देहरादून: राजधानी देहरादून में दिनदहाड़े हुए वंशिका हत्याकांड में अब कई अहम जानकारियां निकल कर सामने आ रही है. आरोपी युवक हत्याकांड को अंजाम देने के पहले सड़क पर पिस्टल हाथ में लिये 15 से 20 मिनट तक मंडरा रहा था. युवक की इस हरकत को देखकर पास में ही स्टोर संचालित करने वाली साक्षी घबरा गई ने इसकी सूचना 100 नंबर पर पुलिस को दी लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची और वंशिका को युवक ने गोली मार दी. अगर, पुलिस समय रहते कॉल पर एक्शन लेती तो वंशिका की जान बच सकती थी.
बता दें कि आम दिनों की तरह वंशिका अपनी सहेली के साथ स्टोर पर सामान लेने पहुंची और वंशिका के इंजतार में कॉलेज हॉस्टल के बाहर सड़क पर पिस्टल लेकर घूम रहे आदित्य तोमर ने उसे मौत के घाट उतार दिया. प्रत्यक्षदर्शी स्टोर संचालिका साक्षी इस घटनाक्रम के बाद सदमे में है. उनके भाई का कहना है कि वह इस घटना के बहुत घबरा गई है.
वंशिका की मौत पर खत्म हुआ बेइज्जती का बदला: जानकारी के मुताबिक, आरोपी आदित्य तोमर ने वंशिका की एक फोटो पर कॉमेंट किया था. जिसके बाद कॉलेज के ही कुछ सीनियर ने आदित्य की इस हरकत के लिए उसे वंशिका का पैर छुने को कहा था. जिसके बाद आदित्य के मन यह बेज्जती घर कर गई. वहीं, वारादत को अंजाम देने से पहले आरोपी वंशिका पर सीनियर को बुलाने का दबाव बना रहा था. जिन्होंने वंशिका के पैर छुआकर आदित्य से माफी मंगवाई गई थी.
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बताया जा रहा है कि किन्हीं कारण से सीनियर छात्र घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके. जिसके बाद आदित्य ने वंशिका की गर्दन से पिस्टल सटाकर फायर झोंक दिया और घटना को अंजाम देने के बाद मोटरसाइकिल छोड़कर फरार हो गया. ऐसे में वंशिका को जख्मी देख आसपास के लोग कार से उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गए लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. ऐसे में आदित्य तोमर की बेइज्जती का बदला वंशिका की मौत पर खत्म हुआ.
एसएसपी की सफाईः वंशिका हत्याकांड में समय से पुलिस के नहीं पहुंचने पर देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में लेटलतीफी जैसी बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है. एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी के मुताबिक, इस मामले में डायल 112 में जो सूचना स्थानीय लोगों द्वारा दी गई थी. उसमें पहले थाने को फिर चीता पुलिस और रायपुर थाना इंचार्ज को बताया गया था. घटना की सूचना मिलने के बाद लगभग 7 मिनट पर पुलिस वहां पहुंची. ऐसे में फिलहाल कोई लेटलतीफी की बात सामने नहीं आई है. लेकिन इसके बावजूद मामले पर जांच की जा रही है.
सदमे में स्टोर संचालिकाः वंशिका बंसल हत्याकांड में प्रत्यक्षदर्शी स्टोर की संचालिका साक्षी पूरे घटनाक्रम को देखकर बेहद सदमे में है. जिसके चलते उसे अस्पताल ले जाना पड़ा. साक्षी के भाई का कहना है कि आदित्य द्वारा वंशिका को उसके सामने गोली मारने की घटना को देख उनकी बहन साक्षी इतनी ज्यादा सदमे में है कि वह स्टोर नहीं आ पा रही है. उसके कानों में फायर की आवाज अब भी गूंज रही है.
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सीसीटीवी फुटेज मुख्य सबूतः वंशिका हत्याकांड में आदित्य को पुलिस जेल भेज चुकी है. इस हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज सबूत के तौर पर पुलिस के पास मौजूद है. दरअसल, जिस स्टोर के सामने आदित्य ने वंशिका को गोली मारी, उस स्टोर के सामने सीसीटीवी कैमरे में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया.
आरोपी का इतिहासः जानकारी के मुताबिक, आदित्य के पिता अनिल तोमर की पिछले साल 2021 में कोरोना के कारण मौत हो गई थी. ऐसा भी जानकारी में आया है कि आदित्य के दिवंगत पिता अनिल तोमर उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल थे. वर्ष 2005 में शामली थाने में तैनात अनिल तोमर पहले एक गंभीर मामले में निलंबित हुए उसके बाद पुलिस महकमे से बर्खास्त कर दिए गए. उसके पश्चात दिवंगत अनिल तोमर अपने बेटे पत्नी के साथ देहरादून के रायपुर स्थित सुंदर वाला में निवास कर रहे थे.
दिनदहाड़े मारी थी गोली: गुरुवार शाम 4:45 बजे जब वंशिका कॉलेज हॉस्टल के बाहर दुकान पर कुछ जरूरी सामन लेने आई थी, तभी आदित्य ने उसे गोली मार दी. गोली लगते ही वंशिका की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस वारदात को अंजाम देने के बाद आदित्य तमंचा और बाइक वहीं पर छोड़कर फरार हो गया था. आदित्य ने तमंचा यूपी के सहारनपुर जिले से खरीदा था.
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पूरी रात जंगल में छिपा रहा: पुलिस ने बताया कि वांशिका की हत्या करने के बाद आदित्य पूरी रात रायपुर के जंगल में छुपा रहा, ताकि सुबह होते ही वह देहरादून छोड़कर फरार हो सके. लेकिन पुलिस लगातार उसकी तलाश में लगी हुई थी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से सहस्त्रधारा के पास शिवगंगा एन्क्लेव इलाके से उसे गिरफ्तार कर लिया. आदित्य यूपी के शामली जिले का रहने वाला है. फिलहाल वो देहरादून के थाना रायपुर क्षेत्र में सुंदर वाला ईश्वर विहार में रहता था.