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उत्तराखंड में 191 शहीद पुलिसकर्मियों की याद में जल्द बनेगा 'पुलिस शौर्य स्मारक'

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Published : Dec 17, 2021, 8:19 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 12:20 PM IST

उत्तराखंड में शहीद पुलिस जवानों की याद में जल्द 'पुलिस शौर्य स्मारक' बनने जा रहा है. इसके लिए सहस्त्रधारा रोड से निकट ननूरखेड़ा क्षेत्र को चयनित किया गया है. जल्द ही सारी औपचरिकताएं पूरी कर यहां पुलिस शौर्य स्मारक का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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191 शहीद पुलिसकर्मियों की याद में जल्द बनेगा 'पुलिस शौर्य स्मारक'

देहरादून: भारतीय सेना की तर्ज पर अब शहीद पुलिस जवानों के बलिदान और शहादत को याद रखने के लिए जल्द ही देशभर के सभी राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना की जाएगी. गृह मंत्रालय ने इसके लिए सभी प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को बीते सितंबर माह में ही पत्र लिखकर कर अपने-अपने राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना करने की दिशा निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड के परिपेक्ष में बात करें तो राज्य गठन से लेकर अब तक कुल 191 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. जिनकी याद में प्रदेश में 'पुलिस शौर्य स्मारक' बनने जा रहा है.

उत्तराखंड में साल दर साल आने वाली दैवीय आपदा में राहत बचाव कार्य, ड्यूटी के दौरान कानून व शांति व्यवस्था, दुर्घटना, 2013 केदारनाथ त्रासदी, अपराधियों के अलग-अलग धरपकड़, मुठभेड़ और वर्तमान समय में कोविड-19 काल के दौरान जनहित सुरक्षा जैसे मौके पर ड्यूटी के दौरान पिछले 21 सालों में पुलिस कांस्टेबल से लेकर डिप्टी एसपी रैंक तक कुल 191 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. इन सभी के बलिदान को याद रखने के लिए 'पुलिस शौर्य स्मारक' बनने जा रहा है.

191 शहीद पुलिसकर्मियों की याद में जल्द बनेगा 'पुलिस शौर्य स्मारक'

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, पहले इसके लिए देहरादून पुलिस लाइन स्थान को चिन्हित किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते पुलिस स्मारक का निर्माण के लिए सहस्त्रधारा रोड से निकट ननूरखेड़ा क्षेत्र को चयनित किया गया है. ऐसे में उम्मीद हैं कि जल्द ही औपचारिकताएं पूरी यहां पुलिस मेमोरियल को स्थापित किया जाएगा.

पढ़ें- हेलीकॉप्टर, जहाज और तोप से नहीं मिलेगी मजबूती, नागरिकों से सशक्त होगा देश: राहुल गांधी

देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने उठाई थी मांग: बता दें देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने जुलाई 2019 को खुद प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र के जरिए देशभर में शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों की शहादत को याद रखने के लिए पुलिस शौर्य स्मारक की मांग की थी. सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार के मुताबिक इस मामले में उन्होंने 10 अगस्त 2021 को फिर से दोबारा पीएमओ कार्यालय में जाकर इस मांग को ज्ञापन के जरिए उठाया.

अजय कुमार के मुताबिक, इस मामले में गृह मंत्रालय को आदेशित किया. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 सितंबर 2021 को देश के सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक को आधिकारिक पत्र लिखा. जिसमें उनके प्रदेशों में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों की याद को ताजा रखने और भावी पीढ़ी को उनके शहादत प्रेरणा बताने के के लिए पुलिस शौर्य स्मारक बनाने के निर्देश दिए गये.

अजय कुमार का मानना है उत्तराखंड एक ऐसा सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है जहां साल दर साल दैवीय आपदा, राहत बचाव कार्य और तमाम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पुलिस जवानों की शहादत होती है. राज्य की भावी पीढ़ी को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि राष्ट्र सुरक्षा और अखंडता में जुटे भारतीय सैनिकों के बलिदान तर्ज पर जनहित कर्तव्यनिष्ठा में दिन-रात जुटे पुलिस जवानों की भी शहादत होती है. इसीलिए उन्होंने उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना की मांग की.

पढ़ें- पिथौरागढ़ पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह, DRDO गेस्ट हाउस में अधिकारियों संग कर रहे बैठक

जल्द ही पुलिस शौर्य स्मारक की होगी स्थापना: उत्तराखंड में पुलिस शौर्य स्मारक के बारे में डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय का आधिकारिक पत्र उन्हें प्राप्त हो चुका है. इसके लिए पहले देहरादून पुलिस लाइन में स्थान चयनित किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते इसे पुलिस लाइन से बाहर बनाने की बात कही गई. जिसके बाद अब सहस्त्रधारा रोड के निकट ननूर खेड़ा क्षेत्र में पुलिस शौर्य स्मारक बनाया जाएगा. उम्मीद है कि जल्द औपचारिकताएं पूरी कर इसका निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा.


