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कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोके जाने से इंटक नाराज, सरकार से लगाई ये गुहार

इंटक ने केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की ओर से कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर एक साल की रोक लगाने की निंदा की है.

heera singh
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Published : Apr 27, 2020, 9:22 PM IST

Updated : May 25, 2020, 3:34 PM IST

देहरादून: राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि जहां आज स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी और शासन व्यवस्था से जुड़े कर्मचारी दिन-रात कोरोना वॉरियर्स के रूप में पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहे हैं. ऐसे में इन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की बजाय केंद्र और राज्य सरकार हतोत्साहित करने में लगी हुई है.

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश इंटक राज्य और केंद्र सरकार से अपील करती है कि कर्मचारी विरोधी आदेश को निरस्त करने का काम करे और आय बढ़ाने के लिए फिजूल खर्चो और देश तथा विदेशों में जमा काले धन को वापस लाए. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों और मजदूरों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस समय देश की अर्थव्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है.

ऐसे में किसान, मजदूर तथा छोटे व्यापारी इस महामारी के समय में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसी भयानक परिस्थिति में केंद्र और राज्य सरकार किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों के साथ-साथ छोटे उद्यमियों के लिए भी आर्थिक पैकेज की घोषणा जल्द से जल्द करे.

पढ़े: कोरोना से लड़ाई में PM मोदी को मिलेगा मां गंगा का आशीर्वाद, जानिए पूरी खबर

गौरतलब है कि कोरोना संकट के उपजे हालात में केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से भी राज्य के सवा तीन लाख से अधिक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता फ्रीज कर दिया गया है.

देहरादून: राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि जहां आज स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी और शासन व्यवस्था से जुड़े कर्मचारी दिन-रात कोरोना वॉरियर्स के रूप में पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहे हैं. ऐसे में इन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की बजाय केंद्र और राज्य सरकार हतोत्साहित करने में लगी हुई है.

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश इंटक राज्य और केंद्र सरकार से अपील करती है कि कर्मचारी विरोधी आदेश को निरस्त करने का काम करे और आय बढ़ाने के लिए फिजूल खर्चो और देश तथा विदेशों में जमा काले धन को वापस लाए. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों और मजदूरों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस समय देश की अर्थव्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है.

ऐसे में किसान, मजदूर तथा छोटे व्यापारी इस महामारी के समय में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसी भयानक परिस्थिति में केंद्र और राज्य सरकार किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों के साथ-साथ छोटे उद्यमियों के लिए भी आर्थिक पैकेज की घोषणा जल्द से जल्द करे.

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गौरतलब है कि कोरोना संकट के उपजे हालात में केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से भी राज्य के सवा तीन लाख से अधिक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता फ्रीज कर दिया गया है.

Last Updated : May 25, 2020, 3:34 PM IST
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