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नववर्ष पर परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट, लोगों ने रुद्राभिषेक कर लिया संकल्प

परमार्थ निकेतन में नववर्ष के मौके पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया. इस मौके पर सभी ने सकारात्मक सोचने, शराब का सेवन न करने, पर्यावरण संरक्षण के साथ पौधरोपण का संकल्प लिया.

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Published : Jan 1, 2020, 8:20 PM IST

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में नववर्ष के मौके पर रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, हिंदुजा परिवार एवं अनेक देशों से आये साधकों एवं योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया. इस मौके पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया. जिसके बाद हिंदुजा परिवार के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन में होने वाली आध्यात्मिक गतिविधियों में यथा गंगा स्नान, यज्ञ, गंगा आरती और संतों को भोजन प्रसाद परोसा.

परमार्थ निकेतन में रुद्राभिषेक कर नववर्ष का शुभारंभ.

बता दें कि परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट का कार्यक्रम पांच दिन तक चलेगा. जिसमें योग, ध्यान, प्राणायाम, वैदिक मंत्रों का उच्चारण, मुद्रा का अभ्यास तथा सत्संग के माध्यम से मानव जीवन की उपयोगिता, मानव जीवन का उद्देश्य, जीवन मूल्य, सनातन जीवन पद्धति, कर्म की महिमा, जीवन में धर्म का महत्व जैसे अनेक विषयों पर सत्संग होगा. साथ ही भारत के अन्य राज्यों से आये संगीतकार संगीत की प्रस्तुति देंगे.

इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वैसे तो नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में हिन्दू नव सवंत्सर होता है लेकिन दूसरे रूप में 1 जनवरी को भी मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को बंसतोत्सव के रूप में नववर्ष महोत्सव का आरंभ होता है. जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तब इस तिथि को प्रथम स्थान दिया गया था. इसलिये इसे प्रतिपदा भी कहा जाता है और इस तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है.

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परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती.

पढ़ें- बैंगलुरु में PM मोदी के हाथों सम्मानित होंगे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नव वर्ष को शराब के साथ नहीं बल्कि साधना के साथ मनाएं. फोन के साथ नहीं बल्कि मौन के साथ मनाएं. विगत वर्ष के सभी नकारात्मक विचारों को त्याग करें. नकारात्मक चितंन को छोड़कर एक सकारात्मक जीवन की शुरुआत करें. एक ऐसा जीवन जो आप अपने लिये चाहते हैं बस उसी भाव से जीना और दूसरों के साथ व्यवहार करना आरम्भ करें.

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में नववर्ष के मौके पर रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, हिंदुजा परिवार एवं अनेक देशों से आये साधकों एवं योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया. इस मौके पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया. जिसके बाद हिंदुजा परिवार के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन में होने वाली आध्यात्मिक गतिविधियों में यथा गंगा स्नान, यज्ञ, गंगा आरती और संतों को भोजन प्रसाद परोसा.

परमार्थ निकेतन में रुद्राभिषेक कर नववर्ष का शुभारंभ.

बता दें कि परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट का कार्यक्रम पांच दिन तक चलेगा. जिसमें योग, ध्यान, प्राणायाम, वैदिक मंत्रों का उच्चारण, मुद्रा का अभ्यास तथा सत्संग के माध्यम से मानव जीवन की उपयोगिता, मानव जीवन का उद्देश्य, जीवन मूल्य, सनातन जीवन पद्धति, कर्म की महिमा, जीवन में धर्म का महत्व जैसे अनेक विषयों पर सत्संग होगा. साथ ही भारत के अन्य राज्यों से आये संगीतकार संगीत की प्रस्तुति देंगे.

इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वैसे तो नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में हिन्दू नव सवंत्सर होता है लेकिन दूसरे रूप में 1 जनवरी को भी मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को बंसतोत्सव के रूप में नववर्ष महोत्सव का आरंभ होता है. जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तब इस तिथि को प्रथम स्थान दिया गया था. इसलिये इसे प्रतिपदा भी कहा जाता है और इस तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है.

