देहरादून: उत्तराखंड में तेजी से पांव पसारते साइबर क्राइम से पार पाना पुलिस तंत्र के लिए लगातार बड़ी चुनौती का विषय बनता जा रहा है. ऐसे में पुलिस विभाग में नियुक्त होने वाले नए कर्मचारियों और ट्रेनी अफसरों को अब साइबर अपराध से जुड़ी जांच-विवेचना की एडवांस ट्रेनिंग अंतरराज्जीय स्तर पर करायी जा रही है. इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक के आदेशनुसार पहली बार उत्तराखंड पुलिस में तैनात होने वाले 18 ट्रेनी डिप्टी एसपी को 1 सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
देश के जाने-माने साइबर विशेषज्ञों से मिल रही हैं ऑनलाइन ट्रेनिंग
देहरादून स्थित स्पेशल टास्क फोर्स (STF) मुख्यालय में जहां अलग-अलग साइबर पुलिस एक्सपर्ट द्वारा बेसिक से लेकर वर्तमान समय में प्रचलित साइबर क्राइम जांच से जुड़ी जानकारी दी जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पंजाब,चंडीगढ़, दिल्ली, नोएडा साइबर पुलिस सहित सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इतना ही नहीं देश के जाने-माने साइबर एक्सपर्ट की मदद लेकर भी राज्य के नए पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम से जुड़े उन हाईटेक एडवांस तकनीक के गुर सिखाए जा रहे हैं जिससे साइबर अपराध पर लगाम लगेगी.
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उत्तराखंड में तेजी से फैलते साइबर अपराध को लेकर भी विशेष ट्रेनिंग
उत्तराखंड के 18 ट्रेनी डिप्टी एसपी को इस बात की भी जानकारी दी जा रही है कि उत्तराखंड में किस तरह के साइबर अपराध तेजी से पनप रहे हैं. इस विषय में जहां चंडीगढ़ के साइबर एक्सपर्ट गुरु चरण सिंह और पंजाब के परविंदर सिंह नए अधिकारियों को पहाड़ी राज्यों में फैल रहे साइबर हथकंडों पर अंकुश लगाने की तकनीक सिखा रहे हैं. वहीं सीबीआई से लेकर मुंबई के साइबर एक्सपर्ट सचिन धईय्या और ओशो पार्थ जैसे जाने-माने विशेषज्ञों द्वारा एडवांस साइबर अपराध को ध्वस्त करने की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग ऑनलाइन दी जा रही है.
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देश के दूरस्थ स्थानों से संचालित संगठित साइबर गिरोहों को ध्वस्त करना मुख्य उद्देश्य:STF
वहीं, इस विषय पर एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह की मानें तो उत्तराखंड पुलिस में नए अधिकारी के रूप में शामिल होने वाले ट्रेनी डिप्टी एसपी को प्राथमिकता के तौर पर साइबर अपराध इन्वेस्टिगेशन की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि सर्कल ऑफिसर के तौर पर फील्ड में उतरने से पहले यह अधिकारी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके साइबर क्राइम के विषय में भली-भांति जानकारी जुटाकर स्मार्ट पुलिसिंग से अपनी कार्रवाई को बेहतर अंजाम दे सकें.
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इतना ही नहीं एसटीएफ के अधीन साइबर ट्रेनिंग को प्राप्त करने वाले नए ऑफिसर अपने समकक्ष सिविल पुलिस कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी दे सकेंगे. एसटीएफ के अजय सिंह के मुताबिक समय की मांग के मुताबिक साइबर अपराध से पार पाने वाले देश के चुनिंदा साइबर विशेषज्ञों से ऑनलाइन रूबरू करा कर यह ट्रेनिंग प्राथमिकता के तौर पर कराई जा रही है. इतना ही नहीं आने वाले दिनों में साइबर अपराध से जुड़ी नई-नई तकनीक के विषय में भी संबंधित साइबर पुलिस कर्मचारियों अधिकारियों को अपडेट एडवांस ट्रेनिंग से जोड़ा जाएगा, ताकि देश के दूरस्थ स्थानों में छिपे संगठित साइबर हैकर्स और ठग गिरोहों पर वास्तविक रूप में प्रभावी कार्रवाई कर शिकंजा कसा जा सके.