देहरादूनः प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हर साल करोड़ों रुपए के काम किए जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण का काम पीएमजीएसवाई के तहत होता है. इस योजना के तहत राज्य को केंद्र से भारी बजट भी मिल पाता है और ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ने का लक्ष्य भी पूरा होता है. वैसे तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर उत्तराखंड में कई बार आरोप लग चुके हैं, लेकिन इस बार पीएमजीएसवाई के सीईओ आर राजेश कुमार ने खुद तमाम अनियमितताओं की संभावनाओं को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि कुछ शिकायतों के आधार पर पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर राजेश कुमार ने मुख्य अभियंता कार्यालय का निरीक्षण किया था. जिसमें विभिन्न टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की बात सामने आई है. हालांकि, इस पर फिलहाल जांच के आदेश कर दिए गए हैं.
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जांच के बाद ही पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट हो पाएगी, लेकिन प्राथमिक दृष्टि ये माना जा रहा है कि करीब 900 करोड़ के टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं संभव है. ये भी बताया जा रहा है कि 100 से ज्यादा कामों को बिना अनुमति के ही आगे बढ़ा दिया गया. बड़ी बात ये है कि पीएमजीएसवाई के सीईओ से भी टेंडर प्रक्रिया के दौरान जरूरी अनुमति या नहीं ली गई.
फिलहाल, विभिन्न टेंडर से जुड़ी फाइलों की छानबीन शुरू कर दी गई है. ऐसी फाइलों को विस्तृत रूप से जांचने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. इस मामले की जांच के लिए सीईओ आर राजेश कुमार ने अपनी अध्यक्षता में ही कमेटी का गठन कर दिया है. इस मामले में प्रथम दृष्टया ही कई अनियमितताएं सामने आने के बाद मुख्य अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
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उधर, सूत्र बताते हैं कि इस मामले में अब मुख्य अभियंता के वित्तीय अधिकार सीज कर निलंबन की कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है. फिलहाल, कार्रवाई की जद में मुख्य अभियंता समेत कार्यालय के कुछ दूसरे बड़े अधिकारी भी हैं. वैसे अभी कब्जे में ली गई फाइलों की जांच के बाद इस पर जांच रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत कार्रवाई भी की जाएगी.