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उत्तराखंड में बढ़ रहा महिला अपराधों का आंकड़ा, महिला आयोग और पुलिस की कार्रवाई जारी

उत्तराखंड में साल दर साल महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से जुड़े अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस के साथ-साथ राज्य महिला आयोग को भी प्रतिवर्ष सैकड़ों की तादाद में महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाले अपराध और उत्पीड़न की शिकायतें मिल रही हैं.

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Published : Dec 10, 2021, 7:40 PM IST

number of crimes against women
महिला अपराधों का आंकड़ा

देहरादून: उत्तराखंड महिला आयोग (Uttarakhand Women Commission) में महिलाओं से जुड़े अपराधिक शिकायतों की भरमार है. पिछले 3 साल के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. 2019-20 के मुकाबले 2021 में अधिक मामले लंबित हैं.

उत्तराखंड में महिलाओं से जुड़े अपराधों की शिकायतें (Complaint of women related crimes in Uttarakhand) साल दर साल बढ़ती जा रही हैं. पुलिस के साथ-साथ राज्य महिला आयोग को भी प्रतिवर्ष सैकड़ों की तादाद में महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाले अपराध और उत्पीड़न की शिकायतें मिल रही हैं.

उत्तराखंड में बढ़ रहा महिला अपराधों का आंकड़ा.

हालांकि, महिला आयोग और पुलिस दोनों द्वारा महिला अपराधों के प्रति पहले से अधिक संवेदनशील रवैया अपनाकर न सिर्फ अधिक से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. बल्कि उनके निस्तारण का आंकड़ा भी पूर्व की तुलना अधिक नजर आ रहा है.

ये भी पढ़ें: स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा था सेक्स रैकेट, दंपति गिरफ्तार, मालिक फरार

उत्तराखंड महिला आयोग में वर्ष 2019-20 में 1,455 मामले महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाले अपराध को लेकर दर्ज किए हैं. इनमें से 1,411 मामले आयोग ने पुलिस कार्रवाई की मदद से निस्तारित किए हैं. जबकि 44 मामले अब भी लंबित है. वहीं, वर्ष 2020-21 में वर्तमान तक महिलाओं और किशोरियों की शिकायत पत्र पर आयोग में अब तक 1,731 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें से 1,473 निस्तारित निस्तारित किए गए हैं. जबकि 258 मामले लंबित चल रहे हैं.

2019-20 में सबसे अधिक मामले दर्ज: उत्तराखंड महिला आयोग के अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में महिलाओं की शिकायत पर दर्ज मामलों में सबसे अधिक प्रकरण जान माल की सुरक्षा की 419, मानसिक उत्पीड़न की 299, घरेलू हिंसा की 218 और दहेज उत्पीड़न के 181 मामले दर्ज हुए हैं.

वर्ष 2020-21 में उत्तराखंड महिला आयोग में दर्ज शिकायत: अब तक राज्य महिला आयोग में प्रार्थना पत्र के अनुसार महिला और किशोरियों के शिकायत पर दर्ज केसों की स्थिति कुछ यूं हैं. जान माल की सुरक्षा की 498, मानसिक उत्पीड़न की 387, घरेलू हिंसा की 207, दहेज उत्पीड़न की 179, धोखाधड़ी की 80 केस दर्ज हुए हैं.

2019-20 में दर्ज महिला अपराध

अपराधिक मामलेकुल मामलेनिस्तारित मामलेलंबित मामले
जान माल सुरक्षा41941009
मानसिक उत्पीड़न29929009
घरेलू हिंसा21821305
दहेज उत्पीड़न18117105
धोखाधड़ी706802
तंग करने का अपराध464501
अश्लील हरकत/छेड़खानी252500
संपत्ति विवाद272601
भरण पोषण282800
आर्थिक उत्पीड़न242301
अवैध संबंध161501
बलात्कार141400
शारीरिक उत्पीड़न191801
हत्या111100
अपहरण121200
देह व्यापार020200
नौकरी संबंधी130904
द्वितीय विवाह050500
यौन उत्पीड़न080800
गुमशुदगी111100
बाल विवाह 010100
पेंशन030201
झूठे आरोप020200
आर्थिक उत्पीड़न242301
तेजाब010100
कुल 1455141144