राज्य गठन से अब तक शहीद पुलिसकर्मियों का विवरण: 2000 से 2021 तक कुल 191पुलिसकर्मियों ने शहादत दी है. जिनमें शहीद कॉन्स्टेबल की संख्या 138, शहीद हेड कांस्टेबलों की संख्या 36, शहीद सब इंस्पेक्टरों की संख्या 14, शहीद इंस्पेक्टरों की संख्या 2, शहीद डिप्टी एसपी की संख्या 1 है.


वर्ष वार शहीद पुलिसकर्मियों का विवरण

  • वर्ष 2000 से 2001 तक ड्यूटी के दौरान 1 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 6 कॉन्स्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2002 में 4 कांस्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2003 में 1 सब- इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 7 कॉन्स्टेबल ड्यूटी सेवाकाल में शहीद हुए.
  • वर्ष 2004 में 1 इंस्पेक्टर, 1सब- इंस्पेक्टर,1 हेड कांस्टेबल और 1 कॉन्स्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2005 में 1 हेड कांस्टेबल और 7 कांस्टेबल ड्यूटी सेवाकाल में शहीद हुए.
  • 2006 में 1 सब इंस्पेक्टर और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2007 में ड्यूटी के दौरान 2 हेड कांस्टेबल और 6 कॉन्स्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2008 में 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 9 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2009 में ड्यूटी सेवा काल के समय 2 सब-इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल और 10 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2010 में 2 सब-इंस्पेक्टर, 4 हेड कांस्टेबल और 14 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के समय शहीद हुए.
  • वर्ष 2011 में 1 हेड कांस्टेबल और 11 कांस्टेबल पुलिसिंग कार्रवाई के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2012 में 2 हेड कांस्टेबल और 6 कांस्टेबल ड्यूटी के समय शहीद हुए.
  • वर्ष 2013 केदारनाथ त्रासदी के दौरान राहत बचाव कार्य में 6 हेड कांस्टेबल और 19 कांस्टेबल ड्यूटी कार्रवाई के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2014 में 1 सब-इंस्पेक्टर, 8 हेड कांस्टेबल और 7 कॉन्स्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2015 में ड्यूटी के दौरान 1 डिप्टी एसपी, 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2016 में 1 सब-इंस्पेक्टर,1 हेड कांस्टेबल और 8 कांस्टेबल ड्यूटी कार्रवाई में शहीद हुए.
  • वर्ष 2017 में 1 इंस्पेक्टर और 6 कांस्टेबल पुलिस सेवा के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2018 में 2 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के दौरान शहीद हुए.
  • 2019 में 1कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी में शहीद हुए .
  • वर्ष 2020 में 2 सब- इंस्पेक्टर और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2021 में 1 हेड कांस्टेबल और 2 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के दौरान शहीद हुए.

देहरादून: भारतीय सेना की तर्ज पर अब शहीद पुलिस जवानों के बलिदान और शहादत को याद रखने के लिए जल्द ही देशभर के सभी राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना की जाएगी. गृह मंत्रालय ने इसके लिए सभी प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को बीते सितंबर माह में ही पत्र लिखकर कर अपने-अपने राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना करने की दिशा निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड के परिपेक्ष में बात करें तो राज्य गठन से लेकर अब तक कुल 191 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. जिनकी याद में प्रदेश में 'पुलिस शौर्य स्मारक' बनने जा रहा है.

उत्तराखंड में साल दर साल आने वाली दैवीय आपदा में राहत बचाव कार्य, ड्यूटी के दौरान कानून व शांति व्यवस्था, दुर्घटना, 2013 केदारनाथ त्रासदी, अपराधियों के अलग-अलग धरपकड़, मुठभेड़ और वर्तमान समय में कोविड-19 काल के दौरान जनहित सुरक्षा जैसे मौके पर ड्यूटी के दौरान पिछले 21 सालों में पुलिस कांस्टेबल से लेकर डिप्टी एसपी रैंक तक कुल 191 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. इन सभी के बलिदान को याद रखने के लिए 'पुलिस शौर्य स्मारक' बनने जा रहा है.

191 शहीद पुलिसकर्मियों की याद में जल्द बनेगा 'पुलिस शौर्य स्मारक'

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, पहले इसके लिए देहरादून पुलिस लाइन स्थान को चिन्हित किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते पुलिस स्मारक का निर्माण के लिए सहस्त्रधारा रोड से निकट ननूरखेड़ा क्षेत्र को चयनित किया गया है. ऐसे में उम्मीद हैं कि जल्द ही औपचारिकताएं पूरी यहां पुलिस मेमोरियल को स्थापित किया जाएगा.

पढ़ें- हेलीकॉप्टर, जहाज और तोप से नहीं मिलेगी मजबूती, नागरिकों से सशक्त होगा देश: राहुल गांधी

देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने उठाई थी मांग: बता दें देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने जुलाई 2019 को खुद प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र के जरिए देशभर में शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों की शहादत को याद रखने के लिए पुलिस शौर्य स्मारक की मांग की थी. सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार के मुताबिक इस मामले में उन्होंने 10 अगस्त 2021 को फिर से दोबारा पीएमओ कार्यालय में जाकर इस मांग को ज्ञापन के जरिए उठाया.

