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PM की कुंडली में है ये खास योग, इसलिए इस महीने करते हैं शिव और शक्ति की आराधना - केदारनाथ में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में एक खास योग है, जिसके कारण वो अक्सर कार्तिक महीने में देश के किसी न किसी हिस्सी में विशेष पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं. इसी बार भी पीएम मोदी बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल के दर पर पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी की इस भक्ति के पीछे एक बड़ा कारण है, जो हम आपको बताने जा रहे हैं.

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Published : Oct 20, 2022, 9:44 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 10:02 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर कार्तिक महीने में बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल के दर पर आ रहे हैं. अक्सर देखने में आता है कि कार्तिक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा मंदिरों में मत्था ठेकने जाते हैं, वो कौन सी विशेष पूजा-अर्चना है, जो सिर्फ इसी महीने हो सकती है. इस पूजा से क्या लाभ होता हैं. इसी तरह के कई सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत ने खास बातचीत की ज्योतिषाचार्य डॉ प्रतीक मिश्रपुरी से.

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह हैं, जो उन्हें इस महीने में शिव और शक्ति के करीब ले आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते कई सालों के प्रोगाम पर नजर डालें तो कार्तिक मास में पीएम मोदी देश के विभिन्न शिवालयों और माता के मंदिरों में जाते है.

PM की कुंडली में है ये खास योग
पढ़ें- केदारपुरी में पूजा फिर केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास, देखें PM का मिनट टू मिनट कार्यक्रम

पीएम मोदी की कुंडली में है ये योग: ज्योतिषाचार्य प्रतीक के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में वृषभ लग्न है, ऐसे जातक भगवान शिव और शक्ति के उपासक होते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रतीक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और उनका बॉडी लैंग्वेज बताता है कि उनका अनहट चक्र खुला हुआ है. इसके साथ ही आज्ञा चक्र भी खुला हुआ है. ऐसे बहुत कम व्यक्ति होते हैं. इसको आंखों या यह कहें दोनों आइब्रो के बीच की जगह जिसे चेतना स्थान भी कहा जाता है, जिससे ध्यान लगाया जाता है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुला हुआ है. उनकी तस्वीरें उनकी वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है.

पीएम मोदी का आज्ञा चक्र खुला हुआ है: प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि ज्योतिष गणना में चेहरे और आंखों को देखकर भी व्यक्ति के बारे में बताया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर यह साफ जाहिर होता है कि उनका आज्ञा चक्र इतना खुला हुआ है कि अगर वह किसी व्यक्ति को कोई आदेश कर दें तो उनके आदेश का वह व्यक्ति पालन करने पर मजबूर हो जाएगा.
पढ़ें- पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार देवभूमि, अलौकिक दिख रही बदरी-केदारपुरी

प्रतीक मिश्रपुरी की माने तो आज्ञा चक्र बहुत ही कम लोगों के खुलते हैं और ऐसा व्यक्ति धर्म-कर्म में बेहद विश्वास रखता है. इतना ही नहीं दीपावली को पूजा अनुष्ठान धन्य के लिए सबसे उचित समय माना गया है और ऐसा व्यक्ति अगर इन 5 दिनों में किसी भी मंदिर में भले ही वह शिव के मंदिर हो या शक्ति के मंदिर में मत्था टेककर वहां पर पूजा-अर्चना करता है तो उसकी मन मांगी मुराद पूरी होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मालूम है कि कौन से दिनों में किस स्थान पर जाकर पूजा करनी चाहिए. बीते कई सालों से हमने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी इन 5 दिनों में या तो उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड या फिर देश के किसी भी बड़े मंदिर में पूजा अर्चना जरूर करते हैं.
पढ़ें- कोतवाली के पास ही चोरों ने दिया चोरी को अंजाम, नकदी और जेवरात लेकर हुए फरार

ये पांच दिन हैं पूजा के लिए बेहद खास: डॉ प्रतीक मिश्रा के मुताबिक 5 दिन छोटी दीपावली नरक चतुर्दशी से लेकर बड़ी दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के बीच का समय पूजा अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है. ऐसे ग्रहों में जो कोई भी सिद्ध स्थानों पर जा कर पूजा करता है. उस पर भगवान विशेष रूप से कृपा बरसाते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे विशेष पूजा: ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रा ने बताया कि केदारनाथ एक ऐसा स्थान है, जिसकी महिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश का हर व्यक्ति जो वहां पर जाकर मत्था टेक चुका है, वह जानता है. देवों के देव महादेव इस स्थान पर साक्षात विराजमान रहते हैं. इसीलिए पीएम मोदी यहां पर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिसका बहुत अच्छा फल मिलता है.

