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उत्तराखंड में कोरोना BF.7 वेरिएंट से निपटने की तैयारी, मॉकड्रिल में ऐसी मिली व्यवस्थाएं

उत्तराखंड में कोरोना के BF.7 वेरिएंट से निपटने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, अभी तक इस वेरिएंट का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार अभी से ही तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं को मुकम्मल करना चाहती है, ताकि अगर कोरोना के नया वेरिएंट का कहर बरसता है तो उससे निपटा जा सके. आज कोरोना से निपटने को लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, बड़े सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल हुई.

Mock Drill in Uttarakhand Hospitals
उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में मॉक ड्रिल
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Published : Dec 27, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 10:35 PM IST

उत्तराखंड में कोरोना से निपटने को लेकर मॉकड्रिल.

देहरादूनः दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस बार ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7 variant) की दहशत है. जिसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसी कड़ी में देशभर के साथ ही उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. मॉकड्रिल का मकसद कोरोना से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना है. ताकि, कोरोना के नए वेरिएंट से निपटा जा सके.

दरअसल, आगामी चुनौतियों को देखते हुए अभी से ही कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में तमाम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा रहा है. लिहाजा, सभी अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. इस कड़ी उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय यानी कोरोनेशन अस्पताल देहरादून (Coronation Hospital Dehradun) में चल रहे मॉकड्रिल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन और अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

उन्होंने अधिकारियों को व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के साथ ही धरातल पर नजर बनाने के निर्देश दिए, जिससे कोरोना में इजाफा न हो. स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में अभी ओमिक्रोन बीएफ. 7 का अब तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिसको लेकर अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए भी कहा गया. इससे निपटने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जा रही है.

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में व्यवस्थाएं चाक-चौबंदः हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और एसीएमओ रश्मि पंत ने आज सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital Haldwani) का निरीक्षण किया. इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति, मास्क, दवाएं, वेंटिलेटर का परीक्षण किया गया. कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी में ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक चीजें पूरी तरह फिट पाई गई.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में खत्म हो गई कोविशील्ड वैक्सीन, कैसे लगेगा बूस्टर डोज

हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह (Haldwani City Magistrate Richa Singh) ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल लगभग पूरी तरह तैयार है. बावजूद इसके ऑक्सीजन प्लांट और आईसीयू की स्थिति को परखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी कुछ खामियां हैं, उसे तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

हरिद्वार मेला अस्पताल में मॉकड्रिलः हरिद्वार के राजकीय मेला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉकड्रिल किया गया. जहां दवाइयों से लेकर आईसीयू बेड और वेंटिलेटर तक सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद थी. बता दें कि हरिद्वार 60 बेड का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल तैयार किया गया है. जिसमें 9 बेड आईसीयू और 51 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. अस्पताल के पास दो ऑक्सीजन प्लांट भी हैं, जो अन्य अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई भी देंगे.

रुद्रपुर में मॉकड्रिल में आई कमी को लेकर डीएम ने की चर्चाः कोरोना की चौथी लहर को देखते हुए रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. डीएम युगल किशोर पंत ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मॉक ड्रिल को परखा. उसके बाद मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ के साथ बैठक कर मॉकड्रिल में आई कमी को लेकर चर्चा की. साथ ही उन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए.

उधमसिंह नगर के डीएम युगल किशोर पंत (Udham Singh Nagar DM Yugal Kishore Pant) ने बताया कि कोविड 19 की चौथी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. आज मॉकड्रिल का आयोजन (Mock Drill in Uttarakhand Hospitals) के दौरान जो भी कमियां निकलकर सामने आई है, उन्हें दूर करने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ेंः कोरोना से निपटने के लिए दून अस्पताल तैयार, वर्किंग कंडीशन में ऑक्सीजन और लिक्विड प्लांट

मसूरी के अस्पताल में मॉक ड्रिल में मिली खामियांः मसूरी में देहरादून स्वास्थ्य विभाग की डारेक्टर भारती राणा ने उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें अस्पताल में कुछ कमियां मिली. जिसे जल्द दूर करने के लिए सीएमएस को जरुरी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ की भारी कमी है. जिसको लेकर वो उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देंगे. जिससे अस्पताल में कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके.

ऋषिकेश एम्स में परखी गई क्षमताः कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस कड़ी में एम्स परिसर में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता और क्षमताओं को परखा गया.

प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित त्यागी ने बताया कि चीन और अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती उपायों के तहत यह मॉकड्रिल आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि एम्स में पूर्व से ही कोविड गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई, दवाओं, बेड और वेंटिलेटर की सभी व्यवस्थाओं को परख लिया गया है. यदि मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई तो एम्स अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा.

टिहरी मॉकड्रिल में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीः टिहरी जिले में सभी पीएचसी, सीएचसी समेत जिला अस्पताल में कोरोना प्रबंधन की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल की गई. जिसमें कोरोना को लेकर तैयारियां लगभग दुरुस्त पाई गई. सीएमओ संजय कुमार ने बताया कि मॉकड्रिल में ऑक्सीजन की व्यवस्था ठीक पाई गई. ऑक्सीजन प्लांट एक्टिव मिले और कोविड वैक्सीनेशन स्टाफ भी अलर्ट दिखा. इसके अलावा 424 बेडों की व्यवस्था दिखी और 1610 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट भी सुचारू मिले. जबकि, 2 हजार से ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता मिली.

