देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों एक फाइल लंबे समय से घूम रही है, यह फाइल दून मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन को लेकर है. दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन पिछले 1 साल से खराब है. इसके काफी पुराने होने के कारण अब नई मशीन खरीदे जाने की प्रक्रिया चल रही है.
देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से एमआरआई मशीन खराब है. खास बात यह है कि महंगी जांच होने के कारण गरीब लोगों के लिए दून मेडिकल कॉलेज में यह मशीन एक बड़ी राहत देती थी. मगर करीब 1 साल से मशीन खराब है, जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके अब तक चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
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शासन स्तर पर नई मशीन खरीदे जाने की फाइल शुरू की गई है, लेकिन कई महीनों बाद भी अब तक इस पर कोई काम नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि बजट की कमी और एमआरआई मशीन के महंगे दाम होने के कारण इसके लिए अलग से बजट की व्यवस्था करना शासन के लिए मुश्किल हो रहा है, लेकिन सवाल यह है कि आम लोगों के लिए बेहद जरूरी इस मशीन को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर क्यों नहीं है?
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दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपए की खरीद विभिन्न चीजों के लिए की जा रही है. ऐसे में इस जरूरी मशीन के लिए क्यों नहीं अलग से व्यवस्था की जा रही है? दून मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉक्टर केसी पंत कहते हैं कि यह मशीन गरीबों के लिए बेहद जरूरी है. एक तरफ जहां बाजार में निजी अस्पताल में एमआरआई जांच 7000 से 8000 तक होती है वहीं, दून मेडिकल कॉलेज में ये जांच 3500 रुपये में हो जाती है. नई मशीन के आने तक लोगों को फिलहाल इंतजार करना होगा.