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मसूरीः झूठा शपथ पत्र देने पर सभासद गीता कुमाई की सदस्यता निरस्त

गीता कुमाई पर चुनाव में झूठा शपथ पत्र देने और उनके पति भरत कुमाई द्वारा नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगा था. जांच रिपोर्ट में गीता कुमाई की ओर से किए गए अतिक्रमण सही पाए गए हैं. जिस पर शासन ने नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 40(ख) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए गीता कुमाई की वार्ड नंबर 8 से पालिका सभासद की सदस्यता को निरस्त कर दिया है.

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Published : Aug 31, 2019, 10:52 PM IST

geeta kumai

मसूरीः वार्ड संख्या 8 की सभासद गीता कुमाई की नगर पालिका से सदस्यता निरस्त हो गई है. पालिका की जमीन पर अतिक्रमण करने और झूठा शपथ पत्र पेश करने के आरोप में शासन ने गीता को दोषी करार देते हुए ये निर्णय लिया है.

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शासन से जारी पत्र.

बता दें कि, गीता कुमाई पर चुनाव में झूठा शपथ पत्र देने और उनके पति भरत कुमाई के द्वारा नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगा था. जिसे लेकर पराजित प्रत्याशी केदार चौहान ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर किया था. जिसके बाद हाई कोर्ट की एकलपीठ ने नगर पालिका भूमि पर कब्जे को लेकर जांच के आदेश दिए थे. साथ ही मुख्य सचिव को उनके खिलाफ विधि अनुसार फैसला लेने को कहा था.

ये भी पढ़ेंः REALITY CHECK: दो पहिया वाहन चालक नियमों को बता रहे धता, खास रिपोर्ट

दायर याचिका में केदार चौहान ने कहा था कि नगर पालिका का चुनाव 2018 में हुआ था. उन्होंने पालिका के सभासद का चुनाव लड़ा और वो हार गए थे. उनके वार्ड से जीत दर्ज करने वाली गीता कुमाई ने अपने नामांकन के दौरान नो-ड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया था, लेकिन इस आशय का शपथ पत्र दिया था कि उनके परिवार का सरकारी भूमि पर कब्जा पाए जाने पर वो सभासद पद से इस्तीफा देगी.

इसी कड़ी में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और जिला अधिकारी ने शासन में एक रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट के आधार पर गीता कुमाई की ओर से किए गए अतिक्रमण सही पाया गया है. जिसपर शासन ने नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 40(ख) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए गीता कुमाई की वार्ड नंबर 8 से पालिका सभासद की सदस्यता को निरस्त कर दिया है.

मसूरीः वार्ड संख्या 8 की सभासद गीता कुमाई की नगर पालिका से सदस्यता निरस्त हो गई है. पालिका की जमीन पर अतिक्रमण करने और झूठा शपथ पत्र पेश करने के आरोप में शासन ने गीता को दोषी करार देते हुए ये निर्णय लिया है.

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शासन से जारी पत्र.

बता दें कि, गीता कुमाई पर चुनाव में झूठा शपथ पत्र देने और उनके पति भरत कुमाई के द्वारा नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगा था. जिसे लेकर पराजित प्रत्याशी केदार चौहान ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर किया था. जिसके बाद हाई कोर्ट की एकलपीठ ने नगर पालिका भूमि पर कब्जे को लेकर जांच के आदेश दिए थे. साथ ही मुख्य सचिव को उनके खिलाफ विधि अनुसार फैसला लेने को कहा था.

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दायर याचिका में केदार चौहान ने कहा था कि नगर पालिका का चुनाव 2018 में हुआ था. उन्होंने पालिका के सभासद का चुनाव लड़ा और वो हार गए थे. उनके वार्ड से जीत दर्ज करने वाली गीता कुमाई ने अपने नामांकन के दौरान नो-ड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया था, लेकिन इस आशय का शपथ पत्र दिया था कि उनके परिवार का सरकारी भूमि पर कब्जा पाए जाने पर वो सभासद पद से इस्तीफा देगी.

इसी कड़ी में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और जिला अधिकारी ने शासन में एक रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट के आधार पर गीता कुमाई की ओर से किए गए अतिक्रमण सही पाया गया है. जिसपर शासन ने नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 40(ख) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए गीता कुमाई की वार्ड नंबर 8 से पालिका सभासद की सदस्यता को निरस्त कर दिया है.

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मसूरी नगर पालिका परिषद की वार्ड 8 की सभासद गीता कुमाई के मामले में शासन निर्णय लेते हुए गीता कुमाई को दोषी मानते हुए उनकी पालिका से सदस्यता को निरस्त कर दिया है बता दे कि गीता कुमाई के पति भरत कुमाई के द्वारा नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण और गीता कुमाई के द्वारा चुनाव में झूठा शपथ पत्र देने के मामले को लेकर पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी


Body: सर इस खबर की पूरी स्क्रिप्ट मेल से भेजी गई है


Conclusion:
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