देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या जहां एक नए रिकॉर्ड बनाने की ओर है तो वहीं श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा घोड़े और खच्चरों के मौत के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. जिसने सरकार की दावों की पोल खोल दी है.
गौर हो कि साल 2022 में चारधाम यात्रा के दौरान करीब 300 श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने समेत अन्य वजहों से मौत हो गई थी. इसके साथ ही बड़ी संख्या में घोड़े और खच्चरों की भी मौत हुई थी. इसके चलते पिछली यात्रा से सबक लेते हुए इस बार तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई गई थी, लेकिन मौत के आंकड़ों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है.
सरकार ने दावा किया था कि इस बार श्रद्धालुओं की होने वाली मौतों पर लगाम लगाया जा सकेगा. क्योंकि, इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं को पिछले सीजन की तुलना में काफी बेहतर किया गया है, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. वर्तमान स्थिति ये है कि चारधाम समेत हेमकुंड साहिब में अभी तक 148 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
अब तक इतने यात्रियों की मौतः मौत का यह सिलसिला लगातार जारी है. आंकड़ों के अनुसार, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सबसे ज्यादा 71 श्रद्धालु, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 28 श्रद्धालु, बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर 27 श्रद्धालु, गंगोत्री यात्रा मार्ग पर 16 श्रद्धालु और हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
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90 घोड़े खच्चरों की भी मौतः चारधाम यात्रा के दौरान इंसान ही नहीं, बल्कि घोड़े खच्चरों के भी मौतों का सिलसिला जारी है. जानकारी के अनुसार, अभी तक केदारनाथ में 90 घोड़े और खच्चरों की मौत हो चुकी है. दरअसल, केदारनाथ धाम में लंबा पैदल यात्रा होने के चलते तमाम श्रद्धालु घोड़े-खच्चर का सहारा लेते हैं.
यही वजह है कि काफी संख्या में घोड़ा-खच्चरों का संचालन किया जाता है. हालांकि, इस सीजन केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 6 हजार घोड़ा खच्चरों के संचालन की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही पशुओं के लिए अस्थाई अस्पतालों के साथ ही गर्म पानी समेत तमाम व्यवस्थाएं की गई है.
मॉनसून ने घटाई यात्रियों की संख्याः उत्तराखंड में प्री मॉनसून की दस्तक के बाद से ही अब चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटनी शुरू हो गई है. वर्तमान स्थिति ये है कि दो महीने के इस यात्रा सीजन में 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. वहीं, जिस रफ्तार से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ था, वो कम होता जा रहा है.
अब तक इतने श्रद्धालु कर चुके चारधाम के दर्शनः विभागीय आंकड़ों के अनुसार, केदारनाथ धाम के 10,54,889 श्रद्धालु, बदरीनाथ धाम के 9,38,883 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 5,56,668 श्रद्धालु और यमुनोत्री धाम के 4,80,513 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. यानी चारधाम में करीब 32 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
3 हेली कंपनियां वापस लौटीः उत्तराखंड में प्री मॉनसून की दस्तक के बाद से ही जहां एक ओर चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटने लगी है तो वहीं दूसरी ओर हेलीकॉप्टर सेवाएं दे रही तीन कंपनियां वापस लौट चुकी हैं. इसके साथ ही 26 जून को एक और हेली सेवा प्रदाता कंपनी वापस लौट जाएगी. ऐसे में अब मॉनसून सीजन की समाप्ति के बाद सितंबर महीने से दोबारा हेली शुरू हो जाएगा.
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घोड़ा खच्चर भी केदारनाथ से लौट रहे वापसः इसी केदारनाथ धाम के यात्रा रूटों पर संचालित हो रहे हजार घोड़ा खच्चरों में से करीब 2500 घोड़ा खच्चर संचालक वापस लौट चुके हैं. जो अब मॉनसून सीजन के बाद सितंबर महीने से दोबारा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर नजर आएंगे.
क्या बोलीं डीजी हेल्थः वहीं, उत्तराखंड डीजी हेल्थ विनीता शाह ने बताया कि विषम मौसम और परिस्थितियों के बावजूद भी चारधाम में जो टीमें लगाई गई हैं, वो पूरे मनोयोग से काम कर रही हैं. रिलीफ पोस्ट में जो भी यात्री आ रहे हैं, उनको पूरा ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. इसके अलावा लोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही उन्हें अलर्ट भी किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि हेल्थ फैसिलिटी की कमी की वजह से किसी की मौत न हो, इसपर ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही इसका रिव्यू लिया जा रहा है. डीजी हेल्थ ने कहा कि श्रद्धालु पहले अपनी हेल्थ का ध्यान रखें, उसके बाद ही यात्रा करें.