ETV Bharat / state

देहरादून में हैरान करने वाले हैं POCSO के आंकड़े, तीन साल में सिर्फ 2 फीसदी मामलों में हुई सजा

देहरादून में पॉक्सो(Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट में पिछले तीन सालों में केवल 2 फीसदी मामलों में ही सजा हुई है. जबकि अधिकतर मामलों में आरोपियों को जमानत मिली है या फिर उनकी रिहाई हो गई.

pocso act case in dehradun
देहरादून में पॉक्सो एक्ट के मामले
author img

By

Published : Apr 9, 2023, 9:44 PM IST

देहरादून: टीनएजर्स क्रिकेट प्लेयर्स यौन शोषण मामले में आरोपी कोच नरेंद्र शाह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में आरोपी कोच नरेंद्र शाह को जमानत मिल गई है. पॉक्सो(Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट में जमानत या रिहाई के मामलों पर नजर डाले तो बड़े ही चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आते हैं. देहरादून में पॉक्सो के पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक केवल 2 फीसदी मामलों में ही सजा हुई है.

साल 2020 में पुलिस ने 107 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 8 मामलों में आरोपियों को सजा और 30 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. साल 2021 में पुलिस ने 160 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 1 मामले में आरोपी को सजा हुई. 37 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. साल 2022 में पुलिस ने 159 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 16 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. एक भी मामले में सजा नहीं हुई. साथ ही अन्य सभी मामलों में कोर्ट में ट्रायल चल रहे हैं.

पढे़ं- कोच नरेंद्र शाह के कारण ही नहीं, BCCI से मान्यता मिलने के बाद से ही विवादों में रहा CAU!, जानें इससे जुड़े कंट्रोवर्सियल किस्से

बच्चों के साथ सेसेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों पर रोक लगाने के लिए साल 2012 में पॉक्सो एक्ट बना था, जिससे आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके. मगर देहरादून में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है. इस मामले में एसएसपी दलीप सिंह ने कहा ऐसे मामलों की शिकायत आते ही तुरंत पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाता है. विधिक कर्यवाही की जाती है. इस तरह के मामले में पुलिस एक्टिव मोड पर रहती है. उन्होंने कहा पुलिस हर तरीके से इस तरह के मामलों की छानबीन करती है. केस की पैरवी के साथ आरोपी को अरेस्ट कर कोर्ट में हर जरुरी एविडेंस पर पुलिस काम करती है.

देहरादून: टीनएजर्स क्रिकेट प्लेयर्स यौन शोषण मामले में आरोपी कोच नरेंद्र शाह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में आरोपी कोच नरेंद्र शाह को जमानत मिल गई है. पॉक्सो(Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट में जमानत या रिहाई के मामलों पर नजर डाले तो बड़े ही चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आते हैं. देहरादून में पॉक्सो के पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक केवल 2 फीसदी मामलों में ही सजा हुई है.

साल 2020 में पुलिस ने 107 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 8 मामलों में आरोपियों को सजा और 30 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. साल 2021 में पुलिस ने 160 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 1 मामले में आरोपी को सजा हुई. 37 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. साल 2022 में पुलिस ने 159 मामलों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की. जिसमें 16 मामलों में आरोपियों को रिहाई मिली. एक भी मामले में सजा नहीं हुई. साथ ही अन्य सभी मामलों में कोर्ट में ट्रायल चल रहे हैं.

पढे़ं- कोच नरेंद्र शाह के कारण ही नहीं, BCCI से मान्यता मिलने के बाद से ही विवादों में रहा CAU!, जानें इससे जुड़े कंट्रोवर्सियल किस्से

बच्चों के साथ सेसेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों पर रोक लगाने के लिए साल 2012 में पॉक्सो एक्ट बना था, जिससे आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके. मगर देहरादून में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है. इस मामले में एसएसपी दलीप सिंह ने कहा ऐसे मामलों की शिकायत आते ही तुरंत पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाता है. विधिक कर्यवाही की जाती है. इस तरह के मामले में पुलिस एक्टिव मोड पर रहती है. उन्होंने कहा पुलिस हर तरीके से इस तरह के मामलों की छानबीन करती है. केस की पैरवी के साथ आरोपी को अरेस्ट कर कोर्ट में हर जरुरी एविडेंस पर पुलिस काम करती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.