2020-21 में दर्ज महिला अपराध

अपराधिक मामलेकुल मामलेनिस्तारित मामलेलंबित मामले
जान माल सुरक्षा49840395
मानसिक उत्पीड़न38733156
घरेलू हिंसा20719116
दहेज उत्पीड़न17916811
धोखाधड़ी806416
तंग करने का अपराध252203
अश्लील हरकत/छेड़खानी504604
संपत्ति विवाद554510
भरण पोषण191405
आर्थिक उत्पीड़न302208
अवैध संबंध221804
बलात्कार352708
शारीरिक उत्पीड़न473908
हत्या242301
अपहरण080800
देह व्यापार000000
नौकरी संबंधी120903
द्वितीय विवाह141301
यौन उत्पीड़न151005
गुमशुदगी110803
बाल विवाह 000000
पेंशन050401
झूठे आरोप060600
आर्थिक उत्पीड़न302208
तेजाब000000
कुल 17311473258

उत्तराखंड में महिलाओं और किशोरियों से जुड़ें अपराधों की शिकायतों को महिला आयोग द्वारा पुलिस की मदद से ही निस्तारित किया जाता है. इस संबंध में देहरादून एसपी श्वेता चौबे (Dehradun SP Shweta Chaubey) ने बताया कि महिला आयोग द्वारा पुलिस को मिलने वाली तमाम शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है. जहां की भी शिकायत आती है, उसे संबंधित जनपद पुलिस से कार्रवाई आख्या रिपोर्ट मांगी जाती है.

इतना ही नहीं उसके बाद पुलिस मुख्यालय से कड़े निर्देश दिए जाते हैं कि त्वरित जांच कर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई को प्रभावी रूप से अमल में लाया जाए. ताकि महिलाओं से जुड़े अपराधों की सुनवाई न्याय दिलाने के परिपेक्ष में की जा सके. एसपी ने कहा महिला आयोग से मिलने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग भी पुलिस मुख्यालय द्वारा की जाती है.

देहरादून: उत्तराखंड महिला आयोग (Uttarakhand Women Commission) में महिलाओं से जुड़े अपराधिक शिकायतों की भरमार है. पिछले 3 साल के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. 2019-20 के मुकाबले 2021 में अधिक मामले लंबित हैं.

उत्तराखंड में महिलाओं से जुड़े अपराधों की शिकायतें (Complaint of women related crimes in Uttarakhand) साल दर साल बढ़ती जा रही हैं. पुलिस के साथ-साथ राज्य महिला आयोग को भी प्रतिवर्ष सैकड़ों की तादाद में महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाले अपराध और उत्पीड़न की शिकायतें मिल रही हैं.

उत्तराखंड में बढ़ रहा महिला अपराधों का आंकड़ा.

हालांकि, महिला आयोग और पुलिस दोनों द्वारा महिला अपराधों के प्रति पहले से अधिक संवेदनशील रवैया अपनाकर न सिर्फ अधिक से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. बल्कि उनके निस्तारण का आंकड़ा भी पूर्व की तुलना अधिक नजर आ रहा है.

ये भी पढ़ें: स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा था सेक्स रैकेट, दंपति गिरफ्तार, मालिक फरार

उत्तराखंड महिला आयोग में वर्ष 2019-20 में 1,455 मामले महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाले अपराध को लेकर दर्ज किए हैं. इनमें से 1,411 मामले आयोग ने पुलिस कार्रवाई की मदद से निस्तारित किए हैं. जबकि 44 मामले अब भी लंबित है. वहीं, वर्ष 2020-21 में वर्तमान तक महिलाओं और किशोरियों की शिकायत पत्र पर आयोग में अब तक 1,731 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें से 1,473 निस्तारित निस्तारित किए गए हैं. जबकि 258 मामले लंबित चल रहे हैं.

