देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों (uttarakhand back door recruitment) को लेकर सियासत गर्मा गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) महेंद्र भट्ट का कहना है कि भाजपा सरकार ने नैतिक साहस दिखाते हुए विधानसभा में भर्ती प्रकरण की जांच करके नियुक्तियां रद्द की हैं. अब कांग्रेस की बारी है कि वह मिसाल कायम करे. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (Congress State President) करन माहरा ने महेंद्र भट्ट के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा की है. ऐसे में उन्हें कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है. अंकिता भंडारी केस (ankita bhandari murder case) में उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस की होती तो तथाकथित वीआईपी को सामने लाकर खड़ा कर देते.
महेंद्र भट्ट ने कहा है कि नैतिकता की शुरुआत स्वयं से होती है. लिहाजा कांग्रेस को सबसे पहले अपनी पार्टी से रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर अवैध नियुक्तियों को लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. तब चाहे वह गोविंद सिंह कुंजवाल हों या सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, जिन्हें कैबिनेट मंत्री के अधिकार भी प्राप्त हैं. इसके जवाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा की है. ऐसे में उन्हें कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार यह साबित करे कि बैकडोर नियुक्तियों में गलत किसने किया है.
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उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को रिपोर्ट सार्वजनिक करवानी चाहिए. जिससे यह पता चले कि रिपोर्ट में विशेषज्ञ जांच समिति के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने क्या-क्या चीजें लिखी हैं. उन्होंने कहा कि किसको हटाना है और किसको नहीं हटाना है, यह सरकार को तय करना है. उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को कार्रवाई का अधिकार होता तो अंकिता हत्याकांड में जिस तथाकथित वीआईपी का नाम सामने आ रहा है, उस वीआईपी को सामने लाकर खड़ा कर देते. लेकिन शासन-प्रशासन तो भाजपा के हैं. उसके बाद भी यह अच्छी परिपाटी चल गई है कि प्रश्न भी विपक्ष से पूछे जा रहे हैं.