पीएम का देवभूमि से विशेष लगाव: पीएम मोदी के इस अवसर पर उत्तराखंड आने को बीजेपी और सरकार उनका देवभूमि से लगाव बता रही है. आध्यात्मिक गुरु और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे से काफी उत्साहित है. उनका कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आ रहे हो. वह पहले भी केदारनाथ मंदिर में दर्शन करके गुफा में ध्यान लगा चुके हैं.
पढ़ें- पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया दिव्य महाकाल लोक, उज्जैन में मनी दीवाली, जानिए भाषण की बड़ी बातें

पीएम मोदी का बाबा केदार और बदरी विशाल के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड से काफी गहरा लगाव है. इसीलिए वो अक्सर दीपावली का आसपास बाबा केदार की शरण में आते हैं. ये उत्तराखंड का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री बार-बार यहां आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर सरकार ने पूरी तैयारियां कर रखी है.

पीएम मोदी की शिवभक्ति: वैसे तो पीएम मोदी खुद सोमनाथ की धरती गुजरात से आते हैं. इसके साथ ही उन्होंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़कर अपनी शिवभक्ति जाहिर की थी. इसके अलावा पीएम बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी 5 बार बाबा केदार के दर्शन करने के लिए आ चुके हैं. पीएम मोदी के साथ उत्तराखंड और खासकर केदारनाथ धाम से जुड़ी कहानियां है, जो उनकी बाबा केदार के प्रति आस्था को दर्शाती है.

इकलौते पीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते पीएम हैं, जो प्रधानमंत्री रहते हुए 5 बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं. 21 अक्टूबर को पीएम मोदी छठवीं बार केदारनाथ धाम आ रहे है. वहीं दूसरी बार बदरीनाथ धाम जा रहे हैं.

  • कब-कब केदारनाथ आए प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी: कोरोना काल के एक वर्ष 2020 को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री अक्सर केदारनाथ के कपाट खुलने अथवा बंद होने के अवसर पर वहां आते रहे हैं.
  • देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे. तब उन्होंने बाबा केदार की पूजा-अर्चना के साथ ही धाम से देश को संबोधित भी किया था.
  • पीएम मोदी 20 अक्तूबर 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे. तब उन्होंने पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की पांच बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था.
  • प्रधानमंत्री 7 नवंबर 2018 को केदारनाथ पहुंचे थे और पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया.
  • 18 मई 2019 को धाम पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन केदारनाथ में बिताया और वहां ध्‍यान गुफा में साधना की थी.
  • पांच नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. यहां उन्होंने बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया था और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया था.

पीएम मोदी की भक्ति:

  • इसके अलावा प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी 4 अगस्त 2014 को नेपाल की यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर मे विशेष पूजा-अर्चना की थी.
  • इसके बाद 2017 में शिवरात्रि के पावन मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोयंबटूर में बनी भगवान शिव की 112 फुट की ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने गए थे.
  • 2017 में मार्च महीने में गुजरात दौरे के दौरान पीएम मोदी ने सोमनाथ मंदिर में आरती, पूजा अर्चना और अनुष्ठान में हिस्सा लिया था.
  • इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 2014 में भी पीएम बनने के बाद सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर चुके थे. 2017 में ही उत्तर प्रदेश में जब अंतिम चरण का चुनाव था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के लिए पहुंचे थे.
  • वहीं अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भुवनेश्वर के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर की पूजा अर्चना में पहुंचे थे. कहा जाता है कि इस मंदिर में पार्वती और शिव दोनों ही साक्षात रूप में विराजते हैं.
  • इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. तब भी साल 2011 में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने लगभग 2 घंटे से अधिक भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया था.
  • ऐसा नहीं है कि पीएम सिर्फ शिव के उपासक हैं. साल 2016 में पीएम बनने के बाद मोदी आसाम के प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे थे और यहीं से उन्होंने 2016 आसाम विधानसभा चुनावों की शुरुआत की थी.
  • इसके साथ ही 2014 में वह माता वैष्णो देवी के मंदिर में मत्था टेकने के लिए पहुंचे थे.
  • 2017 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी वेंकटेश मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं.

चुनाव में मिलेगा फायदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर को आ तो उत्तराखंड रहे हैं, लेकिन इसका फायदा हिमाचल और गुजरात होने वाले चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है. बीजेपी लाख दावा कर रही है कि पीएम मोदी की यह यात्रा शुद्ध रूप से धार्मिक यात्रा होगी. लेकिन जानकार यही मानते हैं कि पीएम मोदी जब भारत और चीन सीमा पर स्थित देश के अंतिम गांव माणा से देश को संबोधित करेंगे तो उसका असर ना केवल पड़ोसी राज्य हिमाचल बल्कि गुजरात चुनाव पर भी पड़ेगा.