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परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती.

पढ़ें- बैंगलुरु में PM मोदी के हाथों सम्मानित होंगे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नव वर्ष को शराब के साथ नहीं बल्कि साधना के साथ मनाएं. फोन के साथ नहीं बल्कि मौन के साथ मनाएं. विगत वर्ष के सभी नकारात्मक विचारों को त्याग करें. नकारात्मक चितंन को छोड़कर एक सकारात्मक जीवन की शुरुआत करें. एक ऐसा जीवन जो आप अपने लिये चाहते हैं बस उसी भाव से जीना और दूसरों के साथ व्यवहार करना आरम्भ करें.

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ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन में नव वर्ष का शुभारम्भ रूद्राभिषेक से हुआ। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, हिन्दूजा परिवार एवं विश्व के अनेक देशों से आये साधकों एवं योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया। हिन्दूजा परिवार के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन में होने वाली आध्यात्मिक गतिविधियों में यथा गंगा स्नान, यज्ञ, गंगा आरती और संतों को भोजन प्रसाद परोसा।


Body:वी/ओ--नव वर्ष का स्वागत योग रिट्रीट से करने के लिये परमार्थ निकेतन में भारत सहित विश्व के अनेक देशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया। योग रिट्रीट का कार्यक्रम पांच दिनों तक चलेगा जिसमें योग, ध्यान, प्राणायाम, वैदिक मंत्रों का उच्चारण, मुद्रा का अभ्यास तथा सत्संग के माध्यम से मानव जीवन की उपयोगिता, मानव जीवन का उद्देश्य, जीवन मूल्य, सनातन जीवन पद्धति, कर्म की महिमा, जीवन में धर्म का महत्व जैसे अनेक विषयों पर सत्संग होगा। साथ ही भारत के अन्य राज्यों से आये संगीतकार संगीत की प्रस्तुति देंगे। सांयकालीन सत्र में सभी योग जिज्ञासु ने माँ गंगा जी की दिव्य आरती में सहभाग किया। तत्पश्चात योग जिज्ञासुओं ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के साथ आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी, मौन सत्र, सूर्य उदय, सूर्य अस्त साधना और अन्य आध्यात्मिक सत्रों में सहभाग किया, यह क्रम पांच दिनों तक जारी रहेगा।नव वर्ष की शुरूआत नये संकल्पों के साथ करने के लिये योग रिट्रीट का आयोजन किया गया। योग जिज्ञासुओं ने स्नान, ध्यान, सत्संग, विश्व शान्ति यज्ञ में आहूतियां देकर नव वर्ष में धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिये धरती का अभिषेक किया तथा सभी के सुखद भविष्य की कामना करते हुये योग रिट्रीट का शुभारम्भ किया।


परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’वैसे तो नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में हिन्दू नव सवंत्सर होता है लेकिन दूसरे रूप में 1 जनवरी को भी मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को बंसतोत्सव के रूप में नववर्ष महोत्सव का आरंभ होता है। जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तब इस तिथि को प्रथम स्थान दिया गया था इसलिये इसे प्रतिपदा भी कहा जाता है तथा इस तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है।




Conclusion:वी/ओ--परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’हम नव वर्ष को आध्यात्मिक रूप से मनायें; नव वर्ष को शराब के साथ नहीं बल्कि साधना के साथ मनायें;  फोन के साथ नहीं बल्कि मौन के साथ मनायें, विगत वर्ष के सभी नकारात्मक विचारों को त्याग कर; नकारात्मक चितंन को छोड़ कर एक सकारात्मक जीवन की शुरूआत करें। एक ऐसा जीवन जो आप अपने लिये चाहते हैं बस उसी भाव से जीना और दूसरों के साथ व्यवहार करना आरम्भ करें।

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