे में 4 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. इसमें से बीते तीन लोकसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला हुआ है. देखिए कैसे उत्तराखंड में महज कुछ प्रतिशत वोट के अंतर पर ही समीकरण बदल जाते है.

Uttarakhand lok sabha election

देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद परिणामों का इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत में हुए इजाफे के लिहाज से तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी बढ़त को लेकर आकलन कर रहे हैं. राजनीतिक दलों की मत प्रतिशत को लेकर यह गंभीरता इसलिए भी है क्योंकि उत्तराखंड में 1% पर ही कई बार नतीजे बदल जाते हैं. राज्य गठन के बाद सूबे में 4 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. इसमें से बीते तीन लोकसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला देखा गया है. कब-कब सूबे में हुआ बड़ा फेरबदल, देखिए खास रिपोर्ट...

राज्य का पहला लोकसभा चुनाव साल 2004 में हुआ था. इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी. ऐसे में चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस पहले से ही काफी आश्वस्त दिख रही थी. लेकिन जब रिजल्ट आया तो बीजेपी से महज 3% कम वोट पाने वाली कांग्रेस 5 में से 1 सीट पर काबिज हो पाई. जबकि बीजेपी के हिस्से तीन और एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीती. आंकड़ों पर गौर करें तो 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 41% वोट शेयर मिला. यानी कुल 10,95,316 वोट मिले. जबकि, कांग्रेस को 38.3 यानी 10,24,062 वोट मिले. इसी तरह समाजवादी पार्टी के खाते में 7.9 यानी 21,2,085 वोट आए. इसी तरह बीएसपी को 6.8% यानी कुल 180885 वोट और यूकेडी 1.6 प्रतिशत में ही सिमट गई.

पढ़ें- आश्चर्यः देवभूमि के इस मंदिर में पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर करते हैं पूजा, अद्भुत है मान्यता

राज्य का दूसरा लोकसभा चुनाव साल 2009 में हुआ जिसमें कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पांचों सीटें जीत ली. जबकि, इस दौरान उत्तराखंड में भाजपा की सरकार थी. कांग्रेस को 2009 के लोकसभा चुनाव में 43.1% मत मिले यानी कुल 13,54,468 लोगों ने कांग्रेस को चुना. दूसरे नंबर पर रही भाजपा को 38.3 प्रतिशत वोट मिले यानी कुल 1,06,13,358 लोगों ने वोट दिया. बहुजन समाजवादी पार्टी नए 2004 के मुकाबले प्रदर्शन सुधारा और 15.2% वोट पाए. जबकि, समाजवादी पार्टी ने मात्र 1.8% वोट हासिल किये. जबकि, क्षेत्रीय दल यूकेडी की स्थिति 2009 में भी खराब रही और उसे 1.2% वोट ही मिले.

इसके बाद उत्तराखंड में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव 2014 में हुआ जब भाजपा ने 2009 के मुकाबले महज 1% ज्यादा वोट प्रतिशत बढ़ाएं. लेकिन, वह उत्तराखंड की पांचों सीटें जीतने में कामयाब रही. 2014 में भाजपा ने 34.1% वोट पाए जबकि, कांग्रेस को वोट करने वाले 21 प्रतिशत लोगों का मत मिला. वहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी मे महज 2.9% वोट हासिल किए.

देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद परिणामों का इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत में हुए इजाफे के लिहाज से तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी बढ़त को लेकर आकलन कर रहे हैं. राजनीतिक दलों की मत प्रतिशत को लेकर यह गंभीरता इसलिए भी है क्योंकि उत्तराखंड में 1% पर ही कई बार नतीजे बदल जाते हैं. राज्य गठन के बाद सूबे में 4 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. इसमें से बीते तीन लोकसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला देखा गया है. कब-कब सूबे में हुआ बड़ा फेरबदल, देखिए खास रिपोर्ट...

राज्य का पहला लोकसभा चुनाव साल 2004 में हुआ था. इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी. ऐसे में चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस पहले से ही काफी आश्वस्त दिख रही थी. लेकिन जब रिजल्ट आया तो बीजेपी से महज 3% कम वोट पाने वाली कांग्रेस 5 में से 1 सीट पर काबिज हो पाई. जबकि बीजेपी के हिस्से तीन और एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीती. आंकड़ों पर गौर करें तो 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 41% वोट शेयर मिला. यानी कुल 10,95,316 वोट मिले. जबकि, कांग्रेस को 38.3 यानी 10,24,062 वोट मिले. इसी तरह समाजवादी पार्टी के खाते में 7.9 यानी 21,2,085 वोट आए. इसी तरह बीएसपी को 6.8% यानी कुल 180885 वोट और यूकेडी 1.6 प्रतिशत में ही सिमट गई.

