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गैरसैंण में भाषा अकादमी संस्थान स्थापित करने की तैयारी, चार भाषा बोलियों के लिए कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

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Published : Oct 29, 2022, 7:21 AM IST

Updated : Oct 29, 2022, 7:40 AM IST

भाषा अकादमी संस्थान को गैरसैंण में स्थापित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि 4 भाषा बोलियों की अकादमी गैरसैंण में स्थापित हो सके. उत्तराखंड में पंजाबी बोली-भाषा के साथ हिंदी और उर्दू को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान का विशेष फोकस है. खास बात ये है कि उत्तराखंड भाषा संस्थान ने गैरसैंण में अकादमी बनाए जाने को लेकर पैरवी तेज कर दी है.

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देहरादून: उत्तराखंड भाषा संस्थान (Uttarakhand Language Institute) प्रदेश में भाषा को समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में गैरसैंण में भाषा अकादमी संस्थान को स्थापित करने की कवायद (Attempt to set up institute in Gairsain) तेज हो गई है. स्थानीय भोली भाषाओं के साथ हिंदी, उर्दू, पंजाबी, लोक भाषा बोली को बढ़ावा देने के लिए संस्थान भविष्य की योजना पर कार्य कर रहा है. साथ ही इस दिशा में संस्थान ने कदम भी बढ़ाने शुरू कर दिए हैं.

गौर हो कि उत्तराखंड में भले ही गैरसैंण को लेकर राजनीतिक दल अब तक राजनीति करते हुए ही दिखाई दिए हों, लेकिन पहली बार गैरसैंण में किसी संस्थान को स्थापित (language academy institute in Gairsain) करने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं. भाषा अकादमी संस्थान को गैरसैंण में स्थापित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि 4 भाषा बोलियों की अकादमी गैरसैंण में स्थापित हो सके.
पढ़ें-उत्तराखंड की सियासत के केंद्र गैरसैंण को लेकर उदासीन धामी सरकार! बीते एक साल में नहीं कराया कोई सत्र

उत्तराखंड में पंजाबी बोली-भाषा के साथ हिंदी और उर्दू को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान का विशेष फोकस है. खास बात ये है कि उत्तराखंड भाषा संस्थान ने गैरसैंण में अकादमी बनाए जाने को लेकर पैरवी तेज कर दी है. इसको लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. उत्तराखंड भाषा संस्थान के सचिव (Secretary Uttarakhand Language Institute) आईएएस विनोद प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान अधिनियम के तहत स्थानीय भाषाओं को विशेष फोकस किया जा रहा है. प्रदेश में भाषा, बोली, हिंदी और उर्दू इन भाषाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
पढ़ें-अंकिता भंडारी हत्याकांड बना तबादले का कारण, 20 महीने में डीएम जोगदंडे का ट्रांसफर

उन्होंने बताया कि वो पिछले दिनों दिल्ली गए थे और दिल्ली सरकार सभी भाषाओं को आगे बढ़ाने काम कर रही है. दिल्ली में बाकायदा जौनसारी और गढ़वाली और कुमाऊंनी की अकादमी बनाई गई है. भारत में संविधान के तहत बहुत सारी भाषाएं हैं. हमें भाषा, बोली, हिंदी और उर्दू इन भाषाओं को आगे बढ़ाना है. हम चाहते हैं गैरसैंण में इसकी अकादमी बने. इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. हमने कैबिनेट बैठक में इसको शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. अगली कैबिनेट बैठक में इसको शामिल किया जा सकता है.

देहरादून: उत्तराखंड भाषा संस्थान (Uttarakhand Language Institute) प्रदेश में भाषा को समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में गैरसैंण में भाषा अकादमी संस्थान को स्थापित करने की कवायद (Attempt to set up institute in Gairsain) तेज हो गई है. स्थानीय भोली भाषाओं के साथ हिंदी, उर्दू, पंजाबी, लोक भाषा बोली को बढ़ावा देने के लिए संस्थान भविष्य की योजना पर कार्य कर रहा है. साथ ही इस दिशा में संस्थान ने कदम भी बढ़ाने शुरू कर दिए हैं.

गौर हो कि उत्तराखंड में भले ही गैरसैंण को लेकर राजनीतिक दल अब तक राजनीति करते हुए ही दिखाई दिए हों, लेकिन पहली बार गैरसैंण में किसी संस्थान को स्थापित (language academy institute in Gairsain) करने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं. भाषा अकादमी संस्थान को गैरसैंण में स्थापित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि 4 भाषा बोलियों की अकादमी गैरसैंण में स्थापित हो सके.
पढ़ें-उत्तराखंड की सियासत के केंद्र गैरसैंण को लेकर उदासीन धामी सरकार! बीते एक साल में नहीं कराया कोई सत्र

उत्तराखंड में पंजाबी बोली-भाषा के साथ हिंदी और उर्दू को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान का विशेष फोकस है. खास बात ये है कि उत्तराखंड भाषा संस्थान ने गैरसैंण में अकादमी बनाए जाने को लेकर पैरवी तेज कर दी है. इसको लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. उत्तराखंड भाषा संस्थान के सचिव (Secretary Uttarakhand Language Institute) आईएएस विनोद प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान अधिनियम के तहत स्थानीय भाषाओं को विशेष फोकस किया जा रहा है. प्रदेश में भाषा, बोली, हिंदी और उर्दू इन भाषाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि वो पिछले दिनों दिल्ली गए थे और दिल्ली सरकार सभी भाषाओं को आगे बढ़ाने काम कर रही है. दिल्ली में बाकायदा जौनसारी और गढ़वाली और कुमाऊंनी की अकादमी बनाई गई है. भारत में संविधान के तहत बहुत सारी भाषाएं हैं. हमें भाषा, बोली, हिंदी और उर्दू इन भाषाओं को आगे बढ़ाना है. हम चाहते हैं गैरसैंण में इसकी अकादमी बने. इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. हमने कैबिनेट बैठक में इसको शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. अगली कैबिनेट बैठक में इसको शामिल किया जा सकता है.

Last Updated : Oct 29, 2022, 7:40 AM IST
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