मसूरी: शिफन कोर्ट के बेघर लोगों को अपने आशियाने की आस जगी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित लोगों को भूमि के पट्टे आवंटित करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. लंबे समय से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे शिफन कोर्ट के लोगों ने सीएम के पट्टे आवंटित करने के प्रस्ताव के बाद उनका आभार जताया है.
राज्य आंदोलनकारी कमल भंडारी की अगुवाई में शिफन कोर्ट आवासहीन समिति के संयोजक प्रदीप भण्डारी, अध्यक्ष संजय टम्टा तथा महामंत्री राजेन्द्र सेमवाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. इस दौरान सभी ने मुख्यमंत्री को शिफन कोर्ट वासियों की समस्याओं से अवगत कराया. समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज तक उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. जिससे वो अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
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उन्होंने मुख्यमंत्री से शिफन कोर्ट से हटाए गए लोगों को मसूरी में नगर पालिका की जमीन में मात्र 50- 50 गज के पट्टे आवंटित करने की मांग की. प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री द्वारा नियमानुसार कार्रवाई हेतु शहरी विकास विभाग को पत्र अग्रसारित कर दिया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे शिफन कोर्ट वासियों के आवास समस्या दूर करने को लेकर गंभीर हैं. प्रतिनिधिमंडल ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है.
बता दें, मसूरी शिफन कोर्ट में सरकारी भूमि पर करीब 84 परिवारों ने अवैध कब्जा कर रखा था. इसको लेकर साल 2018 में मसूरी नगर पालिका द्वारा अवैध कब्जा धारियों को नोटिस दिया गया था. जिसके बाद कब्जा धारी उच्च न्यायालय से स्टे लेकर आए थे. स्टे के बाद प्रशासन ने कार्रवाई रोक दी थी. जिसके बाद 17 अगस्त 2020 को उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद उस स्टे को खारिज कर दिया था. वहीं, प्रशासन ने शिफन कोर्ट से अवैध कब्जे को खाली कराया था.