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उत्तराखंड में मंगलवार को मॉनसून देगा दस्तक, कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट - बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम केंद्र

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में 23 जून को दस्तक देने के बाद मॉनसून अपनी रफ्तार पकड़ेगा. इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकता है.

Monsoon in Uttarakhand
मंगलवार को मॉनसून देगा दस्तक.
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Published : Jun 22, 2020, 3:40 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 23 जून को मॉनसून दस्तक दे रहा है. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए प्रदेश के कई हिस्सों में 4 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने कई स्थानों पर भारी बारिश के चलते लैंड स्लाइड होने की आशंका जताई है. वहीं, उत्तराखंड सरकार मॉनसून को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है.

उत्तराखंड में मंगलवार को मॉनसून देगा दस्तक.

भौगोलिक परिस्थितियों के चलते उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान लगभग आपदा जैसे हालात हो जाते हैं. इसके साथ ही पहाड़ी मार्गों पर भूस्खलन होने के चलते रोड ब्लॉक हो जाते हैं, जिसकी वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में 23 जून को दस्तक देने के बाद मॉनसून अपनी रफ्तार पकड़ेगा.

इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

  • 22 जून- नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पौड़ी, पिथौरागढ़ और देहरादून
  • 23 जून- पिथौरागढ़, देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पौड़ी और टिहरी
  • 24 जून- पिथौरागढ़, देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पौड़ी और टिहरी
  • 25 जून- नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, पौड़ी, टिहरी, देहरादून

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: लॉकडाउन की मार से उबरेगा MSME सेक्टर? जानिए एक्सपर्ट की राय

प्रदेश के 4 बड़े लैंड स्लाइड जोन

NH-58 श्रीनगर-रुद्रप्रयाग हाईवे

बदरीनाथ और केदानाथ जैसे विश्व प्रसिद्ध धाम जाने वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़, सिरोबगड़, फरासू जैसे कई लैंडस्लाइड जोन हैं. लेकिन इनमें सबसे अधिक सक्रिय फरासू स्थित लैंडस्लाइड जोन है. यहां अलकनंदा नदी के समानातर राजमार्ग गुजरता है और अलकनंदा पर बनी जल विद्युत परियोजना से जब भी पानी छोड़ा जाता है, तो ये पानी राजमार्ग पर नीचे से कटाव करती रहती हैं. इसके साथ ही हाईवे के काफी ऊपर से पहाड़ी लगातार दरक रही है और आए दिन मार्ग बंद होते रहते हैं. जिसकी वजह से केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट लैंडस्लाइड जोन

डाबरकोट जगह पर पिछले दो साल से पूरा पहाड़ ही दरक रहा है. डाबरकोट हाईवे के नीचे यमुना नदी है और हाईवे ऊपर से पहाड़ टूट रहा है. इस स्थान पर डायवर्जन का कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है. आए दिन बंद हो रहे इस मार्ग के कारण यमुनोत्री यात्रा तो बाधित होती ही है, इसके साथ ही यमुनाघाटी के सैकड़ों गांवों में खाद्य आपूर्ति भी प्रभावित होती है.

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा लैंडस्लाइड जोन

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे बेहद महत्वपूर्ण मोटर मार्ग है. इस मार्ग पर बांसवाड़ा में आए दिन पहाड़ दरक रहे हैं. इसके बंद होने से पूरी केदारघाटी, मदमहेश्वर घाटी और तुंगनाथ घाटी का संपर्क देश से टूट जाता है. केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भी घंटों-घंटों तक मार्ग खुलने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं मार्ग के लिए वैकल्पिक रूट भी बनाया गया, लेकिन मंदाकिनी का बढ़ता जलस्तर उस रास्ते का भी कटान कर रही है, जिसकी वजह से वैकल्पिक मार्ग भी बंद पड़ा हुआ है.