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर कार्तिक महीने में बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल के दर पर आ रहे हैं. अक्सर देखने में आता है कि कार्तिक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा मंदिरों में मत्था ठेकने जाते हैं, वो कौन सी विशेष पूजा-अर्चना है, जो सिर्फ इसी महीने हो सकती है. इस पूजा से क्या लाभ होता हैं. इसी तरह के कई सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत ने खास बातचीत की ज्योतिषाचार्य डॉ प्रतीक मिश्रपुरी से.

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह हैं, जो उन्हें इस महीने में शिव और शक्ति के करीब ले आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते कई सालों के प्रोगाम पर नजर डालें तो कार्तिक मास में पीएम मोदी देश के विभिन्न शिवालयों और माता के मंदिरों में जाते है.

PM की कुंडली में है ये खास योग
पढ़ें- केदारपुरी में पूजा फिर केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास, देखें PM का मिनट टू मिनट कार्यक्रम

पीएम मोदी की कुंडली में है ये योग: ज्योतिषाचार्य प्रतीक के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में वृषभ लग्न है, ऐसे जातक भगवान शिव और शक्ति के उपासक होते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रतीक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और उनका बॉडी लैंग्वेज बताता है कि उनका अनहट चक्र खुला हुआ है. इसके साथ ही आज्ञा चक्र भी खुला हुआ है. ऐसे बहुत कम व्यक्ति होते हैं. इसको आंखों या यह कहें दोनों आइब्रो के बीच की जगह जिसे चेतना स्थान भी कहा जाता है, जिससे ध्यान लगाया जाता है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुला हुआ है. उनकी तस्वीरें उनकी वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है.

पीएम मोदी का आज्ञा चक्र खुला हुआ है: प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि ज्योतिष गणना में चेहरे और आंखों को देखकर भी व्यक्ति के बारे में बताया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर यह साफ जाहिर होता है कि उनका आज्ञा चक्र इतना खुला हुआ है कि अगर वह किसी व्यक्ति को कोई आदेश कर दें तो उनके आदेश का वह व्यक्ति पालन करने पर मजबूर हो जाएगा.
पढ़ें- पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार देवभूमि, अलौकिक दिख रही बदरी-केदारपुरी

प्रतीक मिश्रपुरी की माने तो आज्ञा चक्र बहुत ही कम लोगों के खुलते हैं और ऐसा व्यक्ति धर्म-कर्म में बेहद विश्वास रखता है. इतना ही नहीं दीपावली को पूजा अनुष्ठान धन्य के लिए सबसे उचित समय माना गया है और ऐसा व्यक्ति अगर इन 5 दिनों में किसी भी मंदिर में भले ही वह शिव के मंदिर हो या शक्ति के मंदिर में मत्था टेककर वहां पर पूजा-अर्चना करता है तो उसकी मन मांगी मुराद पूरी होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मालूम है कि कौन से दिनों में किस स्थान पर जाकर पूजा करनी चाहिए. बीते कई सालों से हमने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी इन 5 दिनों में या तो उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड या फिर देश के किसी भी बड़े मंदिर में पूजा अर्चना जरूर करते हैं.
पढ़ें- कोतवाली के पास ही चोरों ने दिया चोरी को अंजाम, नकदी और जेवरात लेकर हुए फरार

ये पांच दिन हैं पूजा के लिए बेहद खास: डॉ प्रतीक मिश्रा के मुताबिक 5 दिन छोटी दीपावली नरक चतुर्दशी से लेकर बड़ी दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के बीच का समय पूजा अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है. ऐसे ग्रहों में जो कोई भी सिद्ध स्थानों पर जा कर पूजा करता है. उस पर भगवान विशेष रूप से कृपा बरसाते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे विशेष पूजा: ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रा ने बताया कि केदारनाथ एक ऐसा स्थान है, जिसकी महिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश का हर व्यक्ति जो वहां पर जाकर मत्था टेक चुका है, वह जानता है. देवों के देव महादेव इस स्थान पर साक्षात विराजमान रहते हैं. इसीलिए पीएम मोदी यहां पर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिसका बहुत अच्छा फल मिलता है.

