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आयुध निर्माणी संघर्ष समिति ने सरकार के फैसले का किया विरोध, हड़ताल का किया आह्वान - Ordnance Factory Conflict Committee

सरकार द्वारा आयुध निर्माण का निगमीकरण किए जाने के विरोध में रक्षा कर्मचारियों ने आगामी 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल करने का आह्वान किया है.समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश की पहचान आयुध निर्माणियों ने 18 मार्च 1802 को कोलकाता के काशीपुर में रक्षा उत्पादन शुरू किया था.. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से काम करने वाले करीब 82000 कर्मचारियों पर संकट के बादल गहरा गए हैं.

संघर्ष समिति ने सरकार के फैसले का किया विरोध
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Published : Aug 14, 2019, 11:58 PM IST

देहरादूनः सरकार द्वारा आयुध निर्माण का निगमीकरण किए जाने के विरोध में रक्षा कर्मचारियों ने आगामी 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल करने का आह्वान किया है. साथ ही देहरादून प्रेस क्लब में समिति ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. निर्माण कर्मियों का कहना है कि सरकार के फैसले से करीब 82000 कर्मचारियों के परिवारों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है.

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश की पहचान आयुध निर्माणियों ने 18 मार्च 1802 को कोलकाता के काशीपुर में रक्षा उत्पादन शुरू किया था. लेकिन आज पूरे देश में 41 आयुध निर्माणीय है. वहीं कारखानों में सेना को सप्लाई किए जाने वाले उन्नत किस्म की तोपें, गोला बारूद, टैंक और अन्य युद्ध सामान बनाए जाते हैं.

संघर्ष समिति ने सरकार के फैसले का किया विरोध

पढ़ेः देहरादून के शहीद मेजर चित्रेश और मेजर विभूति को मिला वीरता का सम्मान

वहीं सरकार इनको आयुध निर्माणी बोर्ड के अधीन से हटाकर इसका निगमीकरण करने की तैयारी कर रही है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश के सभी 41 निर्माणियों में आंदोलन के जरिए सरकार को जगाने की कोशिश की जाएगी. समिति के पदाधिकारियों ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि 1999 में कारगिल की लड़ाई में हथियारों के समय पर सप्लाई के लिए सेना के जनरल वीपी मलिक ने आयुध निर्माणियों की प्रशंसा की थी.

इसको लेकर मास्टर्स जनरल ने कहा था कि यदि आयुध निर्माणियों ने गोला बारूद सामान समय पर सप्लाई नहीं करता तो कारगिल का युद्ध जीतना आसान नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से काम करने वाले करीब 82000 कर्मचारियों पर संकट के बादल गहरा गए हैं.

देहरादूनः सरकार द्वारा आयुध निर्माण का निगमीकरण किए जाने के विरोध में रक्षा कर्मचारियों ने आगामी 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल करने का आह्वान किया है. साथ ही देहरादून प्रेस क्लब में समिति ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. निर्माण कर्मियों का कहना है कि सरकार के फैसले से करीब 82000 कर्मचारियों के परिवारों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है.

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश की पहचान आयुध निर्माणियों ने 18 मार्च 1802 को कोलकाता के काशीपुर में रक्षा उत्पादन शुरू किया था. लेकिन आज पूरे देश में 41 आयुध निर्माणीय है. वहीं कारखानों में सेना को सप्लाई किए जाने वाले उन्नत किस्म की तोपें, गोला बारूद, टैंक और अन्य युद्ध सामान बनाए जाते हैं.

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पढ़ेः देहरादून के शहीद मेजर चित्रेश और मेजर विभूति को मिला वीरता का सम्मान

वहीं सरकार इनको आयुध निर्माणी बोर्ड के अधीन से हटाकर इसका निगमीकरण करने की तैयारी कर रही है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश के सभी 41 निर्माणियों में आंदोलन के जरिए सरकार को जगाने की कोशिश की जाएगी. समिति के पदाधिकारियों ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि 1999 में कारगिल की लड़ाई में हथियारों के समय पर सप्लाई के लिए सेना के जनरल वीपी मलिक ने आयुध निर्माणियों की प्रशंसा की थी.

इसको लेकर मास्टर्स जनरल ने कहा था कि यदि आयुध निर्माणियों ने गोला बारूद सामान समय पर सप्लाई नहीं करता तो कारगिल का युद्ध जीतना आसान नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से काम करने वाले करीब 82000 कर्मचारियों पर संकट के बादल गहरा गए हैं.

Intro: सरकार द्वारा आयुध निर्माणयों का निगमीकरण किए जाने के विरोध में रक्षा कर्मचारियों ने आगामी 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। देहरादून के प्रेस क्लब में आयुध निर्माणी संघर्ष समिति की ओर से पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि रक्षक कर्मचारियों द्वारा सरकार के निजीकरण के फैसले के विरोध में एक बड़ा आंदोलन अख्तियार किया जाएगा।
summary- आयुध निर्माण कर्मियों ने सरकार द्वारा आयुध निर्माणियों के निजी करण किए जाने के फैसले के विरोध में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। आयुध निर्माण कर्मियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से करीब 82000 कर्मचारियों के परिवारों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है।


Body: समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश की पहचान आयुध निर्माणीयों ने 18 मार्च 1802 को कोलकाता के काशीपुर में रक्षा उत्पादन शुरू किया था,किन्तु आज पूरे देश में 41 आयुध निर्माणीया हैं। आयुध कारखानों में सेना को सप्लाई किए जाने वाले उन्नत किस्म की तोपें, गोला बारूद टैंक और अन्य युद्ध से जुड़े साजो सामान बनाए जाते हैं। यह सभी निर्माणियां रक्षा मंत्रालय के अधीन आती हैं। आप सरकार इनको आयुध निर्माणी बोर्ड के अधीन से हटाकर इसका निगमीकरण करने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश की सभी 41 निर्माणियों मे आंदोलन के जरिए सरकार को जगाने की कोशिश की जाएगी। आयुध निर्माणी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि 1999 में कारगिल की लड़ाई में हथियारों की समय पर सप्लाई के लिए उस दौरान सेना के जनरल वीपी मलिक ने आयुध निर्माणियों की प्रशंसा की थी। तत्कालीन मास्टर्स जनरल ने कहा था कि यदि आयुध निर्माणियां गोला बारूद व अन्य आवश्यक सामान की सप्लाई समय पर नहीं करती तो कारगिल का युद्ध जीतना आसान नहीं था। उन्होने कहा कि सरकार के इस निर्णय से इन निर्माणियों में काम करने वाले करीब 82000 कर्मचारियों पर संकट के बादल गहरा गए हैं।

बाईट-अवनीश कांत,केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ।



Conclusion:आयुध निर्माणी संघर्ष समिति के मुताबिक आगामी 20 अगस्त से 19 सितंबर तक 41 निर्माणियों मैं कार्यरत कर्मचारी निजीकरण के फैसले के विरोध मे सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन समेत पुतला दहन करके अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे। दरअसल रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों की चारों फेडरेशन एआईडीईएफ,आईएनडीडब्ल्यूएफ व बीपीएम समेत सभी एसोसिएशनो ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है
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