कुमाऊं में NH-125 टनकपुर-तवाघाट हाईवे

कुमाऊं मंडल में टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर चारधाम रोड परियोजना का काम चल रहा है. जिसके चलते धौन नामक जगह पर नया लैंडस्लाइड जोन विकसित हो गया है, जो आए दिन भरभराकर ढह रहा है. इसके बंद होने से चंपावत और पिथौरागढ़ के दो जिले बड़े पैमाने पर प्रभावित होते रहते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में 23 जून को मॉनसून दस्तक दे रहा है. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए प्रदेश के कई हिस्सों में 4 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने कई स्थानों पर भारी बारिश के चलते लैंड स्लाइड होने की आशंका जताई है. वहीं, उत्तराखंड सरकार मॉनसून को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है.

उत्तराखंड में मंगलवार को मॉनसून देगा दस्तक.

भौगोलिक परिस्थितियों के चलते उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान लगभग आपदा जैसे हालात हो जाते हैं. इसके साथ ही पहाड़ी मार्गों पर भूस्खलन होने के चलते रोड ब्लॉक हो जाते हैं, जिसकी वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में 23 जून को दस्तक देने के बाद मॉनसून अपनी रफ्तार पकड़ेगा.

इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

  • 22 जून- नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पौड़ी, पिथौरागढ़ और देहरादून
  • 23 जून- पिथौरागढ़, देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पौड़ी और टिहरी
  • 24 जून- पिथौरागढ़, देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, चंपावत, पौड़ी और टिहरी
  • 25 जून- नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, पौड़ी, टिहरी, देहरादून

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प्रदेश के 4 बड़े लैंड स्लाइड जोन

NH-58 श्रीनगर-रुद्रप्रयाग हाईवे

बदरीनाथ और केदानाथ जैसे विश्व प्रसिद्ध धाम जाने वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़, सिरोबगड़, फरासू जैसे कई लैंडस्लाइड जोन हैं. लेकिन इनमें सबसे अधिक सक्रिय फरासू स्थित लैंडस्लाइड जोन है. यहां अलकनंदा नदी के समानातर राजमार्ग गुजरता है और अलकनंदा पर बनी जल विद्युत परियोजना से जब भी पानी छोड़ा जाता है, तो ये पानी राजमार्ग पर नीचे से कटाव करती रहती हैं. इसके साथ ही हाईवे के काफी ऊपर से पहाड़ी लगातार दरक रही है और आए दिन मार्ग बंद होते रहते हैं. जिसकी वजह से केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट लैंडस्लाइड जोन

डाबरकोट जगह पर पिछले दो साल से पूरा पहाड़ ही दरक रहा है. डाबरकोट हाईवे के नीचे यमुना नदी है और हाईवे ऊपर से पहाड़ टूट रहा है. इस स्थान पर डायवर्जन का कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है. आए दिन बंद हो रहे इस मार्ग के कारण यमुनोत्री यात्रा तो बाधित होती ही है, इसके साथ ही यमुनाघाटी के सैकड़ों गांवों में खाद्य आपूर्ति भी प्रभावित होती है.

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा लैंडस्लाइड जोन

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे बेहद महत्वपूर्ण मोटर मार्ग है. इस मार्ग पर बांसवाड़ा में आए दिन पहाड़ दरक रहे हैं. इसके बंद होने से पूरी केदारघाटी, मदमहेश्वर घाटी और तुंगनाथ घाटी का संपर्क देश से टूट जाता है. केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भी घंटों-घंटों तक मार्ग खुलने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं मार्ग के लिए वैकल्पिक रूट भी बनाया गया, लेकिन मंदाकिनी का बढ़ता जलस्तर उस रास्ते का भी कटान कर रही है, जिसकी वजह से वैकल्पिक मार्ग भी बंद पड़ा हुआ है.

कुमाऊं में NH-125 टनकपुर-तवाघाट हाईवे

कुमाऊं मंडल में टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर चारधाम रोड परियोजना का काम चल रहा है. जिसके चलते धौन नामक जगह पर नया लैंडस्लाइड जोन विकसित हो गया है, जो आए दिन भरभराकर ढह रहा है. इसके बंद होने से चंपावत और पिथौरागढ़ के दो जिले बड़े पैमाने पर प्रभावित होते रहते हैं.

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