ETV Bharat / state

नए मोटर व्हीकल एक्ट से खौफजदा लोग, लूट रहे प्रदूषण जांच केंद्र संचालक

नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं. वहीं शिकायत है कि प्रदूषण जांच केंद्रों जनता से मनमाफिक फीस वसूल रहे हैं. जानकारों का कहना है कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही ट्रांसपोर्ट विभाग की है. जिसकी मिलीभगत से यह खेल चल रहा है.

author img

By

Published : Sep 10, 2019, 8:55 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 11:22 PM IST

प्रदूषण जांच केंद्र के बाहर लगी वाहनों की लंबी कतार.

देहरादून: एक सितंबर से देशभर में नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिये गये हैं. जिसके बाद से जनता एक्ट के भारी-भरकम जुर्माने वाली राशि से डरी हुई है. जिसका फायदा शहर के प्रदूषण जांच केंद्र उठा रहे हैं. हालांकि उत्तराखंड में नए मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन अबतक जारी नहीं हुआ है. शिकायत आ रही है कि प्रदूषण जांच केंद्र जनता से मन मुताबिक फीस वसूल रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट से खौफजदा लोग.

दरअसल, इन दिनों चालान के डर से प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. बताया जा रहा है कि जनता से मनमानी फीस वसूली जा रही है. जबकी, वाहन चालकों से 100 रुपये लेने का नियम है. साथ ही इसी प्रदूषण जांच केंद्र में नए मोटर व्हीकल एक्ट की भारी-भरकम जुर्माना राशि चस्पा कर दी गई है. लोगों में इंश्योरेंस करवाने को लेकर भी भय का माहौल बनाया जा रहा है.

पढे़ं- उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: जांच के दायरे में सत्ताधारी लोगों के शिक्षण संस्थान, SIT जांच हो सकती है प्रभावित

प्रदूषण चालान को लेकर जनता में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि नियम के अनुसार प्रदूषण चालान काटने का अधिकार पुलिस के पास नहीं है. यह अधिकार सिर्फ संभागीय परिवहन विभाग (RTO) को ही है. जो अन्य दस्तावेज की भी जांच करती है. वहीं सोमवार को पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पुलिसकर्मी को चालान काटते समय बदसलूकी ना करने की हिदायत दी थी.

वहीं लोगों द्वारा प्रदूषण जांच केंद्रों पर जनता से मनमाफिक लूट खसोट करने का आरोप लग रहा है. जानकारों का कहना है कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही ट्रांसपोर्ट विभाग की है. जिसकी मिलीभगत से यह खेल चल रहा है.

बता दें कि ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संशोधित किए गए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर अभी उत्तराखंड में स्थिति साफ नहीं है. अनुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक के बाद नए मोटर व्हीकल एक्ट पर फैसला ले लिया जाएगा. जिसमें जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

देहरादून: एक सितंबर से देशभर में नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिये गये हैं. जिसके बाद से जनता एक्ट के भारी-भरकम जुर्माने वाली राशि से डरी हुई है. जिसका फायदा शहर के प्रदूषण जांच केंद्र उठा रहे हैं. हालांकि उत्तराखंड में नए मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन अबतक जारी नहीं हुआ है. शिकायत आ रही है कि प्रदूषण जांच केंद्र जनता से मन मुताबिक फीस वसूल रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट से खौफजदा लोग.

दरअसल, इन दिनों चालान के डर से प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. बताया जा रहा है कि जनता से मनमानी फीस वसूली जा रही है. जबकी, वाहन चालकों से 100 रुपये लेने का नियम है. साथ ही इसी प्रदूषण जांच केंद्र में नए मोटर व्हीकल एक्ट की भारी-भरकम जुर्माना राशि चस्पा कर दी गई है. लोगों में इंश्योरेंस करवाने को लेकर भी भय का माहौल बनाया जा रहा है.

