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आजादी तो मिल गई, पर नहीं मिली मसूरी के इस गांव को 'रोशनी', विधायक दे रहे अंग्रेजों को दोष - पानी और बिजली को तरस रहे लोग

पहाड़ों की रानी मसूरी के पार्क एस्टेट क्षेत्र के कुआंवाला गांव का है. यहां आज भी लोग 5 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं और अंधियारे को लालटेन और मोमबत्ती के सहारे मिटा रहे हैं.

पानी और बिजली को तरस रहे लोग.
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Published : Sep 21, 2019, 4:54 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी के नाम से फेमस मसूरी से मात्र 5 किलोमीटर दूर पार्क एस्टेट क्षेत्र के कुआंवाला गांव का लगभग 20 परिवार पानी की कमी और अंधेरे में जीने को मजबूर है. आजादी के 73 साल बाद भी 20 परिवार के सदस्य अपनी रातें लालटेन, दीये और मोमबत्तियों के उजाले में बिताने को मजबूर हैं. ये लोग अपनी पानी की जरुरतें गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित कुएं से पूरी कर रहे हैं. ये इलाका मसूरी नगरपालिका परिषद के दायरे में आता है.

पानी और बिजली को तरस रहे लोग.

वहीं, इस मामले में स्थानीय निवासियों का कहना है कि आजादी के 73 सालों बाद भी वे एक आदिम जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. हम मसूरी से कुछ ही दूरी पर रहते हैं, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है फिर भी हमारी ओर कोई ध्यान नहीं देता है. चुनाव के समय जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिये जरूर आते हैं. बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव के समाप्त होते ही कोई इस ओर देखने को तैयार नहीं होता है.

साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हमारे पास बिजली की आपूर्ति होती तो कम से कम हमारे बच्चे बिना किसी परेशानी के पढ़ाई कर पाते. बच्चों की शिक्षा यहां रहने वाले सभी परिवारों की प्राथमिक चिंता है. मोदी सरकार ने देश में हर घर को रोशन करने का वादा किया था लेकिन हम अभी भी अंधेरे में रहते हैं. वहीं, कुएं के गंदे पानी से वो अपनी प्यास को बुझाने के लिये मजबूर हैं.

नगर पालिका परिषद की क्षेत्रीय सभासद जसबीर कौर ने बताया कि पार्क एस्टेट में बिजली आपूर्ति करने के लिये उनके द्वारा बिजली विभाग को कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है. इसको लेकर 8 लाख रुपये की लागत से लगने वाले ट्रांसफॉर्मर और विद्युत लाइन बिछाने का काम नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है. जिसका जल्द बजट बोर्ड में पास किया जाएगा. साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायक द्वारा बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

.ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR: सॉफ्टवेयर फेल, 5 दिन से हो रही दर्ज, अभी लगेगा और वक्त

वहीं, इस मामले में मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बताया कि उनके द्वारा पार्क एस्टेट में विद्युत और पेयजल आपूर्ति करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं. साथ ही पार्क एस्टेट में रहने वाले लोगो को सरकारी नियमानुसार, विद्युत कनेक्शन के लिये विद्युत विभाग में आवेदन करना होगा, जिसके बाद नियमानुसार लोगों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होने बताया कि मसूरी में पेयजल विभाग के पंपों की हालत काफी खराब है, जिसको ठीक करने को लेकर उनके द्वारा शासन से 3.5 करोड रुपये भी स्वीकृत करा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मसूरी में पेयजल के लिए जो लाइनें बिछाई गई हैं वे अंग्रेजों के जमाने की है, जिस कारण मसूरी के कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्या बनी रहती है.

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पार्क एस्टेट क्षेत्र में ट्रांसफार्मर के साथ 1,700 मीटर तक फैली एक नई बिजली लाइन की आवश्यकता है. क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति प्रदान करने की लागत अधिक होगी, जिसको लेकर मसूरी नगर पालिका या किसी अन्य सरकारी एजेंसी के माध्यम से विभाग को धन उपलब्ध कराना होगा. धन के उपलब्ध होते ही क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा.

