ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में नववर्ष के मौके पर रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, हिंदुजा परिवार एवं अनेक देशों से आये साधकों एवं योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया. इस मौके पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया. जिसके बाद हिंदुजा परिवार के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन में होने वाली आध्यात्मिक गतिविधियों में यथा गंगा स्नान, यज्ञ, गंगा आरती और संतों को भोजन प्रसाद परोसा.
बता दें कि परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट का कार्यक्रम पांच दिन तक चलेगा. जिसमें योग, ध्यान, प्राणायाम, वैदिक मंत्रों का उच्चारण, मुद्रा का अभ्यास तथा सत्संग के माध्यम से मानव जीवन की उपयोगिता, मानव जीवन का उद्देश्य, जीवन मूल्य, सनातन जीवन पद्धति, कर्म की महिमा, जीवन में धर्म का महत्व जैसे अनेक विषयों पर सत्संग होगा. साथ ही भारत के अन्य राज्यों से आये संगीतकार संगीत की प्रस्तुति देंगे.
इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वैसे तो नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में हिन्दू नव सवंत्सर होता है लेकिन दूसरे रूप में 1 जनवरी को भी मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को बंसतोत्सव के रूप में नववर्ष महोत्सव का आरंभ होता है. जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तब इस तिथि को प्रथम स्थान दिया गया था. इसलिये इसे प्रतिपदा भी कहा जाता है और इस तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है.
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चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नव वर्ष को शराब के साथ नहीं बल्कि साधना के साथ मनाएं. फोन के साथ नहीं बल्कि मौन के साथ मनाएं. विगत वर्ष के सभी नकारात्मक विचारों को त्याग करें. नकारात्मक चितंन को छोड़कर एक सकारात्मक जीवन की शुरुआत करें. एक ऐसा जीवन जो आप अपने लिये चाहते हैं बस उसी भाव से जीना और दूसरों के साथ व्यवहार करना आरम्भ करें.