पीएम का देवभूमि से विशेष लगाव: पीएम मोदी के इस अवसर पर उत्तराखंड आने को बीजेपी और सरकार उनका देवभूमि से लगाव बता रही है. आध्यात्मिक गुरु और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे से काफी उत्साहित है. उनका कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आ रहे हो. वह पहले भी केदारनाथ मंदिर में दर्शन करके गुफा में ध्यान लगा चुके हैं.
पढ़ें- पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया दिव्य महाकाल लोक, उज्जैन में मनी दीवाली, जानिए भाषण की बड़ी बातें

पीएम मोदी का बाबा केदार और बदरी विशाल के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड से काफी गहरा लगाव है. इसीलिए वो अक्सर दीपावली का आसपास बाबा केदार की शरण में आते हैं. ये उत्तराखंड का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री बार-बार यहां आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर सरकार ने पूरी तैयारियां कर रखी है.

पीएम मोदी की शिवभक्ति: वैसे तो पीएम मोदी खुद सोमनाथ की धरती गुजरात से आते हैं. इसके साथ ही उन्होंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़कर अपनी शिवभक्ति जाहिर की थी. इसके अलावा पीएम बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी 5 बार बाबा केदार के दर्शन करने के लिए आ चुके हैं. पीएम मोदी के साथ उत्तराखंड और खासकर केदारनाथ धाम से जुड़ी कहानियां है, जो उनकी बाबा केदार के प्रति आस्था को दर्शाती है.

इकलौते पीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते पीएम हैं, जो प्रधानमंत्री रहते हुए 5 बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं. 21 अक्टूबर को पीएम मोदी छठवीं बार केदारनाथ धाम आ रहे है. वहीं दूसरी बार बदरीनाथ धाम जा रहे हैं.

  • कब-कब केदारनाथ आए प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी: कोरोना काल के एक वर्ष 2020 को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री अक्सर केदारनाथ के कपाट खुलने अथवा बंद होने के अवसर पर वहां आते रहे हैं.
  • देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे. तब उन्होंने बाबा केदार की पूजा-अर्चना के साथ ही धाम से देश को संबोधित भी किया था.
  • पीएम मोदी 20 अक्तूबर 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे. तब उन्होंने पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की पांच बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था.
  • प्रधानमंत्री 7 नवंबर 2018 को केदारनाथ पहुंचे थे और पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया.
  • 18 मई 2019 को धाम पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन केदारनाथ में बिताया और वहां ध्‍यान गुफा में साधना की थी.
  • पांच नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. यहां उन्होंने बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया था और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया था.

पीएम मोदी की भक्ति:

  • इसके अलावा प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी 4 अगस्त 2014 को नेपाल की यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर मे विशेष पूजा-अर्चना की थी.
  • इसके बाद 2017 में शिवरात्रि के पावन मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोयंबटूर में बनी भगवान शिव की 112 फुट की ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने गए थे.
  • 2017 में मार्च महीने में गुजरात दौरे के दौरान पीएम मोदी ने सोमनाथ मंदिर में आरती, पूजा अर्चना और अनुष्ठान में हिस्सा लिया था.
  • इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 2014 में भी पीएम बनने के बाद सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर चुके थे. 2017 में ही उत्तर प्रदेश में जब अंतिम चरण का चुनाव था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के लिए पहुंचे थे.
  • वहीं अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भुवनेश्वर के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर की पूजा अर्चना में पहुंचे थे. कहा जाता है कि इस मंदिर में पार्वती और शिव दोनों ही साक्षात रूप में विराजते हैं.
  • इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. तब भी साल 2011 में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने लगभग 2 घंटे से अधिक भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया था.
  • ऐसा नहीं है कि पीएम सिर्फ शिव के उपासक हैं. साल 2016 में पीएम बनने के बाद मोदी आसाम के प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे थे और यहीं से उन्होंने 2016 आसाम विधानसभा चुनावों की शुरुआत की थी.
  • इसके साथ ही 2014 में वह माता वैष्णो देवी के मंदिर में मत्था टेकने के लिए पहुंचे थे.
  • 2017 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी वेंकटेश मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं.

चुनाव में मिलेगा फायदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर को आ तो उत्तराखंड रहे हैं, लेकिन इसका फायदा हिमाचल और गुजरात होने वाले चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है. बीजेपी लाख दावा कर रही है कि पीएम मोदी की यह यात्रा शुद्ध रूप से धार्मिक यात्रा होगी. लेकिन जानकार यही मानते हैं कि पीएम मोदी जब भारत और चीन सीमा पर स्थित देश के अंतिम गांव माणा से देश को संबोधित करेंगे तो उसका असर ना केवल पड़ोसी राज्य हिमाचल बल्कि गुजरात चुनाव पर भी पड़ेगा.

Last Updated : Oct 20, 2022, 10:02 PM IST
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