मसूरी: पहाड़ों की रानी के नाम से फेमस मसूरी से मात्र 5 किलोमीटर दूर पार्क एस्टेट क्षेत्र के कुआंवाला गांव का लगभग 20 परिवार पानी की कमी और अंधेरे में जीने को मजबूर है. आजादी के 73 साल बाद भी 20 परिवार के सदस्य अपनी रातें लालटेन, दीये और मोमबत्तियों के उजाले में बिताने को मजबूर हैं. ये लोग अपनी पानी की जरुरतें गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित कुएं से पूरी कर रहे हैं. ये इलाका मसूरी नगरपालिका परिषद के दायरे में आता है.

पानी और बिजली को तरस रहे लोग.

वहीं, इस मामले में स्थानीय निवासियों का कहना है कि आजादी के 73 सालों बाद भी वे एक आदिम जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. हम मसूरी से कुछ ही दूरी पर रहते हैं, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है फिर भी हमारी ओर कोई ध्यान नहीं देता है. चुनाव के समय जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिये जरूर आते हैं. बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव के समाप्त होते ही कोई इस ओर देखने को तैयार नहीं होता है.

साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हमारे पास बिजली की आपूर्ति होती तो कम से कम हमारे बच्चे बिना किसी परेशानी के पढ़ाई कर पाते. बच्चों की शिक्षा यहां रहने वाले सभी परिवारों की प्राथमिक चिंता है. मोदी सरकार ने देश में हर घर को रोशन करने का वादा किया था लेकिन हम अभी भी अंधेरे में रहते हैं. वहीं, कुएं के गंदे पानी से वो अपनी प्यास को बुझाने के लिये मजबूर हैं.

नगर पालिका परिषद की क्षेत्रीय सभासद जसबीर कौर ने बताया कि पार्क एस्टेट में बिजली आपूर्ति करने के लिये उनके द्वारा बिजली विभाग को कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है. इसको लेकर 8 लाख रुपये की लागत से लगने वाले ट्रांसफॉर्मर और विद्युत लाइन बिछाने का काम नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है. जिसका जल्द बजट बोर्ड में पास किया जाएगा. साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायक द्वारा बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

.ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR: सॉफ्टवेयर फेल, 5 दिन से हो रही दर्ज, अभी लगेगा और वक्त

वहीं, इस मामले में मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बताया कि उनके द्वारा पार्क एस्टेट में विद्युत और पेयजल आपूर्ति करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं. साथ ही पार्क एस्टेट में रहने वाले लोगो को सरकारी नियमानुसार, विद्युत कनेक्शन के लिये विद्युत विभाग में आवेदन करना होगा, जिसके बाद नियमानुसार लोगों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होने बताया कि मसूरी में पेयजल विभाग के पंपों की हालत काफी खराब है, जिसको ठीक करने को लेकर उनके द्वारा शासन से 3.5 करोड रुपये भी स्वीकृत करा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मसूरी में पेयजल के लिए जो लाइनें बिछाई गई हैं वे अंग्रेजों के जमाने की है, जिस कारण मसूरी के कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्या बनी रहती है.

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पार्क एस्टेट क्षेत्र में ट्रांसफार्मर के साथ 1,700 मीटर तक फैली एक नई बिजली लाइन की आवश्यकता है. क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति प्रदान करने की लागत अधिक होगी, जिसको लेकर मसूरी नगर पालिका या किसी अन्य सरकारी एजेंसी के माध्यम से विभाग को धन उपलब्ध कराना होगा. धन के उपलब्ध होते ही क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:summary
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से पहाड़ों की रानी मसूरी से मात्र 5 किलोमीटर दूर पार्क् एस्टेट के क्षेत्र में लगभग 20 परिवार अभी भी अंधेरे और पानी की कमी से जूझ रहे हैं राजनीतिक दलों द्वारा सरकार की नीतियों और लंबे वादों के बावजूद इस इलाके के निवासियों को अभी तक एक बल्ब की रोशनी या पाइप जलापूर्ति का लाभ नहीं मिल पाया 20 परिवार के सदस्य आजादी के 73 सालों के बाद भी अपनी रातें गैस लालटेन दीये और मोमबत्ती जलाकर बिताने को मजबूर है और यह लोग अपनी पानी की जरूरत है गांव से 1 किलोमीटर दूर स्थित कुए के गंदे पानी से पहले पूरी कर रहे हैं यह क्षेत्र गांधी चौक मसूरी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मसूरी नगर पालिका परिषद के दायरे में आता है


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Conclusion:
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