ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में आज से नारी संसद (nari sansad started in Parmarth Niketan) का आगाज हुआ. परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, मुख्य अतिथि राज्यपाल उत्तरप्रदेश आनंदीबेन पटेल, साध्वी भगवती सरस्वती की उपस्थिति में नारी संसद, भारतीय नारी-घर और बाहर का शुभारम्भ हुआ. इसका आयोजन माता ललिता देवी सेवाश्रम ट्रस्ट और परमार्थ निकेतन के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है. इस आयोजन के विमर्श के केंद्र में भारतीय नारी होगी. इस दौरान नारी संसद भी लगेगी. दो दिवसीय इस संसद के चार सत्र आयोजित होंगे.
इस दौरान उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (UP Governor Anandi Ben Patel) ने कहा वर्तमान समय में बेटियों को शिक्षित करने की अत्यंत आवश्यकता है. हमारी बेटियां विद्यालयों तक तो पहुंचती हैं. लेकिन, प्राइमरी शिक्षा लेते-लेते ही वे विद्यालय छोड़ देती हैं. उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और अपने पैरों पर खड़े होने की बात कही. उन्होंने कहा आज जरूरत है महिलाओं के अन्दर स्वाभिमान जगाने की, उन्हें छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ कर सशक्त बनाने की. उन्होंने बेटियों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी.
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स्वामी चिदानंद सरस्वती (Swami Chidananda Saraswati) ने कहा शक्ति पर्व केवल नवरात्रि ही नहीं है बल्कि हर दिन शक्ति पर्व मनाने की जरूरत है, जिससे हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित रह सके. यह समय अमृत भारत का अमृत महोत्सव है. हम सभी को मिलकर अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने और उनके जीवन को समुन्नत बनाने के लिये प्रयास करना होगा.
वहीं, साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा भारत संस्कृति शक्ति की संस्कृति है. भारत की संस्कृति देवी के पूजन की संस्कृति है. हमारे शास्त्रों में जो ज्ञान, शिक्षा और संस्कृति समाहित है उसे समाज में लाने की जरूरत है. पहले सत्र में वक्ताओं ने नारी संसद-घर और बाहर विषय के विस्तार, बारीकियों पर बात की. दूसरे सत्र में जमीन स्तर पर कार्य करने वाली 21 राज्यों से आयी महिलाओं ने अपने कार्य करने के अनुभवों को शेयर किये. साथ ही नाॅलेज शेयरिंग और नेटवर्क बिल्डिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया.