देहरादूनः विश्वविद्यालयों को एक नियम और कानून से चलाने के लिए अम्ब्रेला एक्ट लागू करने की तैयारी की जा रही है. जिसे लेकर सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने विरोध का रुख अपना लिया है. इतना ही नहीं महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों ने एक संयुक्त मोर्चे का गठन भी कर लिया है.
दरअसल, अंब्रेला एक्ट के तहत सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को अनुदान देने को लेकर पूर्व के नियमों में बदलाव किया गया है. जिससे सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के अनुदान को लेकर दिक्कतें आ सकती है. ऐसा रहा तो सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन और तमाम दूसरे खर्चों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. यही कारण है कि अब महाविद्यालयों के तमाम शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों ने इस एक्ट को संशोधित करने की मांग उठानी शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ेंः CM त्रिवेंद्र ने दोहराई जीरो टॉलरेंस की बात, कहा- ब्लैकमेलर किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त
बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से एक कमेटी गठित करवाई गई है, जिससे केंद्रीय विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त होने वाले सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को अनुदान दिया जाए या नहीं इस पर कमेटी जांच करेगी. इतना ही नहीं महाविद्यालय के प्रशासनिक कार्य, वित्तीय और नियुक्तियों से जुड़े तमाम मामलों की भी यह कमेटी जांच करेगी. शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नाराजगी कमेटी के गठन के बाद शुरू हुई है.