उत्तराखंड में कोरोना से निपटने को लेकर मॉकड्रिल.

देहरादूनः दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस बार ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7 variant) की दहशत है. जिसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसी कड़ी में देशभर के साथ ही उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. मॉकड्रिल का मकसद कोरोना से निपटने के लिए व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना है. ताकि, कोरोना के नए वेरिएंट से निपटा जा सके.

दरअसल, आगामी चुनौतियों को देखते हुए अभी से ही कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में तमाम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा रहा है. लिहाजा, सभी अस्पतालों में मॉकड्रिल किया जा रहा है. इस कड़ी उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय यानी कोरोनेशन अस्पताल देहरादून (Coronation Hospital Dehradun) में चल रहे मॉकड्रिल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन और अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

उन्होंने अधिकारियों को व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के साथ ही धरातल पर नजर बनाने के निर्देश दिए, जिससे कोरोना में इजाफा न हो. स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में अभी ओमिक्रोन बीएफ. 7 का अब तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जिसको लेकर अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए भी कहा गया. इससे निपटने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जा रही है.

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में व्यवस्थाएं चाक-चौबंदः हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और एसीएमओ रश्मि पंत ने आज सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital Haldwani) का निरीक्षण किया. इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति, मास्क, दवाएं, वेंटिलेटर का परीक्षण किया गया. कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी में ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक चीजें पूरी तरह फिट पाई गई.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में खत्म हो गई कोविशील्ड वैक्सीन, कैसे लगेगा बूस्टर डोज

हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह (Haldwani City Magistrate Richa Singh) ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल लगभग पूरी तरह तैयार है. बावजूद इसके ऑक्सीजन प्लांट और आईसीयू की स्थिति को परखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी कुछ खामियां हैं, उसे तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

हरिद्वार मेला अस्पताल में मॉकड्रिलः हरिद्वार के राजकीय मेला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉकड्रिल किया गया. जहां दवाइयों से लेकर आईसीयू बेड और वेंटिलेटर तक सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद थी. बता दें कि हरिद्वार 60 बेड का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल तैयार किया गया है. जिसमें 9 बेड आईसीयू और 51 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. अस्पताल के पास दो ऑक्सीजन प्लांट भी हैं, जो अन्य अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई भी देंगे.

रुद्रपुर में मॉकड्रिल में आई कमी को लेकर डीएम ने की चर्चाः कोरोना की चौथी लहर को देखते हुए रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. डीएम युगल किशोर पंत ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मॉक ड्रिल को परखा. उसके बाद मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ के साथ बैठक कर मॉकड्रिल में आई कमी को लेकर चर्चा की. साथ ही उन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए.

उधमसिंह नगर के डीएम युगल किशोर पंत (Udham Singh Nagar DM Yugal Kishore Pant) ने बताया कि कोविड 19 की चौथी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. आज मॉकड्रिल का आयोजन (Mock Drill in Uttarakhand Hospitals) के दौरान जो भी कमियां निकलकर सामने आई है, उन्हें दूर करने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ेंः कोरोना से निपटने के लिए दून अस्पताल तैयार, वर्किंग कंडीशन में ऑक्सीजन और लिक्विड प्लांट

मसूरी के अस्पताल में मॉक ड्रिल में मिली खामियांः मसूरी में देहरादून स्वास्थ्य विभाग की डारेक्टर भारती राणा ने उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें अस्पताल में कुछ कमियां मिली. जिसे जल्द दूर करने के लिए सीएमएस को जरुरी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ की भारी कमी है. जिसको लेकर वो उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देंगे. जिससे अस्पताल में कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके.

ऋषिकेश एम्स में परखी गई क्षमताः कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस कड़ी में एम्स परिसर में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता और क्षमताओं को परखा गया.

प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित त्यागी ने बताया कि चीन और अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती उपायों के तहत यह मॉकड्रिल आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि एम्स में पूर्व से ही कोविड गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई, दवाओं, बेड और वेंटिलेटर की सभी व्यवस्थाओं को परख लिया गया है. यदि मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई तो एम्स अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा.

टिहरी मॉकड्रिल में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीः टिहरी जिले में सभी पीएचसी, सीएचसी समेत जिला अस्पताल में कोरोना प्रबंधन की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल की गई. जिसमें कोरोना को लेकर तैयारियां लगभग दुरुस्त पाई गई. सीएमओ संजय कुमार ने बताया कि मॉकड्रिल में ऑक्सीजन की व्यवस्था ठीक पाई गई. ऑक्सीजन प्लांट एक्टिव मिले और कोविड वैक्सीनेशन स्टाफ भी अलर्ट दिखा. इसके अलावा 424 बेडों की व्यवस्था दिखी और 1610 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट भी सुचारू मिले. जबकि, 2 हजार से ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता मिली.

Last Updated : Dec 27, 2022, 10:35 PM IST
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