पढे़ं- उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: जांच के दायरे में सत्ताधारी लोगों के शिक्षण संस्थान, SIT जांच हो सकती है प्रभावित

प्रदूषण चालान को लेकर जनता में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि नियम के अनुसार प्रदूषण चालान काटने का अधिकार पुलिस के पास नहीं है. यह अधिकार सिर्फ संभागीय परिवहन विभाग (RTO) को ही है. जो अन्य दस्तावेज की भी जांच करती है. वहीं सोमवार को पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पुलिसकर्मी को चालान काटते समय बदसलूकी ना करने की हिदायत दी थी.

वहीं लोगों द्वारा प्रदूषण जांच केंद्रों पर जनता से मनमाफिक लूट खसोट करने का आरोप लग रहा है. जानकारों का कहना है कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही ट्रांसपोर्ट विभाग की है. जिसकी मिलीभगत से यह खेल चल रहा है.

बता दें कि ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संशोधित किए गए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर अभी उत्तराखंड में स्थिति साफ नहीं है. अनुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक के बाद नए मोटर व्हीकल एक्ट पर फैसला ले लिया जाएगा. जिसमें जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

Intro:summary_नए मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने वाले ख़ौफ से प्रदूषण केंद्रों पर जनता से लूटखसोट,परिवहन विभाग गहरी नींद.. प्रदूषण केंद्रों मैं इंश्योरेंस करने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है, नए एक्ट के भारी-भरकम जुर्माना राशि चस्पा कर लोगों को भय में डालने का प्रयास। उत्तराखंड में नए मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी ना होने से पहले ही हाहाकार..

एक सितंबर से देशभर में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के भारी-भरकम जुर्माने वाली राशि से वाहन चालक इस कदर भयभीत हैं कि,उनका फायदा सबसे ज्यादा प्रदूषण जांच केंद्र उठा रहे हैं.. जबकि अभी तक उत्तराखंड में नए मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है...लेकिन प्रदूषण के जद में आने वाले वाहनों पर जुर्माना राशि नए एक्ट के तहत 3 हज़ार रुपये होने की ख़बर सुन लोग सुबह से लेकर शाम तक प्रदूषण जांच केंद्रों में लंबी-लंबी कतारों पर खड़े होकर प्रदूषण चेक करा रहे हैं...परिवहन विभाग द्वारा तय की गई ₹100 की गई फीस को दरकिनार इधर इसका फायदा प्रदूषण जांच केंद्र मन मुताबिक फीस वसूल कर उठा रहे हैं।
इतना ही नहीं प्रदूषण जांच केंद्र अपने कार्यालयों में अलग से बैनर पोस्टर लगाकर वाहनों की इंश्योरेंस कराने के लिए भी लोगों को मजबूर कर रहे हैं। हालत यह है कि प्रदूषण जांच केंद्रों में नए मोटर व्हीकल एक्ट की भारी-भरकम जुर्माना राशि चस्पा कर जनता के मन में अलग-अलग दस्तावेज पूरा करने के लिए भय बनाया जा रहा है।





Body:प्रदूषण जांच केंद्र में भारी भरकम जुर्माना चस्पा कर इंश्योरेंस कराने के लिए भी तैयार किया जा रहा हैं।

वीओ- यह नजारा देहरादून सबसे पॉश इलाक़े कैनाल रोड हैं... इसी क्षेत्र में उत्तराखंड शासन प्रशासन से जुड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का सरकारी निवास स्थान है..लेकिन इसी कैनाल रोड पर धड़ल्ले से प्रदूषण जांच केंद्र में वाहन चालकों को अलग अलग समय पर 100 रुपये फीस की जगह मनमाना फीस वसूल कर कर प्रदूषण जांच का कार्य किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं इससे भी हैरानी की बात यह हैं कि इसी प्रदूषण जांच केंद्र में नए मोटर व्हीकल एक्ट की भारी-भरकम जुर्माना राशि चस्पा कर लोगों को इंश्योरेंस कराने सहित अन्य दस्तावेज पूरा कराने के लिए भय में डालकर तैयार किया जा रहा हैं। लंबी-लंबी कतारों में दुपहिया वाहन स्वामी अपने प्रदूषण चेक कराने के लिए सुबह से लेकर देर शाम तक सड़क किनारे खड़े होकर अपने बारी का इंतजार कर रहे हैं।
वही दूसरी तरफ प्रदूषण जांच केंद्र द्वारा शाम के वक्त कार व अन्य व्यवसायिक वाहनों के प्रदूषण चेक का समय रखा गया है ताकि उस दौरान मनमाने तरीके से फीस वसूल कर प्रदूषण चेक किया जा सके।


