देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को चुनावी सौगात दी है. पीएम ने 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है. जिसमें मुख्य रूप से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और इकॉनोमिक कॉरिडोर की सौगात शामिल है. पीएम मोदी ने ढाई हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया है और 15,626 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया है.
गढ़वाली बोली से शुरू किया संबोधन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़वाली बोली में जनता का अभिनंदन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 5 वर्षों में उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की हैं. राज्य की सरकार इन परियोजनाओं को तेजी से जमीन पर उतार रही है. इसी क्रम में आज 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है. ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी.
डबल इंजन की सरकार बहा रही विकास की गंगा: प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड राज्य में विकास की गंगा बहा रही है. अटल बिहारी बाजपेई सरकार ने इस देश में कनेक्टिविटी को बढ़ाने का प्रयास किया. अटल सरकार के बाद देश में राज्य करने वाली सरकारों ने कोई भी काम नहीं किया. भारत आज आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश के तहत आगे बढ़ रहा है.
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नवनिर्माण में जुटी है BJP: पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार, देश के नवनिर्माण में जुटी हुई है. देश को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए लगातार का किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस देवभूमि में श्रद्धालु, उद्यमी और प्रकृति प्रेमी सैलानी आते हैं. जिसे देखते हुए प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है.
इकोनॉमिक कॉरिडोर का किया जिक्र: PM ने दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास करते हुए कहा कि इससे दिल्ली- देहरादून की दूरी कम समय में तय की जा सकेगी. इससे न केवल देहरादून बल्कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लोगों को भी फायदा होगा.
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पांच साल में 12 हजार करोड़ के विकास कार्य: पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकार ने उत्तराखंड में सिर्फ 288 किलोमीटर हाईवे बनाया लेकिन उनकी सरकार ने 2 हजार किलोमीटर हाईवे बनाए. पिछले पांच साल में कांग्रेस की सरकार ने विकास के लिए 600 करोड़ खर्च किए लेकिन बीजेपी सकार ने 5 साल में 12000 करोड़ के कार्य किए. पीएम मोदी ने कहा कि इन योजनाओं के जरिए युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं. उत्तराखंड का पानी और जवानी उत्तराखंड के ही काम आई है.
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माताओं और बहनों से मांगा आशीर्वाद: पीएम ने कहा कि जब कुछ करने का जुनून होता है तो सीरत भी बदलती है और सूरत भी बदलती है. वर्तमान सरकार ऐसी है जो सीधे जनता के पास जाती है और उनके समस्याओं को सुनती है. इसके साथ ही पीएम ने प्रदेश की माताओं और बहनों से आशीर्वाद मांगा है.
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पीएम मोदी के संबोधन के पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को संबोधित किया. उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आज देश विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है.
इन योजनाओं का हुआ लोकार्पण
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे: ईपीई जंक्शन से देहरादून तक 175 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे करीब 8600 करोड़ की लागत से तैयार होगा। हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से कनेक्टिविटी के लिए सात प्रमुख इंटरचेंज होंगे.
ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर 2082 करोड़ की लागत से 51 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट बनाया जाएगा. यह दिल्ली से हरिद्वार के बीच बहादराबाद और सहारनपुर के हलगोवा के बीच बनेगा. इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, दस माइनर, दो रेलवे ओवर ब्रिज और 10 वीयूपी होंगे.
हरिद्वार रिंग रोड: गांव और कस्बों को हाईवे से जोड़ने के लिए हिरिर रिंग रोड का निर्माण होगा. यह रिंग रोड मनोहरपुर से कांगड़ी तक 15 किलोमीटर लंबा होगा, जिस पर 1602 करोड़ का खर्च होगा. इससे कुमाऊं की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी.
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लक्ष्मण झूला के पास पुल: लक्ष्मणझूला पुल की भार क्षमता घट जाने की वजह से आवागमन बंद है. इसके पास ही 132.30 मीटर स्पान का 69 करोड़ की लागत से नया पुल बनेगा. पैदल यात्रियों के लिए ग्लास डैक का प्रावधान किया गया है. इस पुल पर हल्के वाहन भी चल सकेंगे. ऋषिकेश की ओर 35 मीटर स्पान का अतिरिक्त एप्रोच ब्रिज भी बनेगा.
देहरादून-पौंटा साहिब मार्ग: 1695 करोड़ की लागत से 50 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा. यह पौंटा साहिब से शुरू होकर बल्लूपुर चौक तक बनेगा. इसमें तीन बड़े, 43 छोटे पुल, एक फ्लाईओवर, 15 अंडरपास शामिल हैं. इससे हिमाचल से देहरादून की यात्रा काफी आसान हो जाएगी.
PM ने इन योजनाओं का किया लोकार्पण
व्यासी जल विद्युत परियोजना: 1777 करोड़ की 120 मेगावाट की यह जलविद्युत परियोजना तैयार है. 86 मीटर ऊंचे बांध वाली इस परियोजना से हर साल 353 मिलियन यूनिट अतिरिक्त हरित ऊर्जा का उत्पादन भी होगा. इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
ऑल वेदर रोड देवप्रयाग से श्रीकोट: 257 करोड़ की लागत से ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत देवप्रयाग से श्रीकोट तक 38 किलोमीटर सड़क चौड़ी करने का काम पूरा हो चुका है. इसके निर्माण से देवप्रयाग, बागबान, लक्ष्मोली, जुयालगढ़, कीर्तिनगर और स्वीत गांवों की संयोजकता सुगम होगी.
ऑल वेदर रोड ब्रहम्पुरी से कौड़ियाला: 248 करोड़ की लागत से 33 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण और डक्ट निर्माण के काम तेजी से चल रहे हैं. ब्रहम्पुरी से कौड़ियाला महादेव चट्टी तक दो लेन में चौड़ीकरण हो चुका है. 600 मीटर मरीन ड्राइव का निर्माण भी हो चुका है. पर्यटकों के लिए सफर सुलभ होगा.
ऑल वेदर रोड लामबगड़: लामबगड़ में कई साल से क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन सक्रिय होने से बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों और आसपास के लोगों को लगातार परेशानी हो रही थी. लिहाजा, 108 करोड़ की लागत से स्थायी उपचार किया गया है. 500 मीटर की लंबाई में 27 से 44 मीटर ऊंचाई की रीनफोर्स अर्थवॉल और पत्थर से बचाव के लिए रॉकफॉल बैरियर बनाया गया है.
ऑल वेदर रोड साकणीधार, देवप्रयाग और श्रीनगर: करीब 75 करोड़ 90 लाख रुपए की कीमत से इन सभी जगहों पर स्थायी भूस्खलन वाले क्षेत्रों का उपचार किया गया है. साकणीधार में 200 मीटर, देवप्रयाग में 200 मीटर और श्रीनगर में 700 मीटर मार्ग का उपचार किया गया है.
हिमालयन कल्चरल सेंटर देहरादून: 67 करोड़ की लागत से गढ़ीकैंट में हिमालयन कल्चरल सेंटर स्थापित किया गया है. इसे तहत एक राज्य स्तरीय संग्रहालय, बाह्य एवं आंतरिक कला दीर्घाएं, 800 सीट क्षमता का ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, नाट्यशाला और कांफ्रेंस हॉल का निर्माण किया गया है.
सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई: सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र में 40 करोड़ की लागत से 20 हजार 560 वर्गफिट क्षेत्र में छह अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है. इससे सगंध क्षेत्र से जुड़े रिसर्च, कृषि प्रसार, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण, मूल्य संवर्धन आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.