मसूरी: नगर पालिका के अध्यक्ष अनुज गुप्ता के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की जांच के मामले में नया मोड़ आ गया है. उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता ललित मोहन काला को भी हाईकोर्ट में पक्षकार बना लिया है. ललित मोहन काला को पक्षकार बनाए जाने को लेकर पूर्व में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में विरोध किया गया था. लेकिन कोर्ट ने कहा कि जिस शिकायतकर्ता की मांग पर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश जारी किए, उसे न्यायहित में पक्षकार बनाया जाना उचित होगा. कोर्ट ने इस बाबत नोटिस जारी करते हुए अनुज गुप्ता को भी तीन सप्ताह के भीतर शपथ पत्र जमा करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने गुप्ता की याचिका खारिज करते हुए जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. लेकिन गुप्ता को डबल बेंच से राहत मिल गई थी. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गुप्ता के खिलाफ सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ललित मोहन काला की शिकायत पर मुख्यमंत्री के जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी. अनुज गुप्ता अभी तक हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जांच पर रोक के आदेश का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में बचते रहे हैं. अब आने वाले दिनों में हाईकोर्ट जांच के आदेश पर लगी रोक को हटाता है तो पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता की मुश्किलें बढ़नी तय हैं.
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उधर शिकायतकर्ता ललित मोहन काला ने उच्च न्यायालय के द्वारा उनके द्वारा की गई शिकायत में पक्षकार बनाये जाने का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि 13 जून को वह स्वयं उच्च न्यायालय में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने के साथ पालिकाध्यक्ष और पालिका प्रशासन द्वारा किये गए अन्य घोटाले और भ्रष्टाचार का भी न्यायालय के सम्मुख खुलासा करेंगे.