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मसूरी: महिला स्वास्थ्य कर्मचारी ने CMS पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, जांच में जुटा प्रशासन

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Published : Feb 19, 2020, 9:34 AM IST

सिविल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक महिला कर्मचारी ने सीएमएस सहित डॉक्टरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. पीड़िता की शिकायत के बाद एसडीएम ने डॉक्टर और कर्मचारियों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए.

मसूरी
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मसूरी: सिविल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक कर्मचारी ने सीएमएस सहित डॉक्टरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी की थी. जिसके बाद एसडीएम पुलिस टीम के साथ मामले की जांच करने अस्पताल पहुंचे, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया.

वहीं, इस मामले में एसडीएम द्वारा अस्पताल के कर्मचारियों, डॉक्टरों सहित पीड़िता के लिखित बयान लिए गए. जिसमें पीड़ित ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा उसका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है. उसका कहना है कि वह प्रेग्नेंट है और जिसके चलते वह कई काम करने में असमर्थ है.

प्रशासन ने शुरू की जांच.

साथ ही पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर द्वारा उसको मौखिक निर्देश देकर काम कराया जा रहा है जबकि, उसका कहना है कि जो भी निर्देश है उसको दिए जाएं वह लिखित रूप में दिए जाएं. लेकिन डॉक्टर द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. जिससे वह काफी परेशान है.

उधर, इन आरोपों को लेकर सीएमएस डॉ. आरसीएस पंवार का कहना है कि महिला कर्मचारी द्वारा उनपर या अन्य डॉक्टरों पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह बेबुनियाद है. उनके द्वारा किसी का भी कोई मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा रहा है. वह चाहते हैं कि सभी कर्मचारी अपना काम सही तरीके से करें.

यह भी पढ़ेंः रोडवेज बस की टक्कर से कावड़िए की मौत, गुस्साए कांवड़ियों ने जाम किया नेशनल हाईवे

डॉ. पंवार का कहना है कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी कर्मचारियों को नियमानुसार काम करने के लिए कह रहे हैं. जिससे कुछ कर्मचारियों में नाराजगी है. ऐसे में उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं.

वहीं, एसडीएम मसूरी वरुण चौधरी ने कहा कि पीड़िता की शिकायत पर उनके द्वारा अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर और कर्मचारियों से पूछताछ की गई है और सभी के लिखित बयान लिए गए हैं. इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. उच्च अधिकारियों के सम्मुख जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

मसूरी: सिविल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक कर्मचारी ने सीएमएस सहित डॉक्टरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी की थी. जिसके बाद एसडीएम पुलिस टीम के साथ मामले की जांच करने अस्पताल पहुंचे, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया.

वहीं, इस मामले में एसडीएम द्वारा अस्पताल के कर्मचारियों, डॉक्टरों सहित पीड़िता के लिखित बयान लिए गए. जिसमें पीड़ित ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा उसका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है. उसका कहना है कि वह प्रेग्नेंट है और जिसके चलते वह कई काम करने में असमर्थ है.

प्रशासन ने शुरू की जांच.

साथ ही पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर द्वारा उसको मौखिक निर्देश देकर काम कराया जा रहा है जबकि, उसका कहना है कि जो भी निर्देश है उसको दिए जाएं वह लिखित रूप में दिए जाएं. लेकिन डॉक्टर द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. जिससे वह काफी परेशान है.

उधर, इन आरोपों को लेकर सीएमएस डॉ. आरसीएस पंवार का कहना है कि महिला कर्मचारी द्वारा उनपर या अन्य डॉक्टरों पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह बेबुनियाद है. उनके द्वारा किसी का भी कोई मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा रहा है. वह चाहते हैं कि सभी कर्मचारी अपना काम सही तरीके से करें.

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डॉ. पंवार का कहना है कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी कर्मचारियों को नियमानुसार काम करने के लिए कह रहे हैं. जिससे कुछ कर्मचारियों में नाराजगी है. ऐसे में उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं.

वहीं, एसडीएम मसूरी वरुण चौधरी ने कहा कि पीड़िता की शिकायत पर उनके द्वारा अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर और कर्मचारियों से पूछताछ की गई है और सभी के लिखित बयान लिए गए हैं. इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. उच्च अधिकारियों के सम्मुख जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

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