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पंचायती राज संशोधन बिल पर लगी मुहर, दो बच्चों से ज्यादा वाले नेता नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

बीते दिनों पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है. अब ऐसे में अगस्त या सितम्बर महीने में होने वाले त्रिशंकु पंचायत चुनाव में पंचायती राज संशोधन एक्ट लागू हो जाएगा.

दो बच्चों वाले नेता नहीं लड़ पायेंगे पंचायती चुनाव
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Published : Jul 30, 2019, 9:16 AM IST

Updated : Jul 30, 2019, 3:58 PM IST

देहरादून: पंचायती राज संशोधन बिल-2019 पर राजभवन की मुहर लगने के बाद संशोधित एक्ट का अध्यादेश जारी हो गया है. ऐसे में अब दो से अधिक संतान वाले नेताओं पर चुनाव लड़ने में रोक के अलावा शैक्षिक योग्यता का निर्धारण हो गया है.

बता दें कि ये अध्यादेश जारी होने के बाद अब पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके साथ ही निकायों में शामिल होने वाली पंचायतों के पदाधिकारी भी चुनाव नही लड़ सकेंगे, चाहे उस पदाधिकारी का गांव किसी अन्य ग्राम सभा की निर्वाचन नामावली में क्यों ना दर्ज हो.

गौरतलब है कि पिछले महीने हुए विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को विधानसभा में पारित किया था. बीते दिनों पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है. अब ऐसे में अगस्त या सितम्बर महीने में होने वाले त्रिशंकु पंचायत चुनाव में पंचायती राज संशोधन एक्ट लागू हो जाएगा.

इस एक्ट में संशोधन के बाद अब सामान्य जाति के लिए उम्मीदवार के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता दसवीं पास और सामान्य जाति की महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास रखी गयी है. इसके अलावा सरकारी और पंचायती जमीनों पर कब्जा करने वाले भू-माफिया को भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया गया है. इसके साथ ही गबन में दोषी और शासकीय धन के बकायेदार भी पंचायती चुनाव नही लड़ पाएंगे.

देहरादून: पंचायती राज संशोधन बिल-2019 पर राजभवन की मुहर लगने के बाद संशोधित एक्ट का अध्यादेश जारी हो गया है. ऐसे में अब दो से अधिक संतान वाले नेताओं पर चुनाव लड़ने में रोक के अलावा शैक्षिक योग्यता का निर्धारण हो गया है.

बता दें कि ये अध्यादेश जारी होने के बाद अब पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके साथ ही निकायों में शामिल होने वाली पंचायतों के पदाधिकारी भी चुनाव नही लड़ सकेंगे, चाहे उस पदाधिकारी का गांव किसी अन्य ग्राम सभा की निर्वाचन नामावली में क्यों ना दर्ज हो.

गौरतलब है कि पिछले महीने हुए विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को विधानसभा में पारित किया था. बीते दिनों पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है. अब ऐसे में अगस्त या सितम्बर महीने में होने वाले त्रिशंकु पंचायत चुनाव में पंचायती राज संशोधन एक्ट लागू हो जाएगा.

इस एक्ट में संशोधन के बाद अब सामान्य जाति के लिए उम्मीदवार के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता दसवीं पास और सामान्य जाति की महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास रखी गयी है. इसके अलावा सरकारी और पंचायती जमीनों पर कब्जा करने वाले भू-माफिया को भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया गया है. इसके साथ ही गबन में दोषी और शासकीय धन के बकायेदार भी पंचायती चुनाव नही लड़ पाएंगे.

Intro:पंचायती राज संशोधन बिल-2019 पर राजभवन की मुहर लगने के बाद पंचायती राज का संशोधित एक्ट का अध्यादेश जारी हो गया है। राज्य सरकार ने चुनाव से पहले अहम फैसला लेते हुए दो से अधिक संतान वाले नेताओ पर रोक लगाने के साथ ही चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक योग्यता का निर्धारण किया था। अध्यादेश जारी होने के बाद अब पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके साथ ही निकायों में शामिल होने वाली पंचायतों के पदाधिकारी भी पंचायत चुनाव नही लड़ पाएंगे, चाहे उस पदाधिकारी का गांव किसी अन्य ग्राम सभा की निर्वाचन नामावली में दर्ज हो।



Body:आपको बता दें कि पिछले महीने हुए विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को विधानसभा में पारित किया था। बीते दिनों पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है। अब ऐसे में अगस्त-सितम्बर महीने में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायती राज संसोधन एक्ट लागू हो जाएगा।


जारी किए गए पंचायती राज का संशोधित एक्ट के अध्यादेश के अनुसार दो से अधिक संतान वाले चुनाव नही लड़ पाएंगे इसके साथ ही सामान्य जाति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता दसवीं पास एवं सामान्य जाति की महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवी पास रखी गयी है। और सरकारी व पंचायती जमीनों पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओ को भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया गया है। इसके साथ ही गबन में दोषी और शासकीय धन के बकायेदार भी पंचायत चुनाव नही लड़ पाएंगे। 


Conclusion:
Last Updated : Jul 30, 2019, 3:58 PM IST

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