सेंटर गए बिना ही लग गई सेकेंड डोज, NSUI के नेता बोले- 'फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर रही सरकार' - देहरादून की खबरें
एनएसयूआई ने कोविड वैक्सीनेशन को लेकर सरकार पर भष्ट्राचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि जिस तरह कोरोनाकाल में हुई मौत पर झूठे आंकड़े पेश किए गए, उसी तरह वैक्सीनेशन को लेकर भी धांधली हो रही है. एनसएसयूआई का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाए बिना ही फर्जी वैक्सीनेटेड सर्टिफिकेट जारी की जा रही है.
देहरादूनः नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने केंद्र और राज्य सरकार पर कोविड वैक्सीन को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगे बिना ही उन्हें वैक्सीनेशन लगाने का मैसेज मिल रहा है. ऐसे में साफ है कि सरकार फर्जी वैक्सीनेटेड सर्टिफिकेट जारी कर रही है, जो आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.
एनएसयूआई छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अभी तक कोरोना वैक्सीन पर 35,000 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, जबकि कोरोना वैक्सीन में व्याप्त भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने बीती 14 मई को सीएचसी गैरसैंण में कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगने का संदेश प्राप्त हुआ, जबकि उस दौरान वो देहरादून में मौजूद थे. उन्होंने किसी प्रकार की कोई वैक्सीन नहीं लगाई थी.
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जब उन्होंने वैक्सीन के दूसरी डोज को लेकर चमोली सीएमओ ऑफिस में पता किया तो उन्हें यह बताया गया कि शासन की ओर से उन सभी लोगों को जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है, उन्हें खुद से वैक्सीनेटेड दिखाने को कहा गया है. जब उन्होंने अन्य जिलों से यह जानकारी हासिल की तो सभी जिलों से इसी प्रकार की जानकारी भी सामने आई.
मोहन भंडारी ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जिस प्रकार से कोविड काल में हुई मौतों को लेकर झूठे आंकड़े पेश किए, उसी प्रकार से टीकाकरण को लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है. वहीं, छात्र संगठन ने इस कार्रवाई को तत्काल रोक कर पूर्व की स्थिति में लाने की मांग की है. संगठन का कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो एनएसयूआई प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.