देहरादून: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. इस दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़ बाकी सभी सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हुई हैं. इन्हीं जरूरी सेवाओं में शामिल ऊर्जा विभाग को भी बड़ा घाटा हो रहा है. बड़े-बड़े कारखाने और मॉल्स सब बंद होने के चलते विद्युत उत्पादन के मुकाबले में विद्युत की खपत में काफी अंतर आ गया है. अब ऊर्जा विभाग कम दामों में ही बिजली बेचने को मजबूर है.
यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बिजली खपत काफी कम हो गई है, जिस वजह से करीब 4 से 5 मिलियन यूनिट बिजली विभाग को सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है. साथ ही बताया कि केंद्रीय एजेंसियों से टाइअप होने के चलते तय बिजली खरीदनी आवश्यक है. ऐसे में ऊर्जा विभाग बिजली खरीद रहा है और देशभर में बिजली की ज्यादा खपत ना होने के चलते मजबूरी में ऊर्जा विभाग को इस बिजली को सस्ते दरों पर बेचना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस वजह से ऊर्जा विभाग के रेवेन्यू में जरूर कमी हो गई है.
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यूपीसीएल के निजीकरण के सवाल पर बीसीके मिश्रा ने बताया कि फिलहाल ऊर्जा विभाग के निजीकरण का मामला सामने नहीं आया है. केंद्र सरकार ने फिलहाल जो निर्देश जारी किए हैं उसके अनुसार 18 फीसदी से अधिक नुकसान वाले ऊर्जा विभागों का निजीकरण करने का फैसला लिया गया है. हालांकि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड अच्छी पोजीशन पर है.