पढ़ें- आश्चर्यः देवभूमि के इस मंदिर में पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर करते हैं पूजा, अद्भुत है मान्यता

राज्य का दूसरा लोकसभा चुनाव साल 2009 में हुआ जिसमें कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पांचों सीटें जीत ली. जबकि, इस दौरान उत्तराखंड में भाजपा की सरकार थी. कांग्रेस को 2009 के लोकसभा चुनाव में 43.1% मत मिले यानी कुल 13,54,468 लोगों ने कांग्रेस को चुना. दूसरे नंबर पर रही भाजपा को 38.3 प्रतिशत वोट मिले यानी कुल 1,06,13,358 लोगों ने वोट दिया. बहुजन समाजवादी पार्टी नए 2004 के मुकाबले प्रदर्शन सुधारा और 15.2% वोट पाए. जबकि, समाजवादी पार्टी ने मात्र 1.8% वोट हासिल किये. जबकि, क्षेत्रीय दल यूकेडी की स्थिति 2009 में भी खराब रही और उसे 1.2% वोट ही मिले.

इसके बाद उत्तराखंड में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव 2014 में हुआ जब भाजपा ने 2009 के मुकाबले महज 1% ज्यादा वोट प्रतिशत बढ़ाएं. लेकिन, वह उत्तराखंड की पांचों सीटें जीतने में कामयाब रही. 2014 में भाजपा ने 34.1% वोट पाए जबकि, कांग्रेस को वोट करने वाले 21 प्रतिशत लोगों का मत मिला. वहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी मे महज 2.9% वोट हासिल किए.

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स्लग- उत्तराखंड में 1 प्रतिशत भी जरूरी



रिपोर्ट-नवीन उनियाल



देहरादून



एंकर



उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बाद फिलहाल परिणामों का इंतजार किया जा रहा है और इसको लेकर वोटिंग प्रतिशत के लिहाज से राजनीतिक दल अपनी बढ़त को लेकर आकलन कर रहे हैं। राजनीतिक दलों की मत प्रतिशत को लेकर यह गंभीरता इसलिए भी है क्योंकि उत्तराखंड में 1% पर ही कई बार परिणाम और रुझान बदल जाते हैं। उत्तराखंड बनने के बाद राज्य में 4 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। इसमें तीन लोक सभा चुनाव में बेहद कम अंतर से भाजपा और कांग्रेस में नजदीकी मुकाबला हुआ है। देखिए कैसे उत्तराखंड में महेश कुछ प्रतिशत पर ही बदल जाते हैं समीकरण। 





राज्य का पहला लोकसभा चुनाव साल 2004 में हुआ इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी और कांग्रेस नतीजों को लेकर काफी आश्वस्त दिख रही थी। लेकिन जब नतीजे आए तो भाजपा से महज 3% कम वोट पाने वाली कांग्रेस 5 मे से 1 सीट ले पाई जबकि भाजपा ने 3 सीटों पर कब्जा किया। इस बार 1 सीट समाजवादी पार्टी ने जीती। आंकड़ों पर गौर करें तो 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 41% वोट शेयर मिला यानी कुल 1095316 वोट मिले। जबकि कांग्रेस को 38.3 यानी 1024062 वोट मिले। इसी तरह समाजवादी पार्टी को 7.9 यानी 212085 वोट मिले इसी तरह बीएसपी को 6.8% यानी कुल 180885 वोट मिले जबकि यूकेडी 1.6 प्रतिशत में ही सिमट गई। 







राज्य का दूसरा लोकसभा चुनाव साल 2009 में हुआ जिसमें कांग्रेस ने जबरदस्त परफॉर्मेंस करते हुए पांचों सीटें जीत ली जबकि इस दौरान उत्तराखंड में भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस को 2009 के लोकसभा चुनाव में 43.1% मत मिले यानी कुल 1354468 लोगों ने कांग्रेस को चुना। दूसरे नंबर पर रही भाजपा को 38.3 प्रतिशत वोट मिले यानी कुल 10613358 लोगों ने चुना। बहुजन समाजवादी पार्टी नए 2004 के मुकाबले प्रदर्शन सुधारा और 15.2% वोट पाए जबकि समाजवादी पार्टी ने मात्र 1.8% वोट पाए। क्षेत्रीय दल यू के डी की स्थिति 2009 में भी खराब रही और 1.2% वोट ही क्षेत्रीय दल को मिले। 





इसके बाद उत्तराखंड में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव 2014 में हुआ जब भाजपा ने 2009 के मुकाबले महज 1% ज्यादा वोट प्रतिशत बढ़ाएं लेकिन वह उत्तराखंड की पांचों सीटें जीतने में कामयाब रही। 2014 में भाजपा ने 34.1% वोट पाए जबकि कांग्रेस को वोट करने वाले 21 प्रतिशत लोगों ने चुना। बहुजन समाजवादी पार्टी मे महज 2.9% वोट हासिल किए। 




         
                  
                           
                           
                  
         



         
                  
                           
                           
                           
                  
         

                           
                                    
                                             
                                                      
                                             
                                    
                           

                           

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