नई दिल्ली / देहरादून: संसद के शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल के दौरान गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया.
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अवगत कराया कि पंचायती राज की नई व्यवस्था से पहले ग्राम प्रधानों द्वारा अपने-अपने ग्राम सभाओं की जनता को परिवार रजिस्टर की नकल एवं जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र दिये जाते थे. इससे ग्रामीणों को काफी सुविधा होती थी. लेकिन ई-डिस्ट्रिक्ट प्रणाली लागू होने के बाद ग्रामीणों को दिक्कतें आई हैं. अभी जनता को इसे लेने के लिये विकासखंडों में आना पड़ता है लेकिन विकासखंड स्तर पर परिवार रजिस्टर की नकल आवेदकों को सरलता से नहीं मिल रहा है.
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रावत ने कहा कि दूर-दराज के गांवों से लोग 15-20 किलोमीटर का सफर तय कर विकासखंड में जाते हैं. संबंधित कर्मचारी नेटवर्क नहीं होने का हवाला देकर ग्रामीणों को वापस भेज देते हैं. इस वजह से लोगों का समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी होता है और संबंधित दस्तावेज भी नहीं मिलते. इसका आश्वासन भी संबंधित अधिकारी नहीं देते, जिस कारण एक छोटे से दस्तावेज के लिये काफी अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है.
गढ़वाल सांसद ने मांग की कि ई-डिस्ट्रिक्ट प्रणाली को ग्राम सभा स्तर पर ग्राम प्रधानों के कार्यालय में शुरू किया जाए. इससे ग्रामीणों को अपने ही गांव में वो सुविधा मिल सकेगी.