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नौकरी से हटाए जाने के विरोध में उतरे दून अस्पताल के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी - दून अस्पताल समाचार

दून अस्पताल में सफाई कर्मचारियों को हटाने के विरोध में कार्मचारियों ने नारेबारी की. कोरोना काल के दौरान आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए कर्मचारियों को रखा गया था.

Scavengers protest
सफाई कर्मचारियों का विरोध
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Published : Mar 3, 2021, 5:32 PM IST

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कोरोना काल में लिए गए सफाई कर्मचारियों को हटाए जाने का विरोध तेज हो गया है. इसी कड़ी में हटाए गए सफाई कर्मियों ने लैंसडाउन चौक पर दून अस्पताल प्रबंधन का पुतला जलाकर जमकर नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया.

ये भी पढ़ें: त्रिवेंद्र सरकार के बजट में अटल आयुष्मान योजना को कितनी तरजीह, जानिए

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उपनल के माध्यम से दून चिकित्सालय में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की. अस्पताल प्रशासन की तरफ से जो नए सफाई कर्मी रखे गए थे, उनसे कोरोना काल में लगातार काम करवाया गया. लेकिन 6-7 महीने के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के सेवा से हटाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के भाजपा नेता शादाब शम्स को बड़ी जिम्मेदारी, प. बंगाल के प्रभारी नियुक्त

कर्मचारियों का कहना है कि जब इस मुद्दे पर उपनल के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने अस्पताल प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को हटाने संबंधी पत्र मिलने से इनकार किया है. कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन कर्मचारियों का शोषण करने के साथ-साथ उन्हें कठपुतली की तरह नचा रहा है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका शोषण बंद नहीं हुआ तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल और शासन प्रशासन की होगी.

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कोरोना काल में लिए गए सफाई कर्मचारियों को हटाए जाने का विरोध तेज हो गया है. इसी कड़ी में हटाए गए सफाई कर्मियों ने लैंसडाउन चौक पर दून अस्पताल प्रबंधन का पुतला जलाकर जमकर नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया.

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आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उपनल के माध्यम से दून चिकित्सालय में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की. अस्पताल प्रशासन की तरफ से जो नए सफाई कर्मी रखे गए थे, उनसे कोरोना काल में लगातार काम करवाया गया. लेकिन 6-7 महीने के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के सेवा से हटाया जा रहा है.

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कर्मचारियों का कहना है कि जब इस मुद्दे पर उपनल के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने अस्पताल प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को हटाने संबंधी पत्र मिलने से इनकार किया है. कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन कर्मचारियों का शोषण करने के साथ-साथ उन्हें कठपुतली की तरह नचा रहा है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका शोषण बंद नहीं हुआ तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल और शासन प्रशासन की होगी.

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