देहरादून: मॉनसून का सीजन शुरू होने के बाद जोशीमठ में भू-धंसाव का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है. ऐसे में जोशीमठ शहर में रहने वाले लोगों को एक बार फिर से डर सताने लगा है. उत्तराखंड सरकार ने जो जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा था, अभी तक उस पर कुछ निर्णय नहीं लिया गया है. जिसके चलते तमाम आपदा प्रभावित परिवार मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.
दरअसल, जोशीमठ में करीब 7 महीने पहले घरों में दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ था. अब बरसात का मौसम शुरू होने के बाद जोशीमठ नगर में जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं.जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के बाद जोशीमठ नगर के 868 भवनों में दरारें पड़ गई थी. साथ ही 181 भवनों को असुरक्षित जोन घोषित कर दिया गया था. इसके अलावा जिन घरों में हल्की दरारें थी, उन घरों में लोग अभी भी रह रहे हैं.
आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के लिए किराए की व्यवस्था और कैंप की व्यवस्था की गई है. साथ ही 80 परिवारों को मुआवजा की धनराशि भी दी जा चुकी है. इसके अलावा धनराशि की व्यवस्था की जा रही है, जैसे ही धनराशि उपलब्ध होगी, लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी भी जो लोग किराए के मकान में रह रहे हैं, उनको मासिक रेंट के लिए पांच हजार रुपए प्रति परिवार दिया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिल्ली दौरे के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से जोशीमठ को लेकर बातचीत हुई थी. जिस पर उन्होंने कहा कि जोशीमठ में रह रहे लोगों के लिए अधिक से अधिक और बेहतर से बेहतर सहायता केंद्र सरकार की तरफ से की जाएगी.
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