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पूर्व वन प्रमुख राजीव भरतरी को नोटिस जारी, कॉर्बेट में अवैध निर्माण-पेड़ कटान का मामला - Notice issued to former forest chief Rajiv Bharatri

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन में अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान मामले में पूर्व वन प्रमुख राजीव भरतरी को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि भरतरी ने वन प्रमुख रहते हुए अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. राजीव भरतरी से मामले में 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

Notice issued to former forest chief Rajiv Bharatri
राजीव भरतरी का नोटिस जारी
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Published : May 26, 2022, 8:15 PM IST

Updated : May 26, 2022, 9:15 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व वन प्रमुख राजीव भरतरी को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन में अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान मामले में नोटिस जारी किया गया है. आरोप है कि भरतरी ने वन प्रमुख रहते हुए बिना किसी प्रशासनिक और वित्तीय सहमति के रिजर्व के पाखरो और मोरघाटी क्षेत्रों में संरचनाओं के निर्माण और एक जल निकाय का निर्माण किया गया था.

नोटिस में कहा गया है कि भरतरी ने वन प्रमुख रहते हुए अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. राजीव भरतरी से मामले में 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने पाया था कि पाखरो और मोरघाटी क्षेत्रों में अवैध निर्माण किए गए थे. रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया था कि अवैध निर्माण वन अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए थे.

ये भी पढ़ें: रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में रक्षा संपदा सर्किल को दी मंजूरी, देहरादून-रानीखेत में खुलेंगे कार्यालय

इस रिपोर्ट के कारण राज्य के वन विभाग में दो दर्जन से अधिक आईएफएस अधिकारियों के तबादले के साथ एक बड़ा फेरबदल हुआ था. जिसमें तत्कालीन वन प्रमुख राजीव भरतरी को हटाया गया था. मामले के बाद पूछताछ में पूर्व मुख्य वन्यजीव वार्डन जेएस सुहाग और आईएफएस अधिकारी किशन चंद सहित कई अन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था.

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व वन प्रमुख राजीव भरतरी को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन में अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान मामले में नोटिस जारी किया गया है. आरोप है कि भरतरी ने वन प्रमुख रहते हुए बिना किसी प्रशासनिक और वित्तीय सहमति के रिजर्व के पाखरो और मोरघाटी क्षेत्रों में संरचनाओं के निर्माण और एक जल निकाय का निर्माण किया गया था.

नोटिस में कहा गया है कि भरतरी ने वन प्रमुख रहते हुए अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. राजीव भरतरी से मामले में 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक टीम ने पाया था कि पाखरो और मोरघाटी क्षेत्रों में अवैध निर्माण किए गए थे. रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया था कि अवैध निर्माण वन अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए थे.

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इस रिपोर्ट के कारण राज्य के वन विभाग में दो दर्जन से अधिक आईएफएस अधिकारियों के तबादले के साथ एक बड़ा फेरबदल हुआ था. जिसमें तत्कालीन वन प्रमुख राजीव भरतरी को हटाया गया था. मामले के बाद पूछताछ में पूर्व मुख्य वन्यजीव वार्डन जेएस सुहाग और आईएफएस अधिकारी किशन चंद सहित कई अन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था.

Last Updated : May 26, 2022, 9:15 PM IST
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