पुलिस चालान के नाम से जनता में भय

देहरादून में प्रदूषण चालान को लेकर लोगों में इस कदर डर पनप रहा है कि लोग भ्रम की स्थिति में आकर यह समझ रहे हैं कि पुलिस हर नाके पर प्रदूषण का चालान काटेगी.. जबकि नियम के मुताबिक प्रदूषण चालान काटने का अधिकार पुलिस के पास पूर्व से ही नहीं है यह अधिकार मात्र संभागीय परिवहन विभाग (RTO) को है.जो अन्य दस्तावेज की भी जांच करती हैं।

मुख्यमंत्री पुलिस को दे चुके हैं चालान कार्रवाई को लेकर हिदायत

वहीं मुख्यमंत्री ने सोमवार पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक लेने के दौरान साफ तौर पर कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी को जनता के चालान काटते समय किसी भी तरह की बदसलूकी या वाहन का पीछा कर चालान काटने की हिमाकत नहीं करनी चाहिए इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती है.. चेकिंग के दौरान ट्रैफिक नियम और दस्तावेजों की कमी होने पर आराम से चालान काटा जा सकता है।
ऐसे में नए मोटर व्हीकल एक्ट के विषय में सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्म के जरिए पुलिस चालान काटने के प्रति भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है जिसके चलते जनता में भय का माहौल बन रहा है। जबकि पुलिस देहरादून में ऐसा कोई कार्य नहीं कर रही हैं..और नाही आरटीओ विभाग इस मामलें किसी तरह से कोई अभियान चलाए हुए हैं


Conclusion:जीरो टॉलरेंस की सरकार के सामने जनता से लूट खसौट-जानकार

उधर प्रदूषण जांच केंद्रों में वाहनों के जांच में मनमाफिक लूट खसोट के मामले को लेकर जानकारों का मानना है कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही ट्रांसपोर्ट विभाग की है जिस की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। उत्तराखंड नए एक्ट अभी लागू भी नहीं हुआ है और संबंधित विभाग भ्रम की स्थिति पैदा कर जांच केंद्र को मुनाफा खोरी के लिए सहयोग कर रहा है।
यह बात सही है कि नए एक्ट के तहत सभी को वाहनों के दस्तावेज और ट्रैफिक नियम सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत पूरे करने जरूरी है लेकिन एक्ट के नाम पर जनता में भय पैदा कर सरकारी तंत्र मूकदर्शक बन तमाशबीन बना हुआ है।

बाइट- मनमोहन लखेरा, वरिष्ठ पत्रकार
बाइट- जगमोहन मेंदीरत्ता सामाजिक कार्यकर्ता जानकार


उत्तराखंड में नए मोटर व्हीकल एक्ट की चालान राशि में मिल सकती है बड़ी राहत

बहराल देशभर में साल दर साल लगातार बढ़ते सड़क हादसों को रोकने और ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संशोधित किए गए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर अभी उत्तराखंड में स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है अनुमान के मुताबिक अगले 1 से 2 दिनों में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में नए मोटर व्हीकल एक्ट की चालान राशि में जनता को बड़ी राहत देकर एक्ट का नोटिफिकेशन को जारी किया जा सकता है ।
Last Updated : Sep 10, 2019, 11:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.