देहरादून: महाराष्ट्र में अस्पताल में लगी आग में 10 शिशुओं की मौत हो जाने से उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग हरकत में आ गया है. देहरादून में शासन स्तर के अधिकारियों ने अग्निशमन विभाग को अस्पतालों में एनओसी की अनिवार्यता को लेकर आदेश जारी किए हैं. अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा किए जाने को लेकर देहरादून के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को अग्निशमन विभाग ने नोटिस जारी किया है.
इस संबंध में अग्निशमन अधिकारियों ने बीते रोज देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप डिमरी से आग्रह किया है कि जब कार्यालय की ओर से प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन के रिन्युअल किए जाते हैं. उस दौरान अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का कष्ट करें. अग्निशमन विभाग के मुताबिक इस संबंध में चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र भी भेजा जाएगा.
सरकारी और निजी अस्पतालों में आग बुझाने के संसाधनों और एनओसी की अनिवार्यता को लेकर अस्पतालों की जब लिस्ट खंगाली तो पता चला कि साल 2019 में मात्र 21 अस्पतालों ने ही अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त की है. अग्निशमन अधिकारी सुरेश चंद्र रवि के मुताबिक, एक साल से चल रहे कोविड-19 संक्रमण की वजह से एनओसी की अवधि को 2020 में बढ़ा दिया गया था. इसके लिए अब ऑनलाइन एनओसी लेने का भी प्रावधान किया गया है.
पढ़ें- टीकाकरण महाभियान: शैलेंद्र द्विवेदी को लगा पहला टीका, CM त्रिवेंद्र ने दी बधाई
उन्होंने बताया कि अग्निशमन व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने को दून मेडिकल कॉलेज को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि दून अस्पताल में कोरोना सेंटर बनाया गया है. ऐसे में आग से होने वाली संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्थाएं पूरी होनी चाहिए. इसके अलावा विभाग की ओर से तीन अन्य अस्पतालों को भी अग्निशमन व्यवस्थाएं पूरी के किए जाने को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं.
अग्निशमन अधिकारी के मुताबिक, दून मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट बनाकर संबंधित अधिकारी को भेज दी गई है. अग्निशमन विभाग के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से देहरादून के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की सूची प्राप्त हो गई है, सूची के आधार पर अग्निशमन विभाग अग्नि सुरक्षा मानकों का निरीक्षण कर संबंधित अस्पतालों को नोटिस जारी करेगा.