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अब धूल नहीं फांकेंगी RTO में रखी फाइलें, होंगी कम्प्यूटराइज्ड

देहरादून आरटीओ विभाग में रखी वाहनों की करीब 10 लाख फाइलों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा. डाटा कम्प्यूटरीकृत होने के बाद फाइलों को नष्ट कर दिया जाएगा.

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देहरादून आरटीओ
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Published : Jan 24, 2020, 9:00 PM IST

देहरादूनः आरटीओ विभाग में रखी गई सभी फाइलों को कम्प्यूटरीकृत करने की कवायद तेज हो गई है. मौजूदा समय में आरटीओ दफ्तर में पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फाइलें जमा हैं. इन्हें कम्प्यूटरीकृत करने के लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. साथ ही इस काम के लिए आरटीओ ने दस कर्मचारियों की डिमांड परिवहन मुख्यालय को भेजी है. नए कर्मचारियों के आते ही फाइलों की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी. पूरा डाटा कम्प्यूटरीकृत होने के बाद फाइलों को नष्ट किया जाएगा.

कम्प्यूटरीकृत होगी पुराने वाहनों की फाइलें.

गौर हो कि आरटीओ कार्यालय में रखी फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव भी नाराजगी जता चुके हैं. एक अगस्त 2019 को परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब दफ्तर का औचक निरीक्षण किया था तो उन्हें फाइलों का अंबार मिला था. इतना ही नहीं पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों और कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे. जिस पर उन्होंने कहा था कि फाइलों को संभाला क्यों नहीं जा रहा है? ये भी पूछा था कि क्या इन फाइलों का कंप्यूटराइजेशन हो चुका है?

ये भी पढ़ेंः CM पर इंदिरा हृदयेश का पलटवार- 'मेरे पिता ने लड़ी आजादी की लड़ाई, न पढ़ाएं देशभक्ति का पाठ'

परिवहन सचिव ने फाइलों के रख-रखाव की नीति बनाने के निर्देश दिए थे. जबकि, ये सभी फाइलें पुराने निजी और व्यावसायिक वाहनों की हैं. जिसके बाद विभाग ने कंप्यूटराइजेशन का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था. अब कंप्यूटराइजेशन को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है. इसके तहत अब ट्रांसफर, नवीनीकरण, फिटनेस एवं टैक्स आदि कार्य कंप्यूटर के जरिए ही होंगे.

आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि दफ्तर में फाइलों की संख्या 10 लाख के करीब हैं. जब भी कोई आवेदक किसी कार्य के लिए आरटीओ आता है तो उन्हें फाइल चेक करनी होती है. जो काफी कठिन प्रक्रिया है. क्योंकि, लाखों की संख्या होने के कारण एक फाइल निकालना आसान नहीं होता. इस कारण कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब सरकार ने डिजिटलाइजेश पर काम शुरू कर दिया है.

देहरादूनः आरटीओ विभाग में रखी गई सभी फाइलों को कम्प्यूटरीकृत करने की कवायद तेज हो गई है. मौजूदा समय में आरटीओ दफ्तर में पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फाइलें जमा हैं. इन्हें कम्प्यूटरीकृत करने के लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. साथ ही इस काम के लिए आरटीओ ने दस कर्मचारियों की डिमांड परिवहन मुख्यालय को भेजी है. नए कर्मचारियों के आते ही फाइलों की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी. पूरा डाटा कम्प्यूटरीकृत होने के बाद फाइलों को नष्ट किया जाएगा.

कम्प्यूटरीकृत होगी पुराने वाहनों की फाइलें.

गौर हो कि आरटीओ कार्यालय में रखी फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव भी नाराजगी जता चुके हैं. एक अगस्त 2019 को परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब दफ्तर का औचक निरीक्षण किया था तो उन्हें फाइलों का अंबार मिला था. इतना ही नहीं पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों और कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे. जिस पर उन्होंने कहा था कि फाइलों को संभाला क्यों नहीं जा रहा है? ये भी पूछा था कि क्या इन फाइलों का कंप्यूटराइजेशन हो चुका है?

