देहरादून: हरिद्वार जनपद की मंगलौर कोतवाली में भाजपा विधायक के सामने पार्टी नेता की पिटाई मामले पर पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लिया है और मारपीट के आरोप में मंगलौर कोतवाली प्रभारी यशपाल बिष्ट का तबादला कर दिया है. लेकिन यहां हैरानी वाली बात ये है कि यशपाल बिष्ट को एक छोटे से स्थान से निकालकर रुड़की जैसे शहर का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है.
जांच के नाम पर प्रमोशन: भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने शायद ही कभी इतनी बेबसी देखी होगी, जितनी मंगलौर के पार्टी कार्यकर्ता और नेता इन दिनों महसूस कर रहे हैं. पहले तो अपनी ही पार्टी के विधायक के सामने कोतवाली में सरेआम पिटाई, और फिर पिटाई करने वाले प्रभारी को इनाम मिलना. दरअसल, जांच के नाम पर पुलिस मुख्यालय ने मंगलौर कोतवाली में भाजपा नेता की पिटाई करने वाले प्रभारी यशपाल सिंह बिष्ट को पास के ही शहर की कोतवाली रुड़की की जिम्मेदारी दे दी है.
हालांकि, काफी दबाव के बाद अब इस मामले की जांच की बात कही जा रही है. बता दें कि मंगलौर कोतवाली में भाजपा नेता की पिटाई का मामला सामने आया था. इस दौरान भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल भी कोतवाली में ही मौजूद थे. भाजपा नेता की पिटाई पर पार्टी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की और मामला मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा गया, लेकिन पहले भी कई मामलों में विवादित रहे कोतवाली प्रभारी यशपाल बिष्ट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उधर, यशपाल बिष्ट का मंगलौर से निकालकर रुड़की में तबादला कर दिया गया है. मामला सामने आने के बाद माना जा रहा था कि कोतवाली प्रभारी के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जा सकती है या उनका तबादला किसी दूरस्थ क्षेत्र में किया जा सकता है, लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि उनका ट्रांसफर रुड़की जैसे स्थान पर कर दिया गया है. पुलिस मुख्यालय इस तबादले को कार्रवाई के रूप में दिखाना चाह रहा है, लेकिन क्या मंगलौर कोतवाली से हटाकर रुड़की कोतवाली देना वाकई कोई कार्रवाई हो सकती है. ट्रांसफर के आदेश में तो इसे निष्पक्ष जांच के लिए की गई कार्रवाई ही कहा जा रहा है.
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ये मामला पहला नहीं: वैसे इंस्पेक्टर यशपाल सिंह बिष्ट द्वारा मारपीट या अभद्रता का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले यशपाल सिंह बिष्ट आईएएस अधिकारी के साथ सार्वजनिक बहस करते हुए कैमरे में कैद हुए थे और उसके बाद यह वीडियो काफी चर्चाओं में भी आया था. खास बात ये है कि इस दौरान भी उन पर एक्शन की मांग की गई थी लेकिन कार्रवाई के नाम पर उन्हें मैदानी जिले हरिद्वार में भेज दिया गया, जहां से वो बड़ी आसानी से वापस देहरादून भी पहुंच गए.
अब एक बार फिर यशपाल सिंह बिष्ट मारपीट के मामले में चर्चाओं में हैं और सबसे हैरानी की बात यह है कि विधायक के सामने हुई भाजपा नेता की पिटाई का यह मामला मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंचा था, लेकिन बावजूद इसके पुलिस मुख्यालय ने ऐसा तबादला किया कि हर कोई इसे सुनकर और समझ कर हैरान हो रहा है.
ये है मामलाः बुधवार (1 सितंबर) शाम झबरेड़ा से बीजेपी विधायक देशराज कर्णवाल के साथ भाजपा के कुछ कार्यकर्ता ठगी के एक आरोपी को छुड़ाने मंगलौर कोतवाली पहुंचे थे. इस पर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हो गई थी. पुलिस ने आरोपी को छोड़ने से मना कर दिया तो भाजपा कार्यकर्ता अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद मंगलौर कोतवाल यशपाल बिष्ट ने बीजेपी नेताओं को बातचीत के लिए अपने कार्यालय बुलाया. इस दौरान कोतवाल और एक भाजपा कार्यकर्ता के बीच तीखी बहस और दोनों तरफ से गाली-गलौज होती है.
देखते ही देखते पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई करना शुरू कर देती है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस एक कार्यकर्ता को पीटते हुए हवालात की तरफ ले जा रही है. ये सब किस्सा झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के सामने हुआ था. वहीं, प्रभारी कोतवाली की तरफ से भी भाजपा नेता पर गलत व्यवहार के आरोप लगाए गए.