2019-20 में सबसे अधिक मामले दर्ज: उत्तराखंड महिला आयोग के अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में महिलाओं की शिकायत पर दर्ज मामलों में सबसे अधिक प्रकरण जान माल की सुरक्षा की 419, मानसिक उत्पीड़न की 299, घरेलू हिंसा की 218 और दहेज उत्पीड़न के 181 मामले दर्ज हुए हैं.

वर्ष 2020-21 में उत्तराखंड महिला आयोग में दर्ज शिकायत: अब तक राज्य महिला आयोग में प्रार्थना पत्र के अनुसार महिला और किशोरियों के शिकायत पर दर्ज केसों की स्थिति कुछ यूं हैं. जान माल की सुरक्षा की 498, मानसिक उत्पीड़न की 387, घरेलू हिंसा की 207, दहेज उत्पीड़न की 179, धोखाधड़ी की 80 केस दर्ज हुए हैं.

2019-20 में दर्ज महिला अपराध

अपराधिक मामलेकुल मामलेनिस्तारित मामलेलंबित मामले
जान माल सुरक्षा41941009
मानसिक उत्पीड़न29929009
घरेलू हिंसा21821305
दहेज उत्पीड़न18117105
धोखाधड़ी706802
तंग करने का अपराध464501
अश्लील हरकत/छेड़खानी252500
संपत्ति विवाद272601
भरण पोषण282800
आर्थिक उत्पीड़न242301
अवैध संबंध161501
बलात्कार141400
शारीरिक उत्पीड़न191801
हत्या111100
अपहरण121200
देह व्यापार020200
नौकरी संबंधी130904
द्वितीय विवाह050500
यौन उत्पीड़न080800
गुमशुदगी111100
बाल विवाह 010100
पेंशन030201
झूठे आरोप020200
आर्थिक उत्पीड़न242301
तेजाब010100
कुल 1455141144


2020-21 में दर्ज महिला अपराध

अपराधिक मामलेकुल मामलेनिस्तारित मामलेलंबित मामले
जान माल सुरक्षा49840395
मानसिक उत्पीड़न38733156
घरेलू हिंसा20719116
दहेज उत्पीड़न17916811
धोखाधड़ी806416
तंग करने का अपराध252203
अश्लील हरकत/छेड़खानी504604
संपत्ति विवाद554510
भरण पोषण191405
आर्थिक उत्पीड़न302208
अवैध संबंध221804
बलात्कार352708
शारीरिक उत्पीड़न473908
हत्या242301
अपहरण080800
देह व्यापार000000
नौकरी संबंधी120903
द्वितीय विवाह141301
यौन उत्पीड़न151005
गुमशुदगी110803
बाल विवाह 000000
पेंशन050401
झूठे आरोप060600
आर्थिक उत्पीड़न302208
तेजाब000000
कुल 17311473258

उत्तराखंड में महिलाओं और किशोरियों से जुड़ें अपराधों की शिकायतों को महिला आयोग द्वारा पुलिस की मदद से ही निस्तारित किया जाता है. इस संबंध में देहरादून एसपी श्वेता चौबे (Dehradun SP Shweta Chaubey) ने बताया कि महिला आयोग द्वारा पुलिस को मिलने वाली तमाम शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है. जहां की भी शिकायत आती है, उसे संबंधित जनपद पुलिस से कार्रवाई आख्या रिपोर्ट मांगी जाती है.

इतना ही नहीं उसके बाद पुलिस मुख्यालय से कड़े निर्देश दिए जाते हैं कि त्वरित जांच कर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई को प्रभावी रूप से अमल में लाया जाए. ताकि महिलाओं से जुड़े अपराधों की सुनवाई न्याय दिलाने के परिपेक्ष में की जा सके. एसपी ने कहा महिला आयोग से मिलने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग भी पुलिस मुख्यालय द्वारा की जाती है.

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