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पंचायत परिषद ने सरकार पर लगाए प्रतिनिधियों के अधिकार छीनने के आरोप

अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पदाधिकारियों ने सरकार पर प्रतिनिधियों के अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए आंदोलन का ऐलान किया है. इसके अलावा परिषद की कई मांगें हैं. मांगों को लेकर प्रतिनिधियों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है.

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पंचायत परिषद कार्यवाहक अध्यक्ष नवीन जोशी
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Published : Jun 25, 2021, 5:05 PM IST

देहरादूनः अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पदाधिकारियों ने सरकार पर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही मामले में परिषद ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिलवाने के लिए आंदोलन करने का ऐलान किया है. परिषद के सदस्यों का कहना है कि पंचायत परिषद का गठन पूरे प्रदेश में किया जाएगा.

अखिल भारतीय पंचायत परिषद के उत्तराखंड कार्यकारी अध्यक्ष नवीन जोशी का कहना है कि पंचायतों, नगर पालिका, नगर निगम में जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, उन्हें जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वो अब तक नहीं मिल पाए हैं. उन्हें अधिकार दिलवाने के लिए पंचायत परिषद धरना-प्रदर्शन और रैलियों के जरिए संघर्ष करेगी.

प्रदर्शन की चेतावनी

ये भी पढ़ेंः जिला पंचायत सदस्यों ने नियोजन समिति पर उठाए सवाल, लगाए गंभीर आरोप

राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की नहीं ली सुधः नवीन जोशी

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को बने हुए साढ़े 4 साल का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य सरकार ने आज तक पंचायत प्रतिनिधियों की सुध नहीं ली. न ही उनके अधिकारों के लिए कोई बात की. इसके खिलाफ अखिल भारतीय पंचायत परिषद पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट करके संघर्ष का आह्वान करेगी.

वहीं, परिषद के प्रदेश संयोजक मनीष कुमार का कहना है कि प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों को दिलवाने के लिए शीघ्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सांसद विधायकों को सुविधाओं में क्षेत्र के विकास के लिए निधि दी जाती है. उसी प्रकार से पंचायत प्रतिनिधियों को भी निधि दी जाए.

ये भी पढ़ेंः देश की पहली विधानसभा होगी श्रीनगर, जहां पंचायत स्तर पर खुलेगी लाइब्रेरी

ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी, अब पंचायत परिषद करेगी आंदोलन

उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाके आज भी विकास से कोसों दूर हैं और वहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. यह क्षेत्र आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी आज तक सुविधाओं से महरूम हैं. साथ ही कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, शिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याएं बनी हुई हैं. ऐसे में राज्य की स्थिति बदतर होती जा रही है. इन सभी मुद्दों को लेकर परिषद जल्द आंदोलन करने को बाध्य होगी.

पंचायत परिषद के प्रमुख मुद्दे

  • पंचायती राज अधिनियम के तहत धारा 73 और 74 लागू करवाने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी.
  • सरकारी बसों से निर्वाचन क्षेत्र से जिला मुख्यालय तक बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा होनी चाहिए.
  • रिटायर होने पर सांसद विधायक की तरह पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.
  • समय पर चुनाव न होने पर छह माह का कार्यकाल बढ़ाए जाने का प्रावधान किया जाए.

देहरादूनः अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पदाधिकारियों ने सरकार पर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही मामले में परिषद ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिलवाने के लिए आंदोलन करने का ऐलान किया है. परिषद के सदस्यों का कहना है कि पंचायत परिषद का गठन पूरे प्रदेश में किया जाएगा.

अखिल भारतीय पंचायत परिषद के उत्तराखंड कार्यकारी अध्यक्ष नवीन जोशी का कहना है कि पंचायतों, नगर पालिका, नगर निगम में जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, उन्हें जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वो अब तक नहीं मिल पाए हैं. उन्हें अधिकार दिलवाने के लिए पंचायत परिषद धरना-प्रदर्शन और रैलियों के जरिए संघर्ष करेगी.

प्रदर्शन की चेतावनी

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राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की नहीं ली सुधः नवीन जोशी

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को बने हुए साढ़े 4 साल का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य सरकार ने आज तक पंचायत प्रतिनिधियों की सुध नहीं ली. न ही उनके अधिकारों के लिए कोई बात की. इसके खिलाफ अखिल भारतीय पंचायत परिषद पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट करके संघर्ष का आह्वान करेगी.

वहीं, परिषद के प्रदेश संयोजक मनीष कुमार का कहना है कि प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों को दिलवाने के लिए शीघ्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सांसद विधायकों को सुविधाओं में क्षेत्र के विकास के लिए निधि दी जाती है. उसी प्रकार से पंचायत प्रतिनिधियों को भी निधि दी जाए.

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ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी, अब पंचायत परिषद करेगी आंदोलन

उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाके आज भी विकास से कोसों दूर हैं और वहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. यह क्षेत्र आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी आज तक सुविधाओं से महरूम हैं. साथ ही कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, शिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याएं बनी हुई हैं. ऐसे में राज्य की स्थिति बदतर होती जा रही है. इन सभी मुद्दों को लेकर परिषद जल्द आंदोलन करने को बाध्य होगी.

पंचायत परिषद के प्रमुख मुद्दे

  • पंचायती राज अधिनियम के तहत धारा 73 और 74 लागू करवाने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी.
  • सरकारी बसों से निर्वाचन क्षेत्र से जिला मुख्यालय तक बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा होनी चाहिए.
  • रिटायर होने पर सांसद विधायक की तरह पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.
  • समय पर चुनाव न होने पर छह माह का कार्यकाल बढ़ाए जाने का प्रावधान किया जाए.
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