देहरादूनः आरटीओ विभाग में रखी गई सभी फाइलों को कम्प्यूटरीकृत करने की कवायद तेज हो गई है. मौजूदा समय में आरटीओ दफ्तर में पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फाइलें जमा हैं. इन्हें कम्प्यूटरीकृत करने के लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. साथ ही इस काम के लिए आरटीओ ने दस कर्मचारियों की डिमांड परिवहन मुख्यालय को भेजी है. नए कर्मचारियों के आते ही फाइलों की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी. पूरा डाटा कम्प्यूटरीकृत होने के बाद फाइलों को नष्ट किया जाएगा.
गौर हो कि आरटीओ कार्यालय में रखी फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव भी नाराजगी जता चुके हैं. एक अगस्त 2019 को परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब दफ्तर का औचक निरीक्षण किया था तो उन्हें फाइलों का अंबार मिला था. इतना ही नहीं पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों और कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे. जिस पर उन्होंने कहा था कि फाइलों को संभाला क्यों नहीं जा रहा है? ये भी पूछा था कि क्या इन फाइलों का कंप्यूटराइजेशन हो चुका है?
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परिवहन सचिव ने फाइलों के रख-रखाव की नीति बनाने के निर्देश दिए थे. जबकि, ये सभी फाइलें पुराने निजी और व्यावसायिक वाहनों की हैं. जिसके बाद विभाग ने कंप्यूटराइजेशन का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था. अब कंप्यूटराइजेशन को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है. इसके तहत अब ट्रांसफर, नवीनीकरण, फिटनेस एवं टैक्स आदि कार्य कंप्यूटर के जरिए ही होंगे.
आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि दफ्तर में फाइलों की संख्या 10 लाख के करीब हैं. जब भी कोई आवेदक किसी कार्य के लिए आरटीओ आता है तो उन्हें फाइल चेक करनी होती है. जो काफी कठिन प्रक्रिया है. क्योंकि, लाखों की संख्या होने के कारण एक फाइल निकालना आसान नहीं होता. इस कारण कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब सरकार ने डिजिटलाइजेश पर काम शुरू कर दिया है.