अजय कुमार के मुताबिक, इस मामले में गृह मंत्रालय को आदेशित किया. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 सितंबर 2021 को देश के सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक को आधिकारिक पत्र लिखा. जिसमें उनके प्रदेशों में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों की याद को ताजा रखने और भावी पीढ़ी को उनके शहादत प्रेरणा बताने के के लिए पुलिस शौर्य स्मारक बनाने के निर्देश दिए गये.

अजय कुमार का मानना है उत्तराखंड एक ऐसा सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है जहां साल दर साल दैवीय आपदा, राहत बचाव कार्य और तमाम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पुलिस जवानों की शहादत होती है. राज्य की भावी पीढ़ी को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि राष्ट्र सुरक्षा और अखंडता में जुटे भारतीय सैनिकों के बलिदान तर्ज पर जनहित कर्तव्यनिष्ठा में दिन-रात जुटे पुलिस जवानों की भी शहादत होती है. इसीलिए उन्होंने उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों में पुलिस शौर्य स्मारक की स्थापना की मांग की.

पढ़ें- पिथौरागढ़ पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह, DRDO गेस्ट हाउस में अधिकारियों संग कर रहे बैठक

जल्द ही पुलिस शौर्य स्मारक की होगी स्थापना: उत्तराखंड में पुलिस शौर्य स्मारक के बारे में डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय का आधिकारिक पत्र उन्हें प्राप्त हो चुका है. इसके लिए पहले देहरादून पुलिस लाइन में स्थान चयनित किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते इसे पुलिस लाइन से बाहर बनाने की बात कही गई. जिसके बाद अब सहस्त्रधारा रोड के निकट ननूर खेड़ा क्षेत्र में पुलिस शौर्य स्मारक बनाया जाएगा. उम्मीद है कि जल्द औपचारिकताएं पूरी कर इसका निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा.


राज्य गठन से अब तक शहीद पुलिसकर्मियों का विवरण: 2000 से 2021 तक कुल 191पुलिसकर्मियों ने शहादत दी है. जिनमें शहीद कॉन्स्टेबल की संख्या 138, शहीद हेड कांस्टेबलों की संख्या 36, शहीद सब इंस्पेक्टरों की संख्या 14, शहीद इंस्पेक्टरों की संख्या 2, शहीद डिप्टी एसपी की संख्या 1 है.


वर्ष वार शहीद पुलिसकर्मियों का विवरण

  • वर्ष 2000 से 2001 तक ड्यूटी के दौरान 1 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 6 कॉन्स्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2002 में 4 कांस्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2003 में 1 सब- इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 7 कॉन्स्टेबल ड्यूटी सेवाकाल में शहीद हुए.
  • वर्ष 2004 में 1 इंस्पेक्टर, 1सब- इंस्पेक्टर,1 हेड कांस्टेबल और 1 कॉन्स्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2005 में 1 हेड कांस्टेबल और 7 कांस्टेबल ड्यूटी सेवाकाल में शहीद हुए.
  • 2006 में 1 सब इंस्पेक्टर और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2007 में ड्यूटी के दौरान 2 हेड कांस्टेबल और 6 कॉन्स्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2008 में 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 9 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2009 में ड्यूटी सेवा काल के समय 2 सब-इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल और 10 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2010 में 2 सब-इंस्पेक्टर, 4 हेड कांस्टेबल और 14 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के समय शहीद हुए.
  • वर्ष 2011 में 1 हेड कांस्टेबल और 11 कांस्टेबल पुलिसिंग कार्रवाई के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2012 में 2 हेड कांस्टेबल और 6 कांस्टेबल ड्यूटी के समय शहीद हुए.
  • वर्ष 2013 केदारनाथ त्रासदी के दौरान राहत बचाव कार्य में 6 हेड कांस्टेबल और 19 कांस्टेबल ड्यूटी कार्रवाई के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2014 में 1 सब-इंस्पेक्टर, 8 हेड कांस्टेबल और 7 कॉन्स्टेबल ड्यूटी में शहीद हुए.
  • वर्ष 2015 में ड्यूटी के दौरान 1 डिप्टी एसपी, 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2016 में 1 सब-इंस्पेक्टर,1 हेड कांस्टेबल और 8 कांस्टेबल ड्यूटी कार्रवाई में शहीद हुए.
  • वर्ष 2017 में 1 इंस्पेक्टर और 6 कांस्टेबल पुलिस सेवा के दौरान शहीद हुए.
  • वर्ष 2018 में 2 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के दौरान शहीद हुए.
  • 2019 में 1कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी में शहीद हुए .
  • वर्ष 2020 में 2 सब- इंस्पेक्टर और 4 कांस्टेबल शहीद हुए.
  • वर्ष 2021 में 1 हेड कांस्टेबल और 2 कांस्टेबल पुलिस ड्यूटी के दौरान शहीद हुए.
Last Updated : Dec 18, 2021, 12:20 PM IST
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