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परिवहन सचिव ने फाइलों के रख-रखाव की नीति बनाने के निर्देश दिए थे. जबकि, ये सभी फाइलें पुराने निजी और व्यावसायिक वाहनों की हैं. जिसके बाद विभाग ने कंप्यूटराइजेशन का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था. अब कंप्यूटराइजेशन को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है. इसके तहत अब ट्रांसफर, नवीनीकरण, फिटनेस एवं टैक्स आदि कार्य कंप्यूटर के जरिए ही होंगे.

आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि दफ्तर में फाइलों की संख्या 10 लाख के करीब हैं. जब भी कोई आवेदक किसी कार्य के लिए आरटीओ आता है तो उन्हें फाइल चेक करनी होती है. जो काफी कठिन प्रक्रिया है. क्योंकि, लाखों की संख्या होने के कारण एक फाइल निकालना आसान नहीं होता. इस कारण कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब सरकार ने डिजिटलाइजेश पर काम शुरू कर दिया है.

Intro:आरटीओ मे लगा वाहनों की फ़ाइलो का डेढ़ खत्म करने के लिए विभाग ने इन  फ़ाइलो के कम्प्यूटरीकरण की क़वायत शुरू कर दी है मौजूदा समय मे आरटीओ दफ्तर मे पुराने वाहनों की करीब 10 लाख फ़ाइले जमा है इन्हे कम्प्यूटरीकृत करने के लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपए मंजूर कर लिए है इस काम के लिए आरटीओ ने दस कर्मचारियों की डिमांड परिवहन मुख्यालय को को भेजी है। कर्मचारियों के आते ही फ़ाइलो की स्कैनिंग शुरू हो जाएंगी। पूरा डाटा  कम्प्यूटरीकृत होने के बाद  फ़ाइलो को नष्ट कर दिया जायेगा इसके बाद वहां ट्रांसफर ,नवनीकरण ,फिटनेस एवं टैक्स आदि कार्य कंप्यूटर के जरिये होंगे। परिवहन विभाग की माने तो  फ़ाइले कम्प्यूटरीकृत होने मे लगभग 1 साल लगेगा।Body:कार्यालय परिसर में वाहनों की फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव भी नाराजगी जता चुके हैं।एक अगस्त को परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब दफ्तर में छापा मारा था तो उन्होंने फाइलों का अंबार देख पूछा था कि कंप्यूटराइजेशन हो चुका है तो फाइलों को क्यों संभाला जा रहा!पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों व कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे। परिवहन सचिव ने फाइलों के रखरखाव की नीति बनाने के निर्देश दिए थे। जिस पर विभाग ने कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा था। फाइलें पुराने निजी और सभी व्यावसायिक वाहनों की हैं। Conclusion:आरटीओ दिनेश पठाई ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे यहाँ फ़ाइल की संख्या 10 लाख के करीब है।और जब भी कोई आवेदक कोई काम के लिए आता हैं तो हमे फ़ाइल चेक करनी होती है जो कि यह बहुत कठिन प्रक्रिया है क्योंकि लाखो की संख्या होने के कारण एक फ़ाइल निकालना आसान नही होता है जिस कारण कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।पहले चतुर्थ श्रेणी के लोग हुआ करते थे और काफी मेहनत कर फ़ाइल खोजने का काम किया करते थे।वही अब आरटीओ विभाग में नई भर्ती नही हो पा रहा है जिस कारण हम लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पहले किसी आवेदक का काम एक हफ्ते में हो जाता था लेकिन अब 15 से 20 दिन लगते है।और अब राज्य सरकार ने डिजिटल करना शुरू कर दिया है आरटीओ विभाग का भी चयन कर लिया गया है।आरटीओ विभाग में भी 10 लाख फाइलो को स्कैन करके कम्प्यूटरीकृत करके अपने रिकॉर्ड रूम में रखेंगे।साथ ही जितनी भी फ़ाइल हमारे यहाँ पड़ी उसे सीरियल से लगा कर कोड डालना है और फ़ाइले कम्प्यूटरीकृत होने मे लगभग 1 साल लगेगा। 

बाइट --दिनेश चंद पठोई (आरटीओ ,देहरादून )
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